बिन पानी सब सून शहर में भीषण जल संकट शहरवासी हलाकांन

Without water, there is a severe water crisis in the city.
बिन पानी सब सून शहर में भीषण जल संकट शहरवासी हलाकांन
पन्ना बिन पानी सब सून शहर में भीषण जल संकट शहरवासी हलाकांन

डिजिटल डेस्क,  पन्ना। पन्ना नगरवासी इस समय भीषण जल संकट से जूझ रहे है। जल संकट की यह स्थिति अचानक नही बनी है बल्कि पिछले मानसून सीजन के बाद भी शहरवासियों को जिन तालाबों से पानी की सप्लाई होती है उन दो तालाबों में तब तीन चौथाई पानी ही भरा था जिससे उसी वक्त से यह तय हो गया था कि पन्ना शहर में ग्रीष्मकाल के दौरान भीषण जल संकट की स्थिति निर्मित हो गई। जहां आठ माह पूर्व ही जल संकट के निर्मित होने वाले हालात साफ-तोैर पर दूर से दिखाई देने लगे थे और शहरवासियों को तब से ही एक दिन छोडक़र एक दिन पानी की सप्लाई करने का नगर पालिका और जिला प्रशासन द्वारा फैसला किया। इसके अलावा जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा जल संकट की स्थितियों से निपटने के लिए न तो कोई कार्य योजना तैयार की गई और न ही हर साल जल संकट की बढ़ती चुनौतियों के समाधान के लिए जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा जल व्यवस्था को लेकर कोई योजना स्वीकृत करा कर उसकी शुरूआत कराने को लेकर गंभीरता दिखाई गई। जिसका परिणाम अब इस रूप में सामने आया कि पन्ना शहर का सबसे बड़ा तालाब लोकपाल सागर तालाब पहली बार सूखकर मैदान में तब्दील हो गया। प्रचाीन धरमसागर तालाब में धूल उडऩे लगी है  दोनो तालाबों का पानी उसके अंतिम सांस तक निकाला गया और जब दोनों तालाब मृत स्थिति तक पहँुच गये तो पन्ना शहर की तीन चौथाई आबादी पानी को लेकर त्राही-त्राही कर रही है। प्रशासन के द्वारा वैकिल्पक व्यवस्थाओं के दाबे के साथ निरपत सागर तालाब के पानी को धरमसागर तालाब में लिफ्ट कर पानी की व्यवस्था बनाने दावा किया गया है किन्तु यह व्यवस्था भी मूर्त रूप में राहत देने वाली साबित नही हो रही है। लोकपाल सागर तथा धरमसागर तालाब से शहर की लगभग तीन चौथाई शहर में नल से जो पानी की सप्लाई मिलती थी वह बंद पड़ी हुई है ऐसे में शहरवासी पानी को लेकर नगर पालिका द्वारा टेैंकर तथा फायर ब्रिगेड वाहनों से जो पानी नगर पालिका द्वारा पहँुचाया जाता है उस पर निर्भर हो गई है। जल आपूर्ति के लिए सीमित संख्या में जो टैंकर अथवा फायर ब्रिगेड वाहन लगाये है उनके पहँुचने का कोई निर्धारित वक्त नही हेै। ऐसे कामकाजी परिवार पानी की व्यवस्था को लेकर परेशान है। लोग अपने घरों से डिब्बे लेकर कुओं बोरो आदि तक पहँुचकर पानी की व्यवस्था करने के लिए अपना अधिकांश समय लगाने के लिए मजबूर हे और इससे चलते नगरवासियों के अपने दूसरे कार्य प्रभावित हो रहे है। भीषण जल संकट से जूझ रहे नगरवासियों के नगरीय चुनाव में दूसरे सभी मुद्दे गौण हो चुके है ओैर नगरवासी अब नगर पालिका में पानी का मुद्दा का सबसे बड़े मुद्दा बन गया है। 
पानी नही गिरा तो हालात और भी होगें खराब 
मानसून विभाग की भविष्यवाणी पर प्रशासन १८ जून से बारिश की उम्मीद के साथ राहत की उम्मीद कर रहा था किन्तु मानसून की भविष्यवाणियां पन्ना में बारिश को लेकर सही नही ठहर रही है और एक सप्ताह के दौरान बंूदा-बांदी को छोडक़र बारिश नही हो रही है लगातार मानसून में हो रहे विलंब के चलते शहरवासियों की चिन्तायें बढ़ती जा रही है। ऐसे में हालात और बिगड़ सकेते है एकमात्र तालाब निरपत सागर जिस पर पूरा भार आ गया है उसका जल स्तर भी तेजी घट रहा है और एक  माह के बाद पानी नही गिरने की स्थिति में यह तालब भी सूख जायेगा तब जल संकट की तस्वीर और भी भयानक हो जायेगी।
वर्तमान और भविष्य की चुनौती का अब एकमात्र समाधान केन का पानी पन्ना आये
पन्ना शहर समुद्र सतह से ४१६ मीटर ऊँचाई पहाड़ी क्षेत्र पर बसा शहर है। पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से यहां पर वाटर लेबल वैसे ही काफी नीचे है। पानी को लेकर बढ़ते दबाव से पानी को लेकर जल स्तर लगातार नीचे खिसकते जा रहा है। पन्ना नगर में बसाहट होने के बाद स्टेट समय में राजाओं द्वारा सतही जल स्तर बनाने के लिए छोट-बड़े तालाब एवं बड़ी संख्या में कुओं का निर्माण कार्य कराया गया था जिससे पन्ना में सतही जल का स्तर बनने से पानी की मसस्या का सामना लोगों को नही करना पड़ता था परंतु स्टेट समय की बनी जल संरचनाओं तालाबों कुओं का संरक्षण नही हुआ जिससे कई अधिकांश तालाब अपने अस्तित्व से जूझ रहे है तलैया गायब हो चुकी है। कुओं को अतिक्रमणकारी निगल चुके है नई जल संरचनाओं के निर्माण की जगह धरती का चीरहरण कर बोरिंग के जरिये पानी निकालने का दौर जारी है। जिससे आने वाला समय पानी के मामले में बड़ी चुनौतियां खड़े करेगा। जल समस्या की वर्तमान एवं भविष्य की चुनौती के समाधान के लिए सरकार एवं प्रशासन को केन का पानी पन्ना लाने के लिए फैसला हर हाल मे करना जरूरी हो गया है। यदि केन नदी के पानी को पन्ना लाने के लिए परियोजना की स्वीकृति कर काम भी जल्द से जल्द शुरू करने की जरूरत हैै। वर्तमान परिदृश्य जिलें में जब सक्ष्म राजनैतिक नेतृत्व के रूप में प्रभावशाली नेता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसाद विष्णु दत्त शर्मा तथा मध्य प्रदेश सरकार  में कैबिनेट मंत्री के रूप में बृजेन्द्र प्रताप सिंह इसी क्षेत्र का प्रतिनिधत्व कर रहे है उस स्थिति में शहरवासियों की अपेक्षा अपने उक्त दोनों नेताओं से और अधिक बढ़ी है। 
सूबे के मुख्यमंत्री के आगमन पर केन के पानी को लेकर शहरवासियों को उम्मीद

बीते साल के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पन्ना जिले को लेकर लगावा देखने मिला है।धार्मिक नगरी पन्ना को मुख्यमंत्री द्वारा मिनी स्मार्ट सिटी घोषित किया है। मुख्यमंत्री सोमवार को नगरीय निकाय चुनाव भारतीय जनता पार्र्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में जन सभा और रोड शो के लिए पन्ना आ रहे है। ऐसे में जल संकट से जूझ रहे शहरवासियों को इस बात की उम्मीद है कि जल संकट के स्थाई समाधान के लिए केन नदी का पानी पन्ना शहरवासियों के लिए पहँुचाने के संबंध में वह जनता के सामने अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करेगें और निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद सरकार इस दिशा में काम भी पूरा करवायेगी। 
मुख्यमंत्री का पन्ना आगमन तो फायर ब्रिगेड से भरी पहाडक़ोठी पानी की टंकी
शहर की तीन चौथाई आबादी को एक सप्ताह से पानी नसीब नही हो रहा है इसी बीच चुनावी जनसभा एवं रोड़ शो करने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सोमवार को पन्ना में रहेगें। ऐसे में पब्लिक के गुस्से से अप्रिय हालात मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दोैरान निर्मित न हो इसको लेकर भयभीत प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा आनन-फानन में फायर ब्रिगेड वाहनों से बाहर से पानी मगंवाकर पहाडक़ोठी स्थित पानी टंकी फिल्टर प्लान्ट को भरवाया जा रहा है। इससे शहरवासियों जिस दिन मुख्यमुंत्री पन्ना में रहेगें घरों में सप्लाई लाइन से पानी मिल जायेगा। नगर पालिका एवं प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन के दिन पानी की व्यवस्था को लेकर  चुटकियां ले रहे है। सोशल मीडिया में लोग यह भी गुजारिश कर रहे है कि काश हर दिन मुख्यमंत्री पन्ना आये तो जल संकट से शहरवासियों को परेशानी हो रही है वाह अपने आप ही दूर हो जायेगी।


 

Created On :   27 Jun 2022 3:35 PM IST

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