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प्राकृतिक कृषि पद्धति के संबंध में हुई कार्यशाला
डिजिटल डेस्क, पन्ना। स्थानीय जगन्नाथ स्वामी टाउन हॉल में बुधवार को शून्य बजट प्राकृतिक कृषि पद्धति के संबंध में जानकारियों से अवगत कराने के लिए एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला हुई। इस अवसर पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उद्बोधन को टाउन हॉल में उपस्थितजनों द्वारा एलईडी स्क्रीन के माध्यम से देखा और सुना गया। टाउन हॉल में आयोजित कार्यशाला में दिल्ली से वर्चुअली शामिल हुए खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि फसल उत्पादन में डीएपी और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से फसलों की पैदावार में बढोत्तरी हुई है लेकिन जमीन की उपजाऊ क्षमता कम होने के साथ ही बीमारियों में बढोत्तरी भी हुई है। उन्होंने कहा कि पुरातन कृषि पद्धति को अपनाने के साथ ही जैविक खेती के प्रोत्साहन की आवश्यकता है। लोगों का जैविक उत्पादों के प्रति रूझान बढने से किसानों को जैविक उत्पादों का अच्छा दाम भी मिलले लगा है। जैविक खेती से फसल की गुणवत्तायुक्त पैदावार के साथ ही भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि गौपालन को बढावा मिलने से जैविक खेती कम बजट में फायदे का सौदा साबित होगी। उन्होंने गौवंश के संरक्षण की बात भी कही और उम्मीद जताई कि यह कार्यशाला किसानों के लिए उपयोगी साबित होगी। इस अवसर पर बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल यादव, उप संचालक कृषि ए.पी. सुमन सहित संबंधित अधिकारी और कृषक उपस्थित थे।
Created On :   14 April 2022 3:32 PM IST