नागपुर की बजाय मुंबई में सिर्फ पांच दिनों का होगा अधिवेशन, पेश होंगे 12 विधेयक

Winter session - instead of Nagpur, there will be a session of only five days in Mumbai
नागपुर की बजाय मुंबई में सिर्फ पांच दिनों का होगा अधिवेशन, पेश होंगे 12 विधेयक
शीतकालिन सत्र नागपुर की बजाय मुंबई में सिर्फ पांच दिनों का होगा अधिवेशन, पेश होंगे 12 विधेयक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन 22 से 28 दिसंबर तक मुंबई में होगा। शीत सत्र के दौरान सदन में केवल 5 दिन कामकाज होगा। इस सत्र के दौरान 12 विधेयक पेश किए जाएंगे। सोमवार को विधानमंडल की कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया।  प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने यह जानकारी दी। परब ने बताया कि शीत सत्र के पहले सप्ताह में 22, 23 और 24 दिसंबर को सदन में कामकाज होगा। दूसरे सप्ताह में 27 और 28 दिसंबर को सदन की कार्यवाही चलेगी। परब ने कहा कि बैठक में विपक्ष ने शीत सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की। इससे मद्देनजर विधानमंडल के कामकाज सलाहकार समिति की 24 दिसंबर को बैठक होगी। इस साल का आखिरी सप्ताह होने के कारण विधायकों की कामकाज के लिए सदन में मौजूद रहने की तैयारी को देखते हुए उस बैठक में तय किया जाएगा कि अधिवेशन की अवधि बढ़ाना है अथवा नहीं। 

जरुरी होगी आरटीपीसीआर जांच 

परब ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में फैले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मद्देनजर शीतसत्र के लिए विधानभवन में आने वाले लोगों के लिए कोरोना का टीकाकरण और कोविड की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य की गई है। परब ने बताया कि शीतसत्र के दौरान सदन में प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव समेत अन्य कामकाज होंगे। परब ने कहा कि विधायकों के अतारंकित सवालों के जवाब उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए विधानभवन में 2 दिसंबर को बैठक बुलाई गई है। इसके पहले विधानभवन में आयोजित कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर, विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल, उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत कई मंत्री और विपक्ष के नेता मौजूद थे। 

टीकाकरण और कोविट टेस्ट अनिवार्य 

शीत सत्र के लिए विधानभवन में प्रवेश के लिए कोरोनारोधी टीके की दोनों खुराक लगवाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा कोविड की आरटीपीसीआर जांच भी कराना होगा। कोविड की आरटीपीसीआर जांच हर सप्ताह करानी होगी। कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट वाले व्यक्तियों को ही विधान भवन में प्रवेश मिल सकेगा। मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के साथ केवल एक अधिकारी को विधानभवन में प्रवेश दिया जाएगा। विधायकों के निजी सहायक (पीए) और वाहन चालकों के ठहरने के लिए विधानभवन के बाहर पंडाल में अलग से व्यवस्था की जाएगी। शीत सत्र के दौरान निजी व्यक्ति विधानमंडल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। 

इस कारण नागपुर में नहीं हो रहा सत्र 

परब ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई है। इसके चलते डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री को अगले कुछ दिनों तक हवाई सफर न करने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री शीत सत्र में मौजूद रहना चाहते हैं। इसलिए अधिवेशन नागपुर की बजाय मुंबई में आयोजित करने का फैसला लिया गया है। परब ने बताया कि मुख्यमंत्री शीत सत्र में हिस्सा लेंगे। परब ने कहा कि विपक्ष ने बजट अधिवेशन नागपुर में आयोजित करने की मांग की है। जिस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सकारात्मक प्रतिसाद दिया है। लेकिन बजट अधिवेशन होने के चलते इस बारे में मुख्यमंत्री और अफसरों से चर्चा के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। 

शीतसत्र का समाना करने से नजर चुरा रही सरकार- फडणवीस 

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मंत्रियों के घपले और घोटाले उजागर हुए हैं। इस लिए सरकार शीत सत्र का सामना करने से नजर चुरा रही है। सरकार को संसदीय कामकाज में रुचि नहीं है। शीत सत्र केवल 5 दिनों का होगा। इस कारण बैठक में हमने अधिवेशन की अवधि बढ़ाने की मांग की है। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि साल का आखरी सप्ताह होने के चलते 31 दिसंबर को लोग बाहर जाते हैं। इस पर मैंने तीन दिन के विराम के बाद दोबारा सत्र शुरू करने की मांग की। जनवरी महीने में 5 से 6 दिनों का कामकाज हो सकता है। लेकिन सरकार अधिवेशन का सामना करने के लिए तैयार नहीं है। फडणवीस ने कहा कि मेरे काफी आग्रह के बाद अधिवेशन की अवधि बढ़ाने को लेकर 24 दिसंबर को दोबारा बैठक बुलाने का आश्वासन दिया गया। फडणवीस ने कहा कि पिछले दो सालों में सरकार ने विधायकों के अतारंकित प्रश्न और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव जैसे संसदीय आयुध के जरिए पूछे गए सवालों का उत्तर नहीं दिया है। मैंने बैठक में इस पर काफी नाराजगी व्यक्त की। क्योंकि विधानमंडल में हजारों कर्मचारी काम करते हैं। इसके बावजूद विधायकों के एक भी अतारंकित प्रश्न के जवाब नहीं दिए गए। ऐसी स्थिति महाराष्ट्र में कभी नहीं आई थी। फडणवीस ने कहा कि अधिवेशन में प्रश्नकाल के दौरान सवाल पूछने के लिए विधायक महीने भर पहले प्रश्न भेजते हैं लेकिन सत्र के दौरान तारांकित प्रश्न को लैप्स कर दिया जाता है। बैठक में यह मुद्दा उठाने के बाद सरकार सदन में प्रश्नकाल के लिए तैयार हो गई है। 

नागपुर में बजट सत्र के बाबत होगी चर्चा 

फडणवीस ने कहा कि पिछले दो सालों से नागपुर में अधिवेशन नहीं हो रहा है। इसलिए विदर्भ के लोग ठगा महसूस कर रहे हैं। विदर्भ के लोगों को लग रहा है कि सरकार जानबूझकर नागपुर में अधिवेशन आयोजित नहीं कर रही है। इसके मद्देनजर मैंने अगले साल मार्च में होने वाले बजट सत्र को नागपुर में आयोजित करने की मांग की है। इस पर सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया कि इस बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी। 

 

Created On :   29 Nov 2021 7:27 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story