विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की विश्‍व मलेरिया रिपोर्ट 2020; भारत ने मलेरिया के मामलों को कम करने में प्रभावी सफलता हासिल की

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की विश्‍व मलेरिया रिपोर्ट 2020; भारत ने मलेरिया के मामलों को कम करने में प्रभावी सफलता हासिल की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की विश्‍व मलेरिया रिपोर्ट 2020; भारत ने मलेरिया के मामलों को कम करने में प्रभावी सफलता हासिल की भारत,इस बीमारी से प्रभावित वह अ‍केला देश है जिसने 2018 के मुकाबले 2019 में बीमारी के मामलों में 17.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की 2012 के बाद से भारत में मलेरिया के वार्षिक पेरासिटिक इंसीडेंसिस लगातार एक से कम पर बने हुए हैं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा जारी विश्‍व मलेरिया रिपोर्ट 2020 का कहना है कि भारत ने मलेरिया के मामलों में कमी लाने के काम में प्रभावी प्रगति की है। यह रिपोर्ट गणितीय अनुमानों के आधार पर दुनियां भर में मलेरिया के अनुमानित मामलों के बारे में आंकडे जारी करती है। रिपोर्ट के अनुसार भारत इस बीमारी से प्रभवित वह अकेला देश है जहां 2018 के मुकाबले 2019 में इस बीमारी के मामलों में 17.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। भारत का एनुअल पेरासिटिक इंसीडेंस (एपीआई) 2017 के मुकाबले 2018 में 27.6 प्रतिशत थाऔर ये 2019 में 2018 के मुकाबले 18.4 पर आ गया। भारत ने वर्ष 2012 से एपीआई को एक से भी कम पर बरकरार रखा है। भारत ने मलेरिया के क्षेत्रवार मामलों में सबसे बडी गिरावट लाने में भी योगदान किया है यह 20 मिलियन से घटकर करीब 6 मिलियन पर आ गई है। साल 2000 से 2019 के बीच मलेरिया के मामलों में 71.8 प्रतिशत की गिरावट और मौत के मामलों में 73.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। भारत ने साल 2000 (20,31,790 मामले और 932 मौतें) और 2019(3,38,494 मामले और 77 मौतें) के बीच मलेरिया के रोगियों की संख्‍या में 83.34 प्रतिशत की कमी और इस रोग से होने वाली मौतों के मामलों में 92 प्रतिशत की गिरावट लाने में सफलता हासिल की है और इस तरह सहस्राब्दि विकास लक्ष्‍यों में से छठे लक्ष्‍य (वर्ष 2000से 2019 के बीच मलेरिया के मामलों में 50-75 प्रतिशत की गिरावट लाना)को हासिल कर लिया है। आकृति – 1 भारत में मलेरिया के 2000 से 2019 के बीच महामारी संबंधी रुख; पीवी; प्‍लासमोडियम वीवेक्‍स एवं पीएफ; प्‍लासमोडियम फेलसिपेरम मलेरिया के मामलों में कमी का रूख साल दर साल के हिसाब से बनाई गई तालिका में भी देखा जा सकता है। मलेरिया के मामलों और उससे होने वाली मौतों की संख्‍या साल2018 में (4,29,928 मामले और 96 मौतें)के मुकाबले 2019 में (3,38,494 मामले और 77 मौतें) कम होकर क्रमश 21.27 प्रतिशत और 20 प्रतिशत पर आ गई है। साल 2020 में अक्‍टूबर महीने तक मलेरिया के कुल 1,57,284 मामले दर्ज हुए हैं जो कि 2019 की इसी अवधि में दर्ज 2,86,091 मामलों की तुलना में 45.02 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। देश में मलेरिया उन्मूलन प्रयास 2015 में शुरू हुए थे और 2016 में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन(एनएफएमई) की शुरुआत के बाद इनमें तेजी आई स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने जुलाई 2017 में मलेरिया उन्‍मूलन के लिए एक राष्‍ट्रीय रणनीतिक योजना (2017 से 2022) की शुरुआत की जिसमें अगले पांच साल के लिए रणनीति तैयार की गई। आकृति – 2 भारत में 2015 से 2019 के बीच मलेरिया के महामारी के तौर पर हालात पहले दो साल में मलेरिया के मामलों में 27.7 प्रतिशत और मौतों की संख्‍या में 49.5 प्रतिशत की गिरावट आई। 2015 में जहां11,69,261 मामले और 385 मौतें दर्ज की गईं थीं, वहीं 2017 में 8,44,558 मामले और 194 मौतें दर्ज की गईं। वर्ष 2019 में ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मेघालय और मध्‍य प्रदेश राज्यों में मलेरिया के कुल मामलों के करीब 45.47 प्रतिशत मामले दर्ज हुए। (भारत के कुल 3,38,494 मामलों में से 1,53,909 मामले) इसके अलावा, फेलसिपेरम मलेरिया के भारत भर में दर्ज कुल 1,56,940 मामलों में से 1,10,708 मामले इन राज्‍यों में दर्ज हुए जो कि कुल मामलों का 70.54 प्रतिशत है। इन्‍हीं राज्यों से हर 77 में से 49 (63.64 प्रतिशत) मौतें भी दर्ज हुईं। भारत सरकार द्वारा सूक्ष्मदर्शी यंत्र उपलब्‍ध कराने के लिए किए गए प्रयासों तथा काफी लंबे समय तक टिकी रहने वाली मच्‍छरदानियों (एलएलआईएन) के वितरण के कारण पूर्वोत्तर के 7 राज्‍यों, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्‍य प्रदेश और ओडिशा जैसे मलेरिया से बहुत अधिक प्रभावित राज्‍यों में इस बीमारी के प्रसार में पर्याप्‍त कमी लाई जा सकी। इन राज्‍यों में 2018-19 के दौरान करीब पांच करोड़ एलएलआईएन मच्‍छरदानियां वितरित की गईं और मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अभी तक 2.25 करोड़ मच्‍छरदानियां वितरित की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्‍त 2.52 करोड़ अतिरिक्‍त एलएलआईएन मच्‍छरदानियां की खरीद की जा रही है। इन एलएलआईएन मच्‍छरदानियों का इस्‍तेमाल लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर शुरू किए जाने के बाद मलेरिया के मामलों में देश भर में भारी गिरावट आई है।

Created On :   2 Dec 2020 10:43 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story