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महिला नसबंदी ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत - एनेस्थीसिया देने के बाद फिर नहीं उठी मृतिका
डिजिटल डेस्क मंडला। जिले के बीजाडांडी स्वास्थ्य केन्द्र में महिला नसबंदी ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत का मामला सामने आया है। बीपी व शुगर की जांच के बाद एनेस्थीसिया का डोज लगने के बाद उसकी तबियत बिगड़ गई। इसके बाद वह नहीं उठी। आनन फानन में महिला को बीजाडांडी स्वास्थ्य केन्द्र से आधी रात को मंडला जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां चिकित्सक के द्वारा मृत घोषित कर दिया। महिला के पति प्रताप तेकाम व मामा ने सर्जन चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। घटना के बाद स्वास्थ्य केन्द्र में गहमागहमी का माहौल रहा।
बताया गया है कि परिवार नियोजन के लिए ठंड शुरू होते ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बीजाडांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गत दिवस नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया है। यहां पर बीजाडांडी स्वास्थ्य स्टाप के साथ जबलपुर से सर्जन डॉ आशीष राय समेत तीन सदस्यीय की टीम ऑपरेशन के लिए पहुंची थी। शाम के समय शिविर में करीब 29 महिलाएं आई थी। इसमें कालपी जेबरा निवासी तीन बच्चों की मां सिलोचना पति प्रताप तेकाम के ऑपरेशन के दौरान हालत बिगड़ गई।
पहला ही चीरा लगने के बाद बिगड़ गया मामला
सूत्रो ने बताया है कि सुलोचना की नसबंदी ऑपरेशन के पहले बीजाडांडी केन्द्र की डॉ किरन दोहरे द्वारा पेट के साथ बीपी और शुगर की जांच की। इसके बाद किसी ने उसे ऑपरेशन के पहले एनेस्थीसिया बेहोशी का इजेंक्शन लगाया गया। इसी दौरान वह घबरा गई। पहला ही चीरा लगने के बाद वह जो बेहोश हुई उसके बाद वह नहीं उठी। उसका ऑपरेशन भी नहीं हो सका। करीब तीन चार घंटे तक नहीं उठने के बाद स्वास्थ्य टीम के भी होश उड़ गए। आधी रात को ही महिला सिलोचना को मंडला जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। चिकित्सक द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। सुबह के समय पीएम के समय विधायक अशोक मर्सकोले मौजूद रहे। शव परिजनो को सौंप दिया गया है। अंतिम संस्कार उसके मायके मनेरी के गांव कटंगा में किया गया।
पांच माह का सबसे छोटा बेटा
बताया गया है कि जिस महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हुई। उसके तीन बच्चे है। जिसमें सबसे बड़ी पुत्री रागनी तेकाम पंाच वर्ष,सालिनी तेकाम तीन वर्ष और सबसे छोटा समीर तेकाम पांच माह है। अब इन मासूमो की परवरिश की चिंता परिवारजनो को सता रही है। बेटा होने के बाद पति पत्नि ने सलाह कर नसबंदी का फैसला लिया था लेकिन उन्हे क्या मालूम था कि वे हमेशा के लिए बिछड़ जाएगें।
इनका कहना है
ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत संवदेनशील है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। दोषियो पर कार्रवाई होगी। मृत महिला के परिजनो को दो लाख की मदद दी जाएगी।
वायएस ठाकुर, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य जबलपुर
शिविर में सुलोचना का ऑपरेशन करने के पहले बीपी व शुगर की जांच की गई। रिपोर्ट नार्मल रही। इसके बाद जाने क्या हुआ कि वह घबरा गई और बेहोश हो गई। जिसे मंडला रेफर किया था। टीम के द्वारा ऑपरेशन किया गया।
डॉ किरन दोहरे,एमबीबीएस बीजाडांडी
Created On :   20 Nov 2019 7:03 PM IST