डेढ़ करोड़ के किचन शेड निर्माण की पहली किश्त देकर रोंका कार्य

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 डेढ़ करोड़ के किचन शेड निर्माण की पहली किश्त देकर रोंका कार्य

डिजिटल डेस्क सीधी। स्कूलों में किचनशेड निर्माण को लेकर उहापोह की स्थिति पर अभी विराम नहीं लगा है। विसंगति को  लेकर जिला पंचायत ने जिस निर्माण कार्य को स्वीकृति नहीं दी थी उसे दबे पांव स्वीकृति देने के बाद पहली किश्त जारी कर दी गई है। स्थान अभाव वाले स्कूलों में ए-4 साईज के किचनशेड बनाने की स्वीकृति देने के बाद अब फिर से रोंक लगा दिया है। 
उल्लेखनीय है कि राज्य समन्वयक मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम मप्र भोपाल ने पत्र क्रमांक 13872/22/बी-9/एमडीएम दिनांक 28 दिसंबर 2018 के द्वारा नवीन किचन कम स्टोर निर्माण किये जाने हेतु ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा द्वारा तैयार व भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किये गये नवीन मानक प्लान, प्राक्कलन अनुसार निर्माण कराने निर्देशित किया था। बाद में जिला पंचायत के एमडीएम शाखा द्वारा उन विद्यालय भवनों में नये किचनशेड निर्माण की सूची तैयार की जहां आवश्यकता ही नहीं थी। इसके अलावा पहले से बने किचनशेड पर भी गौर नहीं किया गया था। किचनशेड निर्माण की तैयार की गई सूची में कई तरह की गड़बड़ी सामने आने के बाद ही तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत अवि प्रसाद व तत्कालीन कलेक्टर दिलीप कुमार ने प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने में रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं  जिला पंचायत सामान्य प्रशासन समिति, सामान्य सभा की पूर्व में हुई बैठक में भी नवीन किचनशेड निर्माण की स्वीकृति देने के पहले परीक्षण की बात कर रोक लगा दिया था। कई महीनों तक रोंक लगी रही लेकिन वर्ष की समाप्ति पर अचानक न कि प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई बल्कि प्रथम किश्त भी दे दी गई है। कुल 1 करोड़ 53 लाख के किचनशेड निर्माण की स्वीकृति रोंक लगाने वाली समिति की अनुसंशा बगैर जारी की गई है। बता दें कि नवीन किचनशेड निर्माण के लिये वर्तमान में जो राशि स्वीकृत की गई है उसके हिसाब से ए-4 साईज के किचनशेड बनाये जाने हैं। स्वीकृत देने के साथ राशि तो जारी कर दी गई किंतु यह नहीं देखा गया कि किन विद्यालयों में निर्माण के लिये स्थान है या नहीं। बाद में जब दैनिक भास्कर द्वारा विसंगतिपूर्ण किचनशेड निर्माण की स्वीकृति देने संबंधी खबर प्रकाशित की गई और जिला पंचायत सदस्यों ने भी असहमति जताई तो आनन-फानन में रोंक लगा दी गई है। पहले तो बिना सोचे स्वीकृति जारी की और फिर बिना किसी जांच परीक्षण के निर्माण को रोंक दिया गया है। किचनशेड निर्माण को लेकर पिछले एक वर्ष से चल रही उहापोह की स्थिति समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। 
पंचायतों ने खर्च कर ली राशि तो कैसे होगी वसूली
किचनशेड निर्माण के लिये पंचायतों के खाते में स्वीकृत 1 करोड़ 53 लाख की राशि में से पहली किश्त भेजी जा चुकी है। इधर निर्माण कार्य को लेकर विसंगति सामने आने पर रोंक भी लगा दी गई है।  संभव है खाते में आई राशि भले ही निर्माण कार्य पर न खर्च हो किंतु पंचायतों ने अगर खाते की राशि को खुर्द-बुर्द कर दिया तो उनकी वसूली कैसे की जायेगी। पूर्व में भी पंचायतों में हुये खयानत के मामले में एफआईआर आदि की कार्रवाई तो हुई है किेंतु वसूली सिफर ही रही है। किचनशेड निर्माण के लिये मिली राशि की क्या गारंटी कि सरपंच, सचिव निजी उपयोग में व्यय नही करेंगे। बता दें कि पंचायतों का कार्यकाल भी आखिरी पड़ाव पर है और आरक्षण के चलते दोबारा चुनाव लडऩे की कम ही संभावना बनी हुई है। ऐसे में सरकारी राशि के खयानत का पूरा अंदेशा बना हुआ है। 
मंंत्री ने सिहावल को दिलाया 3 हजार पीएम आवास 
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सिहावल विधानसभा क्षेत्र के लिये तीन हजार प्रधानमंत्री आवास का अतिरिक्त लक्ष्य स्वीकृत कराया है। विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा सीईओ जिला पंचायत सीधी-सिंगरौली को लिखे गये पत्र के मुताबिक 360 अजा, 1440 अजजा एवं 1200 प्रधानमंत्री आवास अन्य वर्ग के लिये स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत आवास में 2248 आवास सिहावल विकासखण्ड में तो 752 देवसर विकासखण्ड में बनाये जायेंगे। बता दें कि पंचायत मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु विधानसभा क्षेत्र सिहावल अंतर्गत शेष पात्र परिवारों को लक्ष्य प्रदान करने के लिये यह स्वीकृति दिलाई है। 
 

Created On :   24 Jan 2020 2:51 PM IST

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