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महिला बोली रीवा पुलिस ने पति को झूठा फँसाया, कोर्ट ने कहा- सीसीटीवी फुटेज मिलने पर उचित कार्रवाई करें एसपी
![Woman said Rewa police falsely implicated husband Woman said Rewa police falsely implicated husband](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2020/06/woman-said-rewa-police-falsely-implicated-husband_730X365.jpeg)
डिजिटल डेस्क जबलपुर। रीवा के मनगवाँ थाना पुलिस द्वारा एनडीपीएस के आरोप में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सनसनीखेज आरोप लगाया है कि उसके पति के खिलाफ यह फर्जी कार्रवाई थाने में बैठकर ही की गई है। हकीकत की जाँच थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखकर की जा सकती है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने याचिका में लगे आरोपों को संजीदगी से लेते हुए रीवा के पुलिस अधीक्षक को कहा है कि वे 15 दिनों के भीतर हकीकत का पता लगाकर अपनी रिपोर्ट पेश करें। इस निर्देश के साथ अदालत ने याचिका का निराकरण कर दिया।
रीवा जिले के लौर थानांतर्गत ग्राम रघुनाथगंज में रहने वाली प्रीति जायसवाल की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि उसके पति अल्केश को उनके पोल्ट्री फार्म से मनगवाँ थाना पुलिस ने पकड़ा और फिर उनके खिलाफ एनडीपीएस के तहत गाँजा का फर्जी मामला थाने में बना दिया गया। महिला का दावा है कि थाने में की गई कार्रवाई की सच्चाई का पता सीसीटीवी के फुटेज देखकर लगाया जा सकता है। सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखे जाने के संबंध में महिला ने एक अर्जी रीवा की विशेष अदालत में दायर की थी। वहाँ पर टीआई ने आकर बयान दिया कि थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे, इसलिए फुटेज सुरक्षित नहीं रखे जा सकते। इस पर निचली अदालत द्वारा अर्जी अस्वीकार किए जाने पर यह याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के बाद अपने फैसले में अदालत ने कहा- च्एसपी जिला पुलिस के प्रमुख होते हैं और उनसे अपेक्षा की जाती है कि उनके मातहत अधिकारी निष्पक्ष जाँच करें। यदि टीआई ने निचली अदालत में कोई गलत बयान दिया है तो एसपी उसकी जाँच कराएँ। यदि थाने के सीसीटीवी फुटेज पाए जाते हैं तो उन्हें सुरक्षित रखकर एसपी उचित कार्रवाई करें।ज् याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रकाश उपाध्याय ने पैरवी की।
Created On :   19 Jun 2020 8:55 AM GMT