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चार दिन के दूधमुंहे बच्चे को एक लाख में बेचनेवाली आरोपी महिला गिरफ्तार
- आरोपी महिला चढ़ी पुलिस के हत्थे
- दंपति को बेचा बच्चा
- दूधमुंहे बच्चे को एक लाख में बेचा
- फरार आरोपियों की तलाश जारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बच्चा बेचनेवाले एक गिरोह का मामला अभी पूरी तरह सुलझ भी नहीं कि बच्चा बेचनेवाले दूसरे गिरोह का शांतिनगर पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए महिला आरोपी को धरदबोचा है। महिला आरोपी ने अपने घर में जिस महिला को पनाह दी, उससे घर के सारे कामकाज कराए। उसी महिला अर्चना (परिवर्तित नाम) के चार दिन के दूधमुंहे बच्चे को एक लाख रुपए में किसी दंपति को बेच दिया गया। मामले में पीडिता अर्चना की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महिला राजश्री रंजीत सेन पर शिकंजा कसा, आरोपी की उम्र 45 साल है, जो शांतिनगर की रहने वाली है, उसके अलावा अज्ञात दंपति सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 370 (4), 75, 81 के तहत मामला दर्ज किया।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुनील चव्हाण के मार्गदर्शन में आरोपी राजश्री सेन को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। हालांकि अभी तक उस मासूम का पता नहीं चल पाया है कि वह कहां है। पुलिस उसकी खोजबीन में लगी है। आरोपी राजश्री के घर से पुलिस के हाथ दस्तावेज लगे हैं, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वह अब तक कई बच्चों का सौदा कर चुकी है।
क्या है मामला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 28 वर्षीय महिला अर्चना ने शांतिनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पीड़िता अर्चना ने पुलिस को बताया कि वह तुमसर भंडारा की है। उसकी मां की मौत के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। सौतेली मां की प्रताडना से तंग आकर दो साल पहले अर्चना घर छोडकर ट्रेन से नागपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। उसकी मुलाकात विनीता नामक महिला से हुई। विनीता ने उसकी आपबीती सुनने के बाद उसे अपने घर महादुला कोराडी ले गई। अर्चना करीब 4 दिन विनीता के घर पर रही। विनीता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसने अर्चना को अपने मुंहबोले भाई ईश्वर पूरण चौधरी, जिसकी उम्र 40 साल है फुले नगर में उसके घर ले गई। चौधरी के घर में उसकी पत्नी आरती और तीन बच्चे थे। अर्चना चार दिन तक ईश्वर चौधरी के घर पर रही।
नशेडी से ईश्वर ने करा दी शादी
अर्चना की वर्ष 2021 में ईश्वर चौधरी ने अपने परिचित भैरवनाथ पवार से शादी करा दी, जो ग्राम अकालिया उज्जैन मध्यप्रदेश का रहने वाला है। जिसके बाद अर्चना पति भैरवनाथ के घर उज्जैन में रहने लगी। भैरवनाथ नशेडी था, वह अर्चना के साथ खूब मारपीट करता था। शादी के एक साल बाद ही अर्चना ने पति का घर छोड़कर ईश्वर चौधरी के घर लौट आई। उसने भैरवनाथ की सारी कहानी ईश्वर और उनके घर में मौजूद कोमल नामक महिला के सामने बयां की। उसे ईश्वर के घर सहारा नहीं मिला, तो वो दूसरा सहारा ढूंढने निकली। अर्चना के पीछे आई कोमल उसे सहारा देने की बात करने लगी। अर्चना ने जब उसके घर का पता पूछा, तो उसने मौदा नागपुर का पता बताया। अर्चना को कोमल मौदा की बजाय कलमना के चिखली ले आउट अपने मामा दिलीप रामटेके उम्र 40 साल के घर लेकर गई।
पति का घर छोड़ा तो 6 माह की गर्भवती थी अर्चना
दिलीप के घर में अर्चना करीब 8 दिन रही। पीड़िता जब पति के घर से वापस आई थी, तब वह 6 माह की गर्भवती थी। दिलीप के घर में उसके पेट में दर्द उठा, तो कोमल उसे 17 सितंबर 2022 को मेयो अस्पताल लेकर गई। मेयो अस्पताल में कोमल ने उसके असली नाम की जगह तृप्ती राहुल पाटील लिखाकर भर्ती किया। अर्चना के अस्पताल में नकली नाम लिखाने की वजह पूछने पर कोमल कहने लगी कि अर्चना तेरे पास आधारकार्ड नहीं है। इसलिए तेरा नाम तृप्ती पाटील लिखाया, क्योंकि इस नाम का आधार कार्ड मेरे यानी खुद (कोमल) पास है। इससे फ्री में इलाज हो जाएगा। अर्चना से कोमल ने कहा कि अगर डॉक्टर पूछे तो तृप्ती ही नाम बताना। कोमल उसका उपचार करा रही थी, इसलिए अर्चना ने एहसान तले दबी होने का एहसास करके उस समय उसे कुछ नहीं बोला। 4 दिन बाद मेयो से अर्चना को छुट्टी मिल गई। कोमल उसे शांतिनगर में राजश्री सेन के घर लेकर गई। कोमल ने कहा कि तुम राजश्री मैडम के घर पर भोजन पकाने और झाडू पोछे का काम कर देना, ये मैडम तुम्हारी फ्री में प्रसूति करा देंगी। साथ ही तुम इनके घर पर भी रह सकोगी। अर्चना पहले ही बेसहारा थी, वह राजश्री को नेकदिल औरत समझकर रुक गई।
सहारा देने के नाम पर लोग फरेब करते रहे
वह राजश्री के घर का कामकाज करने लगी। 10 नवंबर 2022 को अर्चना के पेट में दर्ज होने लगा। राजश्री ने उसे मेयो अस्पताल में भर्ती किया, जहां पर अर्चना ने वार्ड नंबर 26 में 11 नवंबर को बेटे को जन्म दिया, उसकी नार्मल प्रसूती हुई थी। दो दिन बाद अर्चना को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। राजश्री ने अर्चना और उसके बेटे को अपने घर की पहली मंजिल पर कमरे में रखा। राजश्री ने अर्चना से कहने लगी कि तुम खुद की और बेटे की परवरिश कैसे करोगी। इसे किसी संस्था के मार्फत अच्छे घर में दे देंगे, जिससे यह आगे पढ़ लिखकर बड़ा इंसान बनेगा। इस दौरान राजश्री ने अर्चना से एक कागज पर हस्ताक्षर और अंगूठा लगवा लिया, उस काजत में कुछ लिखा था, जिसे राजश्री ने पढ़ने नहीं दिया। 14 नवंबर को राजश्री के घर दो अंजान लोग आए, जिसमें एक महिला भी थी। अर्चना से राजश्री ने कहा कि वह जब तक न कहे तब तक अपने कमरे से बाहर न आए। यह कहकर राजश्री ने उसके बेटे को ले लिया।
15 नवंबर को अर्चना के बेटे को राजश्री ने बेच डाला
15 नवंबर को सुबह 11 बजे वे दोनों अंजान लोग दोबारा राजश्री के घर आए। राजश्री ने कहा कि वह जब तक न कहे तुम (अर्चना) कमरे से नीचे नहीं आना। अर्चना की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण वह कमरे में गई और आराम करने लगी। इसके बाद राजश्री ने अर्चना का कमरा खोला तो बेटे के बारे में वह पूछने लगी। राजश्री ने अर्चना से कहा कि तेरे बेटे को अपने ही परिवार के लोगों को दिया है और तू जब चाहे उससे मिल सकती है।
बेटे से मिलने की जिद की तो खुली बेच डालने की पाेल
अर्चना ने कई बार बेटे से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन राजश्री उसे लेकर नहीं गई। आखिर 16 नवंबर को अर्चना ने बेटे से मिलने की जिद पकड़ी, तो राजश्री असलियत पर आ गई और उसने कहा कि तेरे बेटे को 1 लाख रुपए में बेच डाला है, जिस समय अर्चना का दूधमुंहे बेटे को राजश्री ने बेचा तो वो महज वह चार दिन का था । इस बात पर अर्चना और राजश्री के बीच जमकर विवाद हुआ। राजश्री के घर से बाहर जाने पर अर्चना ने 17 नवंबर 2022 को शांतिनगर थाने पहुंचकर आपबीती वरिष्ठ थानेदार सुनील चव्हाण को सुनाई। तब आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी राजश्री सेन को धरदबोचा। पुलिस आगे मामले की जांच कर रही है।
Created On :   17 Nov 2022 8:00 PM IST