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सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सार्वजनिक जगहों पर लोगों की भीड़ इकट्ठा होने पर चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि यदि भीड़ को सीमित अथवा नियंत्रित नहीं किया गया तो मुंबई को फिर से कोरोना की दूसरी लहर जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पूर्णपीठ ने कहा कि सरकार, प्राधिकरणों व नागरिकों को अतीत के अनुभवों से सीखना चाहिए। क्योंकि विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर हमारे दरवाजे तक पहुंच चुकी है।
इससे पहले खड़पीठ ने कहा कि एक बैठक के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वार नियुक्त किए गए विशेष कार्य दल का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर राहुल पंडित ने हमे बताया है कि कोरोना की तीसरी लहर ने हमारे दरवाजे पर दस्तक दे दी है। खंडपीठ ने कहा कि यदि कोरोना से बचाव को लेकर तय किए गए नियमों का पालन नहीं किया गया तो राज्य को बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है। कम से कम अप्रैल 2022 तक देश को कोविड की गिरफ्त में नहीं आना चाहिए। खंडपीठ ने कहा कि अखबारों में जो तस्वीरे छप रही हैं। उसमें जुहू चौपाटी, गिरगांव चौपाटी व मरिन ड्राइव इलाके में काफी भीड़ दिख रही है। ऐसे में यदि सरकार ने भीड़ को नियंत्रित नहीं किया तो निश्चित तौर पर फिर से वही स्थिति आ सकती है जिसका हम अतीत में सामना कर चुके है।
हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश 30 सितंबर तक बढ़ाए
इस बीच खंडपीठ ने हाईकोर्ट, राज्य निचली अदालत व न्यायाधिकरण की ओर से जारी किए गए अंतरिम आदेश की अवधि को 30 सितंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है। खंडपीठ ने कहा कि कोरोना की स्थिति को लेकर विशेषज्ञों की ओर से दी गई राय व आनेवाले समय में त्योहारों को देखते हुए अंतरिम आदेश की अवधि को 31 अगस्त 2021 से 30 सितंबर 2021 तक बढ़ाया जाता है। इसलिए न्याय हित में अंतरिम आदेश की अवधि बढ़ाई जा रही है। इस दौरान निष्कासन, नीलामी व ढांचे को गिराने को लेकर कोर्ट की ओर से जारी आदेश पर रोक रहेगी। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि अब सप्ताह में चार दिन हाईकोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई होगी। जबकि एक दिन ऑनलाइन सुनवाई की जाएगी। लेकिन हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश सीमित होगा।
Created On :   31 Aug 2021 6:31 PM IST