शहडोल नगरपालिका में नारी शक्ति बड़ी ताकत, 39 में 22 पार्षद महिलाएं

Women power is a big force in Shahdol municipality, 22 councilors women out of 39
शहडोल नगरपालिका में नारी शक्ति बड़ी ताकत, 39 में 22 पार्षद महिलाएं
अब नगर सरकार की बागडोर हासिल करने शुरू हुई कवायद शहडोल नगरपालिका में नारी शक्ति बड़ी ताकत, 39 में 22 पार्षद महिलाएं

डिजिटल डेस्क,शहडोल। नगरपालिका क्षेत्र के 39 वार्डों में से 22 पर महिला प्रत्याशियों ने जीत हासिल कर यह बता दिया कि वे चाहे किसी भी दल की हों या फिर निर्दलीय। परिषद में उनका बहुमत है, और बहुमत की अब मांग है कि शहर सरकार की बागडोर भी अब उन्हें ही सौंपी जाए।  इसके लिए जिला संगठनों से होते हुए भोपाल तक बात पहुंचाई जाने लगी है। फिलहाल तो भाजपा के स्थानीय नेतृत्व ने यह कहते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया है कि जो कुछ भी करना है या फैसला होना है वह भोपाल से प्रदेश संगठन करेगा। कांग्रेस से जरूर सकारात्मक प्रतिक्रिया इस रूप में सामने आई है कि पार्टी में किसी प्रकार का कोई बंधन नहीं है।

महिला प्रतिनिधित्व पर एक नजर

भाजपा             कांग्रेस              निर्दलीय
आरती मनोज गुप्ता    सुंगधिता सराफ    विनीता राजेश पांडेय
सुभद्रा जीडी सिंह    कमला जायसवाल    असमा बी
कुंतला दिनेश दीक्षित    कुंदन प्रभात पांडेय    आरुषि गजभिये
चांदनी जवाहर कोल    प्रमिला जितेंद्र सिंह    सीमा संजू पटेल
विधि रामसागर सिंह    संगीता कटारे    राजकुमारी     
मधु शरद गौतम    उर्मिला चौधरी    ललिया बैगा
शहजादी बेगम    भावना राठौर
रजनी सिंह         रेखा प्रदीप तिवारी

भाजपा इसलिए नहीं खेलना चाह रही महिला कार्ड

सूत्रों के मुताबिक 18 पार्षदों के साथ नगरपालिका में सबसे बड़ी पार्टी बन कर सामने आई भाजपा अध्यक्ष पद महिला को देने के मामले में इसलिए भी हिचिकिचा रही है क्योंकि पार्टी से विजयी 8 महिला पार्षदों में सुभद्रा जीडी सिंह व शहजादी बेगम ओबीसी वर्ग से हैं और शहडोल अध्यक्ष पद ओबीसी मुक्त के लिए रिजर्व है। भाजपा जिला अध्यक्ष कमल प्रताप इस मामले में सीधी-सीधी कोई टिप्पणी नहीं करते। वे यह कहते हुए बात घुमा ले जाते हैं कि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए महिला को प्राथमिकता संगठन का विषय है। पार्टी की कोर टीम जो भी निर्णय लेगी, कार्यकर्ता उसी पर आगे काम करेंगे।

भाजपा-कांग्रेस की 8-8 महिला पार्षद

39 सदस्यीय परिषद में बहुमत से 2 कदम दूर खड़ी भाजपा के 18 विजयी पार्षदों में 8 महिलाएं हैं। इसी तरह से 12 वार्ड जीतने वाली कांग्रेस की भी 8 महिला प्रत्याशी जीती हैं। दोनों दलों को बहुमत साबित करने जिन निर्दलीयों (9) के समर्थन की जरूरत है तो उनमें भी 6 महिलाएं हैं। हालाकि भाजपा को केवल 2 पार्षदों के समर्थन की जरूरत है, जो वह महिला कार्ड खेल कर आसानी से हासिल कर सकती है। लेकिन स्थानीय स्तर पर अभी इस पर कोई मंथन नहीं हुआ। कांग्रेस जिसे कि अपनी नगर सरकार बनाने 8 पार्षदों के समर्थन की जरूरत है, वह जरूर इस विषय में गंभीरता से सोच रहा है। 

कांग्रेस को यह रास्ता नजर आ रहा ज्यादा सुरक्षित

कांग्रेस शहर सरकार की बागडोर महिलाओं को दिए जाने की इसलिए ज्यादा पक्षधर दिखाई दे रही है क्योंकि उसके 12 पार्षदों में से जो 8 महिला प्रत्याशी जीती हैं उनमें से 3 पार्षद सुगंधिता सराफ, कमला जायसवाल तथा भावना राठौर ओबीसी वर्ग की हैं। इसी तरह से विजयी निर्दलीय 6 महिला पार्षदों में से भी तीन पार्षद असमा बी, सीमा संजू पटेल और राजकुमारी ओबीसी वर्ग से हैं। कांग्रेस को अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद महिलाओं को देने में अपना सीधा-सीधा फायदा 6 निर्दलीय महिला पार्षदों के समर्थन का नजर आ रहा है। सबसे बड़ा फायदा यह कि ऐसा कर वह भाजपा की बहुमत की राह मुश्किल कर देगी। सूत्रों के अनुसार अब तो कांग्रेस में अंदर खाने में यह रणनीति भी बनने लगी है कि बहुमत साबित कर पाएं या न कर पाएं अध्यक्ष पद जरूर महिला कार्ड खेल कर हासिल कर लिया जाए। जिला कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी की ओर से किसी प्रकार का कोई बंधन नहीं है। पार्टी महिलाओं को प्रतिनिधित्व पहले भी देती रही है। जो भी दावेदारी करेंगे, उन्हें पूरा समर्थन होगा।
 

Created On :   3 Oct 2022 1:27 PM IST

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