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नशा रोकने युवाओं को फुटबॉल से जोड़ेंगे, मनरेगा से बनेंगे मैदान
-संभाग के तीनों जिलों में 100-100 फुटबॉल क्लब बनेंगे, खेल विभाग देगा प्रशिक्षण
डिजिटल डेस्क शहडोल। युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति रोकने के लिए उनको फुटबॉल से जोड़ा जा रहा है। गांव-गांव में फुटबॉल क्लब गठित किए जा रहे हैं। वहीं जिन गांवों में खेल के मैदान नहीं हैं, उन्हें चिन्हित करते हुए मनरेगा के तहत मैदान का निर्माण किया जाएगा। संभाग के तीनों जिलों में अब तक 150 क्लब गठित हो चुके हैं। 60 से अधिक क्लब शहडोल जिले में जबकि उमरिया और अनूपपुर जिले में करीब 80 क्लब बन चुके हैं।
संभागायुक्त राजीव शर्मा की अगुवाई में संभाग के तीनों जिलों में शुरू किए गए ग्राम सेवा अभियान के तहत फुटबॉल क्लब का गठन ग्राम पंचायत और संबंधित गांव के युवाओं के द्वारा किया जा रहा है। 30 सितंबर तक तीनों जिलों जिलों को मिलाकर 300 क्लब का गठन किया जाना है। फिर क्लब के सदस्यों खेल विभाग के माध्यम से फुटबॉल उपलब्ध कराते हुए प्रशिक्षण दिया जाएगा। खिलाडिय़ों को अन्य सामाग्री जनप्रतिनिधियों एवं सीएसआर के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। हर क्लब को एक्टिव रखा जाएगा।
अलग-अलग विभागों को सौंपी जिम्मेदारी-
फुटबॉल क्लब बनाने और ग्रामीण युवाओं को फुटबॉल से जोडऩे के इस अभियान में कई विभागों की मदद ली जाएगी। ग्राम पंचायत की प्रमुख भूमिका रहेगी। इसके अलावा जिला पंचायत, खेल एवं युवक कल्याण विभाग को भी इसमें शामिल किया गया है। डायरेक्टर स्पोट्र्स ने संभाग में 100 फुटबॉल देने पर सहमति भी दे दी है। अन्य सामग्री सीएसआर से जुटाई जाएगी। इसी तरह जहां खेल मैदान नहीं हैं। 16 अगस्त से 23 अगस्त के बीच ऐसे ग्राम पंचायतों में शासकीय भूमि का चयन कर मनरेगा से फुटबॉल मैदान का निर्माण किया जाएगा।
दिसंबर में संभाग स्तरीय प्रतियोगिता भी होगी-
जानकारी के अनुसार संभाग में सभी 300 क्लब गठित होने के बाद और इसमें शामिल युवाओं को प्रशिक्षण देने के बाद एक बड़ी फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। नवंबर में टूर्नामेंट कराने का प्रस्ताव है। इसको दिसंबर तक खत्म कर लिया जाएगा। पंचायत स्तर पर जो टीम जीतकर आएगी उनका जनपद स्तर पर मुकाबल होगा। फिर जिला स्तर पर और इसके बाद संभाग स्तर पर मैच आयोजित किए जाएंगे। युवाओं को बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा और संभाग को फुटबॉल के कई चैंपियन मिल सकेंगे।
गांवों में बनेगा खेल का माहौल-
संभागायुक्त राजीव शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में मोबाइल और इंटरनेट की बीमारी गांव-गांव में फैल चुकी है। युवा पीढ़ी पूरी तरह से इसकी चपेट में है। इसके अलावा ग्रामीण प्रतिभा नशे की गिरफ्त में भी फंसती जा रही रही है। इसका प्रमुख कारण है कि गांवों से खेल की गतिविधियां लगभग समाप्त हो गई हैं। बच्चों का शारीरिक विकास बंद हो गया है। फुटबॉल क्लब बनने और फुटबॉल शुरू होन से उनको एक एक्टिविटी मिलेगी और फुटबॉल का भी विकास होगा। उन्होंने बताया कि शहडोल के विचारपुर से फुटबाल के अच्छे खिलाड़ी निकले हैं। गांव के लोगों से की गई है। उन्होंने कुछ कमियां बताई हैं, उनको दूर करते हुए गांव के युवाओं को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
Created On :   11 July 2021 5:07 PM IST