- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- बेरोकटोक दौड़ रहे काली फिल्म लगे...
बेरोकटोक दौड़ रहे काली फिल्म लगे वाहन : चालकों पर होगी चालान कार्रवाई पर दुकानदारों का इलाज नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यदि आप अपनी कार के शीशों पर काली फिल्म लगाकर घूम रहे हैं, तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी जान लीजिए। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक काली फिल्म चढ़ी गाड़ियां पकड़ी जाती हैं, तो जुर्माना लगेगा। नियम के तहत साइड वाले शीशे में 50 फीसदी तक ट्रांसपेरेंसी होनी चाहिए। इसी तरह यदि पीछे के शीशे की बात करें, तो उसकी विजिबिलिटी भी 70 प्रतिशत तक साफ होनी चाहिए। इसके अलावा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कार के शीशों पर किसी तरह के पर्दे न लगे हों। आदेश में यह भी कहा गया कि यदि खिड़की पर लगी फिल्म नहीं हटाई जाती है, तो इसे अवमानना मानकर कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद संतरानगरी में ऐसे कई वाहन देखे जा सकते हैं, जिनके चारों शीशों पर लगी काली फिल्म नियमों की अनदेखी जाहिर कर रही है।
बेरोकटोक दौड़ते नजर आए वाहन
काली फिल्म चढ़े वाहन शंकर नगर, प्रताप नगर, अंबाझरी, अग्रसेन चौक, फुटाला रोड, अभ्यंकर नगर जैसे व्यस्त मार्गों पर फर्राटे से बेरोकटोक दौड़ते नजर आए। हालांकि इस मामले में ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि काले शीशे लगे वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जबकि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दुकानदारों पर अभी शिकंजा नहीं कसा जा सकता। 100/2 मोटर एक्ट 177 के तहत 200 रुपए का चालान कटता है। वहीं देखा जाए तो ट्रैफिक पुलिस की सख्ती कम होते ही शीशे पर काली फिल्म चढ़ाने का काम फिर शुरू हो जाता है। ज्यादातर लग्जरी वाहनों पर काली फिल्म देखी जा सकती है।
खुलेआम होता है काली फिल्म चढ़ाने का काम
शहर में कुछ दुकानों पर काली फिल्म लगाते हुए कर्मचारियों को साफ देखा जा सकता है। कार एसेसरीज की दुकानों पर काली फिल्म आसानी से उपलब्ध होती है। वाहन मालिक इन दुकानों से जहां कार में लगने वाली साज सज्जा की चीजें लेते हैं, वहीं बेझिझक शीशों पर काली फिल्म लगवा लेते हैं। इस मामले में एक दुकानदार ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि यदि ग्राहक काली फिल्म की डिमांड करता है तो उसे लगवा देते हैं, जबकि इस बात की हिदायत दुकान पर चस्पा की गई है कि आरटीओ के तहत काली फिल्म लगाना नियम के विरुद्ध है।
काले शीशे पर नकेल क्यों
काली फिल्म के कारण अंदर बैठे शख्स के बारे में जानकारी नहीं लगती है। चालक ने सीट बैल्ट पहना है कि नहीं, पता नहीं चलता। कई बार इसका फायदा उठाकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। मिसाल के तौर पर पिछले साल एंबुलेंस में शराब तस्करी का मामला सामने आया था। जिसके शीशों पर काली फिल्म लगी थी। ज्यादातर उन वाहनों में काली फिल्म पाई जाती है, जिसे आपराधिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया हो।
200 रुपए का कटता है चालान
उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी अतुल आदे के मुताबिक 100/2 मोटर एक्ट 177 के तहत 200 रुपए का चालान काटा जाता है। यदि काली फिल्म चढ़े वाहन दिखाई देते हैं, तो चालानी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस एक्ट के तरह पुलिस दुकानदार पर कार्रवाई नहीं कर सकती।
कार्रवाई की जाएगी
पुलिस आयुक्त भूषणकुमार उपाध्याय का कहना है कि अगर गाड़ी में काली फिल्म वाली गाड़ियां पकड़ी जाएंगी तो निश्चित ही कार्रवाई होगी। साथ ही काली फिल्म लगाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
रोक लगाई गई है
डीसीपी ट्रैफिक विभाग निलेश भरणे ने साफ कहा कि गाड़ी के शीशों में काली पन्नी लगवाने वालों दोनों पर कार्रवाई की जाएगी। काली पन्नी पर रोक लगाई गई है।
Created On :   3 March 2019 5:09 PM IST