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मुश्किलों को रौंदकर सिर पर उठाया सच्चाई का बोझ, पति की मौत के बाद कर रही कुली का काम
डिजिटल डेस्क शहडोल । ख्वाब टूटे हैं मगर, हौसले अभी जिंदा हैं। मैं वह नारी हूं जिससे मुश्किलें भी शर्मिंदा हैंं। यह यथार्थ अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर सहायक(कुली) का कार्य कर रही दो महिलाएं 36 वर्षीय बेवा राजकुमारी सतनामी और 40 वर्षीय फूलबाई कोल का है, जिन्होंने अपने जीवन का आधा सफर भी तय नहीं किया था कि उनके पति का देहांत हो गया। लेकिन इन महिलाओं ने हार मानने की बजाय अपने हौसलेे को दुगना कर जीविका चलाना और छोटे-छोटे बच्चों की परवरिश करनी शुरू कर दी। दोनों महिलाएं अनूपपुर स्टेशन में कुली का कार्य अपनाकर लोगों का बोझ उठा रहीं हैं और रोजाना 250-300 रुपए कमा कर आत्मनिर्भर बन गईं हैं।
ऐसे भी दिन देखे
राजकुमारी सतनामी का कहना है कि जब वह पहली बार प्लेटफार्म पर कुली का काम करने पहुंची तो सिर पर पल्लू रखकर प्लेटफार्म पर आती जाती ट्रेनों की खिड़कियों की ओर झांकती। जहां उसे लगता कि कोई उसे सामान उठाने के लिए आवाज देेगा। लेकिन ऐसा होता नहीं था। बाद में खुद ही उसने लोगों के सामान ढोने के लिए आवाज देना शुरू कर दिया। अब यह सब उसका रूटीन बन गया है। 5 वीं कक्षा तक पढ़ी राजकुमारी अनूपपुर निवासी का कहना है कि उसकी शादी 15-16 वर्ष की उम्र में वर्ष 2000 में रामकुमार सतनामी से हुई थी। पति अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर ही कुली का कार्य करते थे। शादी के 10 साल बाद उसके पति की मौत हो गई। वह अपने एक 8 वर्ष के बच्चे के साथ अकेली पड़ गई। कुछ दिनों तक पड़ोसियों के घरों से मिलने वाले खाने को खाकर खुद और बच्चे का पेट भरा। उसे महसूस हुआ कि वह खुद के साथ अपने बच्चे को भरपेट नहीं खिला पा रही है और ना ही बच्चे को शिक्षा देने की व्यवस्था कर रही है। इसके लिए उसने अपने पति के कुली वाले कार्य पर वापस होने का निर्णय लिया।
मेहनत की कमाई देती है सुकून
फूलबाई कोल का पति भी स्टेशन में कुली था। उसकी भी मौत हो गई थी। फूलबाई ने अपने पति का कुली क ा काम करने का निर्णय लिया था। लेकिन शुरू में वह प्लेटफार्म पर अकेेली बैठकर खूब रोती थी। लोग उसे समझाते और ढाढ़स बंधाते थे। आखिरकार उसने एक दिन खुद को तैयार किया। अब वह खुद के साथ अपनी 19 वर्षीय पुत्री तथा 14 वर्षीय पुत्र का पालन-पोषण कर रही है। फूलबाई कोल का कहना है कि वह अनपढ़ है, लेकिन जीवन के थपेड़े मानव को जीना सीखा देते है। उसे अपनी मेहनत की कमाई से अपना और अपने बच्चों का पेट भरना सुकून देता है।
Created On :   16 Oct 2017 1:39 PM IST