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कभी अनुदान नहीं मांगेंगे, यह लिख कर देंगे तभी मिलेगी कॉलेज खोलने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य में नए कॉलेज शुरू करने पर राज्य सरकार ने एक स्पष्ट रुख अपना लिया है। सरकार का सीधा कहना है कि यदि किसी भी शिक्षा संस्था को नया कॉलेज शुरू करना है, तो अपने खर्च पर सेल्फ फायनांस श्रेणी में शुरू करें। राज्य सरकार से आज या भविष्य में कभी भी अनुदान की अपेक्षा न करें। सरकार नए कॉलेज शुरू करने के इच्छुक शिक्षा संस्थाओं से ऐसा शपथ-पत्र 100 रुपए के स्टैंप पेपर पर लिखवा कर ले रही है। इसी तरह राज्य सरकार ने 142 नए कॉलेजों को स्थाई गैर-अनुदानित श्रेणी में अनुमति दी है। ये कॉलेज रामटेक स्थित कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय से संलग्नित होंगे। इसमें से 34 कॉलेज नागपुर विभाग में तो 37 कॉलेज अमरावती में स्थित होंगे। इसके बाद शेष कॉलेज औरंगाबाद, कोल्हापुर, जलगांव, नांदेड और पनवेल विभाग में स्थित हैं।
ऐसी है शर्तें : राज्य सरकार ने इन कॉलेजों को मान्यता देते वक्त कई कड़ी शर्तें रखी हैं। मुख्य तो यह कि इन कॉलेजों को अपने अपने विभाग के उच्च शिक्षा सहसंचालक को शपथ-पत्र लिख कर देना होगा कि उन्हें अभी या भविष्य में राज्य सरकार से कोई अनुदान नहीं चाहिए। यह शपथ-पत्र प्रस्तुत किए और उच्च शिक्षा सहसंचालक के प्रमाण-पत्र के बगैर विश्वविद्यालय को कॉलेज संलग्नता की प्रक्रिया शुरू नहीं करने को कहा गया है। इसके साथ ही कॉलेजों को 30 अगस्त तक अपने यहां विश्वविद्यालय और यूजीसी के दिशा-निर्देशानुसार शिक्षक, अधिकारी-कर्मचारी नियुक्त करने और कॉलेजों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश िदया गया है। कॉलेजों को मान्यता प्राप्त प्रवेश क्षमता से ज्यादा विद्यार्थियों को प्रवेश देने से प्रतिबंधित किया गया है।
वरना हो सकती है मान्यता रद्द...
इन सभी नए कॉलेजों को एक वर्ष के भीतर अपना नैक मूल्यांकन कराना होगा। वर्ना इनकी सीधे इनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। वहीं विश्वविद्यालय और विभागीय सह-संचालक को समय-समय पर कॉलेज की जांच करते रहना है। विद्यार्थी संख्या मंजूर सीटों की 50 प्रतिशत या इससे कम होने पर कॉलेज की मान्यता रद्द समझी जाएगी।
Created On :   21 Jun 2022 2:22 PM IST