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मेडिकल यूनिवर्सिैटी में काम-धाम ठप, पटरी से उतर रहीं व्यवस्थाएँ, स्टूडेंट्स को राहत नहीं
प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद चार्ज दिए बिना ही गायब हुए पूर्व कुलसचिव
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी में कुछ दिनों पूर्व हुए लंबे प्रशासनिक फेरबदल के बाद इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि व्यवस्थाएँ पटरी पर लौट आएँगी और स्टूडेंट्स को राहत मिलेगी, लेकिन फिलहाल इसके कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। एक ओर जहाँ परीक्षाएँ स्थगित करने का क्रम जारी है, उधर कुलसचिव कार्यालय में भी काम-धाम ठप पड़ा हुआ है। आयुष विभाग से कुलसचिव की प्रतिनियुक्ति पर आए डॉ. जेके गुप्ता की प्रतिनियुक्ति 14 जुलाई को समाप्त कर दी गई थी। प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद नियमानुसार डॉ. गुप्ता को नए कुलसचिव को चार्ज देना चाहिए था, लेकिन डॉ. गुप्ता ने अब तक ऐसा नहीं किया है। जिसके बाद से एमयू द्वारा इस सबंध में डॉ. गुप्ता को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में उल्लेख है कि डॉ. गुप्ता ने समस्त दस्तावेज, नस्तियाँ, पत्राचार तथा कुलसचिव कक्ष में रखी आलमारी की सामग्री का हस्तानांतरण अब तक नहीं किया है, अगर हस्तानांतरण नहीं किया जाता है तो इसकी सूचना शासन को दी जाएगी। चार्ज न सौंपने को लेकर विवि के गलियारों में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। यह भी कहा जा रहा है कि चार्ज सौंपने के बाद ही अधिकारी को कार्यमुक्त किया जाता है, ऐसे में विवि प्रशासन की चूक सामने आई है।
माइंडलॉजिक्स के खिलाफ की थी जाँच
डॉ. गुप्ता की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का कारण सामने नहीं आ सका है। इस निर्णय को माइंडलॉजिक्स के खिलाफ जाँच और कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा था। डॉ. गुप्ता की अगुवाई वाली कमेटी ने जाँच में कई गड़बडिय़ाँ उजागर की थीं। जिसके बाद ठेका कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया, वहीं तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई थी। इसके अलावा एक महिला उपकुलसचिव की प्रतिनियुक्ति भी बिना कारण बताए समाप्त कर दी गई थी।
दो महिला अधिकारियों की वापसी
पास-फेल के खेल और माइंडलॉजिक्स की गड़बडिय़ों की जाँच के बाद परीक्षा नियंत्रक डॉ. वृंदा सक्सेना की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई थी, लेकिन एमयू में एक बार फिर उनकी वापसी हो गई है। इसके अलावा पूर्व में उपकुलसचिव के पद पर रहीं डॉ. तृप्ति गुप्ता ने भी वापसी की है। जानकारी के अनुसार दोनों महिला अधिकारियों ने प्रतिनियुक्ति समाप्त किए जाने के बाद कोर्ट की शरण ली थी, जिसके बाद प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के फैसले पर फिलहाल स्टे मिल गया है। डॉ. वृंदा सक्सेना को परीक्षा नियंत्रक का पदभार फिर से मिल गया है।
आगे बढ़ीं पीजी डिग्री और डिप्लोमा की परीक्षाएँ
मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी में पीजी डिग्री मेडिकल फैकल्टी और पीजी डिप्लोमा मेडिकल फैकल्टी की परीक्षाओं को एक बार फिर आगे बढ़ा दिया गया है। चार माह में यह पाँचवीं बार है, जब पीजी की परीक्षाओं को आगे बढ़ाया गया हो। यूनिवर्सिटी द्वारा पीजी की परीक्षाएँ मई में कराई जानी थीं, लेकिन कोविड की दूसरी लहर के चलते परीक्षाएँ स्थगित कर नई समय सारणी जारी कर दी गई, हालाँकि कोविड संक्रमण के कम होने के बाद भी अब तक परीक्षाएँ नहीं हो सकी हैं। नए टाइम टेबल के अनुसार पीजी की परीक्षाएँ आज से होनी थीं, लेकिन अब 3 अगस्त से 13 अगस्त के बीच होंगी। परीक्षाएँ न होने से प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेजों में छात्र परेशान हैं। प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी माइंडलॉजिक्स इन्फ्राटेक को टर्मिनेट करने के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी ने अब तक नई कंपनी से अनुबंध नहीं किया है। एमयू में परीक्षाएँ कराने से लेकर परिणाम जारी करने तक सभी कामों का जिम्मा निजी ठेका कंपनी के ऊपर था। नया अनुबंध न होने कारण छात्रों का भविष्य अधर में पड़ गया है।
Created On :   26 July 2021 3:04 PM IST