पिंजरे में कैद वन्यजीव अब जंगल में करेंगे भ्रमण

Wildlife imprisoned in cage will now tour in the forest
पिंजरे में कैद वन्यजीव अब जंगल में करेंगे भ्रमण
पिंजरे में कैद वन्यजीव अब जंगल में करेंगे भ्रमण

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  वर्षों से गोरेवाड़ा इंटरनेशनल जू का काम अटका पड़ा है। महीने-महीने कर काम एक वर्ष विलंब हो गया है। मुख्य कारण वन्यजीवों का बताया गया लेकिन गोरेवाड़ा रेस्कयू सेंटर के कुछ वन्यजीवों को यहां छोड़ा जानेवाला है। जिससे की इसी वर्ष अप्रैल माह के शुरूआत में गोरेवाड़ा इंडियन सफारी शुरू होने की उम्मीद है। जिप्सी में सवार होकर पर्यटकों को जंगल की सैर करने का मौका मिलेगा व वर्षों से पिंजरे में कैद वन्यजीव भी खुली जगह में भ्रमण कर सकेंगे। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की ओर से हाल ही में इस बारे में सकारात्मक रवैया अपनाया गया है।

पिंजरे में कैद वन्यजीव अब जंगल में करेंगे भ्रमण
नागपुर शहर से मामूली दूरी पर बन रहे गोरेवाड़ा इंडियन सफारी हर किसी के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेगी। खासकर विदर्भ की यह महत्वपूर्ण सफारियों में एक रहेगी, हालांकि वर्तमान स्थिति में यहां एफडीसीएम के तहत 15 किमी की जंगल सफारी वर्षों पहले बनी है। लोगों को प्राकृतिक सौंदर्य के बीच तेंदुआ, जंगली सुअर, मोर, बंदर आदि वन्यजीवों को देखने का मौका मिलता है लेकिन यहां वन्यजीवों की काफी कमी रहने से कभी-कभार ही वन्यजीवों के दर्शन होते हैं। हालांकि यहां वन विभाग के पास बहुंत विशाल जमीन पहले से है।

लगभग  1914 हेक्टर जंगल फैला हुआ है। ऐसे में इसे और ज्यादा महत्वपूर्ण बनाने के लिए वर्ष 2007 में यहां 539 हेक्टर पर विकास करने की घोषणा वन मंत्रालय ने की थी। इस विकास कार्य में इंडियन सफारी के साथ आफ्रिकन सफारी का निर्माण होगा। पहले चरण में 145 हेक्टर में इंडियन सफारी बनाई जानी थी। जिसमें बाघ, तेंदुआ, भालू व शाकाहारी प्राणियों की सफारी बननी है। इसके बाद बायोपार्क व बर्ड सफारी का भी निर्माण यहीं से होना था। इसके लिए कुल 450 करोड़ का बजट बना है। जिसमें 200 करोड़ सरकार व बाकी खर्च निजी कंपनी को पीपीपी तर्ज पर करना था। वर्षों पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी करते हुए यहां इंडियन सफारी का काम शुरू किया गया।

 वर्ष 2018 में ही यह  शुरू होना था लेकिन काम को अगले साल पर टाला गया। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो वन विभाग व निजी कंपनियों के अधिकारियों में तालमेल की कमी के कारण ऐसा हुआ। हालांकि फिर सबकुछ ठीक होकर इंडियन सफारी को वर्ष 2019 के 15 अगस्त तक शुरू करने की बात कही गई थी। लेकिन भलेही सफारी की काम लगभग पूरा हुआ था, लेकिन वन्यजीव कहां लाये यह सवाल हर किसी के सामने था। बाहर से वन्यजीवों को लाना काफी परेशानी का काम था। इसी के बगल में बने रेस्कयू सेंटर में बाघ व तेंदुए की संख्या अच्छी खासी मौजूद है। लेकिन नियमानुसार इन्हें यहां रखा नहीं जा सकता था। सूत्रों की माने तो अब संबंधित विभाग ने इसके लिए अनुमति दी है। जिसके चलते अप्रैल के शुरूआत में इंडियन सफारी शुरू हो सकती है।

Created On :   28 Jan 2020 3:57 PM IST

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