नसबंदी के बाद महिला की मौत - नसबंदी करने वाला डॉक्टर चुपके से पहुंच गया पोस्टमार्टम करने -परिजनों ने मचाया हंगामा 

Woman dies after sterilization - sterilization doctor secretly reaches postmortem
नसबंदी के बाद महिला की मौत - नसबंदी करने वाला डॉक्टर चुपके से पहुंच गया पोस्टमार्टम करने -परिजनों ने मचाया हंगामा 
नसबंदी के बाद महिला की मौत - नसबंदी करने वाला डॉक्टर चुपके से पहुंच गया पोस्टमार्टम करने -परिजनों ने मचाया हंगामा 

डिजिटल डेस्क शहडोल । नसंबदी से महिला की मौत मामले गुरुवार को जिला चिकित्सालय में दोपहर तक हंगामा होता रहा। इधर अस्पताल प्रबंधन मामले पर पर्दा डालने की कोशिश में जुटा रहा। पीएम रिपोर्ट को प्रभावित करने के लिए नसबंदी ऑपरेशन करने वाले डॉ. वीपी पटेल पीएम करने पहुंच गए थे। अस्पताल प्रबंधन जानकर भी अनजान बना रहा। जब परिजनों ने पहचान लिया और आपत्ति जताई तो उनको बाहर किया गया।  
 गुस्साए परिजनों ने सीएमएचओ कार्यालय का घेराव कर दिया। उनका आरोप था कि जानबूझकर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जिस डॉक्टर की वजह से महिला की मौत हुई है, उसे पीएम हाउस में कैसे जाने दिया गया। परिजन नसबंदी करने वाले डॉक्टर और बुढ़ार के बीएमओ डॉ. सचिन कारखुर पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए थे। उनका कहना था जब तक डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं होगी, वे शव नहीं ले जाएंगे। इस बीच एसडीएम सोहागपुर मिलिंद नागदेव मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझाइश देते हुए शांत कराया। एसडीएम के कहने के बाद सीएमएचओ डॉ. ओपी चौधरी ने डॉ. पटेल और डॉ. कारखुर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। दोपहर बाद करीब 3 बजे परिजन शव लेकर रवाना हुए। 
तीन डॉक्टरों की टीम करेगी जांच 
मामले की जांच के लिए सीएमएचओ ने तीन डॉक्टरों की टीम गठित की है। इनमें डॉ. राजेश पांडेय, डॉ. केएल अहिरवार और डॉ. पूजा दुबे शामिल हैं। टीम इस बात की जांच करेगी कि घटना कैसे हुई। नसबंदी ऑपरेशन और उसके बाद किए गए इलाज में किस तरह की चिकित्सकीय लापरवाही बरती गई। एक सप्ताह के भीतर टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इधर प्रशासन पूरे मामले की अलग से रिपोर्ट तैयार करवा रहा है। बुढ़ार के नायब तहसीलदार भरत सोनी से रिपोर्ट मांगी गई है।  
बिना व्यवस्था के ही ऑपरेशन : बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इससे पहले 17 फरवरी को भी नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। उस वक्त भी अव्यवस्था को लेकर लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी। मरीजों को ऑपरेशन थिएटर से लाने के लिए स्ट्रेचर तक की व्यवस्था नहीं की गई थी। इसी तरह 26 फरवरी को भी बुढ़ार हॉस्पिटल में अव्यवस्था का आलम रहा। इस पूरे मामले में बीएमओ डॉ. सचिन कारखुर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। बताया जाता है डॉ. सचिन कारखुर मुख्यालय में नहीं रहते हैं। शहडोल से ही अप-डाउन करते हैं। 
यह है पूरा मामला 
रावल मार्केट अमलाई निवासी गुडिय़ा सिंह उम्र 34 वर्ष पति अरविंद सिंह को बुधवार को नसबंदी ऑपरेशन के लिए बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। यहां उसका नसबंदी ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद लगने वाला इंजेक्शन महिला को नहीं लगाया गया, क्योंकि हॉस्पिटल में उपलब्ध इंजेक्शन एक्सपायरी था। तकलीफ  बढऩे पर बाजार से इंजेक्शन मंगवा कर लगाया गया, लेकिन तब महिला की हालत बिगड़ चुकी थी। परिजनों का आरोप है कि कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। इसके बाद उन्हें गुमराह करने के लिए महिला को शहडोल जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।  यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।  
लक्ष्य पूर्ति के लिए थोक में ऑपरेशन
बताया जाता है कि मार्च तक लक्ष्य पूरा करने के लिए इस समय थोक के भाव में नसबंदी ऑपरेशन किए जा रहे हैं। जरूरी सुविधाओं को जुटाए बिना ही नसबंदी कैंप का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 में जिले को 7342 नसबंदी का लक्ष्य दिया गया है। इसके विरुद्ध अभी तक सिर्फ 4640 नसबंदी ही किए जा सके हैं। इसमें भी कई कैंप जनवरी के बाद लगाए गए हैं। अभी तक किए गए नसबंदी ऑपरेशन में 3814 महिला नसबंदी और 107 पुरुष नसबंदी शामिल हैं। इनमें से 719 की नसबंदी सीजर डिलेवरी के दौरान की गई है। 
इनका कहना है 
 डॉ. पटेल, बीएमओ बुढ़ार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बिना सूचना के डॉक्टर पटेल चीरघर गए थे। मामले की जांच के लिए 3 डॉक्टरों की टीम बनाई गई है।
-डॉ. ओपी चौधरी, सीएमएचओ 
 

Created On :   28 Feb 2020 5:55 PM IST

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