महिला बचत समूहों ने 3 वर्ष में लौटाया 302 करोड़ का कर्ज

Women savings groups returned 302 crore loan in 3 years
महिला बचत समूहों ने 3 वर्ष में लौटाया 302 करोड़ का कर्ज
नागपुर महिला बचत समूहों ने 3 वर्ष में लौटाया 302 करोड़ का कर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महिला बचत समूहों ने शत-प्रतिशत कर्ज लौटाकर ईमानदारी की मिसाल कायम की है। एक तरफ जहां बड़े औद्योगिक समूह, संस्थाओं ने हजारों करोड़ रुपए का कर्ज डुबाकर देश की अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाई हैं, वहीं महिला बचत समूहों ने समय से कर्ज लौटाकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। इनकी ईमानदारी प्रशंसा करने योग्य है। जिले के महिला बचत समूहों ने गत 3 साल में 302 करोड़ रुपए कर्ज लौटाए हैं। 

आर्थिक रूप से सक्षम हुईं : जिला ग्रामीण विकास मिशन के माध्यम से महिला बचत समूहों ने कर्ज लेकर व्यवसाय किया। कर्ज की रकम व्यवसाय में निवेश कर आर्थिक रूप से समक्ष हुईं। अपने पैरों पर खड़ा होकर दूसरों को भी रोजगार के अवसर दिए। 

खड़े किए बड़े उद्योग : जिले में पंजीकृत महिला बचत समूहों की संख्या 17 हजार से अधिक है। महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान अंतर्गत बचत समूहाें को कर्ज उपलब्ध किया जाता है। कर्ज लेकर जिले में अनेक महिला बचत समूहों ने छोटे-बड़े उद्याेग खड़े किए

सौ फीसदी भुगतान : साल 2019-20 में 4373 महिला बचत समूहों ने 59 करोड़, 94 लाख रुपए कर्ज लिया। साल 2020-21 में 6576 बचत समूहों ने 82 करोड़, 6 लाख और साल 2021-22 में 9151 बचत समूहों ने 160 करोड़, 8 लाख रुपए कर्ज लिया। 3 साल में 301 करोड़, 9 लाख रुपए कर्ज वितरण किया गया। कर्ज की किस्त नियमित भुगतान कर 100 फीसदी रकम लौटाए जाने की जिला ग्रामीण विकास मिशन के अधिकारियों ने जानकारी दी। नियमित कर्ज लौटाने वाले महिला बचत समूह को सुमतिबाई सुकलीकर ब्याज

अनुदान योजना का लाभ दिया गया।

नहीं लौटाया कर्ज : जिले में 450 बचत समूह ऐसे हैं, जिनके खाते एनपीए हो गए हैं। बैंक से कर्ज लेकर नियमित किस्त नहीं लौटाए जाने से बैंकों ने उनके खाते बंद किए जाने की जिला ग्रामीण विकास मिशन के सूत्रों ने जानकारी दी। 

हुनर को व्यवसाय में बदला : बचत समूह की महिलाओं को विविध कला में महारत हासिल है। आर्थिक स्थिति खराब रहने के कारण कला का उपयोग नहीं कर पा रही थीं। बचत समूह के माध्यम से कर्ज लेकर महिलाओं ने कला को व्यवसाय में बदल दिया। आर्थिक रूप से सक्षम होकर महिलाएं परिवार की जरूरतों को पूरा करने में हाथ बंटा रही हैं। बैग मेकिंग, अंबाड़ी उत्पादन, लकड़ी के िखलौने, पोषण आहार सप्लाई, नीम की खाद, कपड़े िसलाई, कुशन व्यवसाय, भोजनालय आदि व्यवसाय कर रही हैं। 

Created On :   12 Jun 2022 5:58 PM IST

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