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ग्रामीणों में श्रमदान कर की कुआं की सफाई, पी रहे थे कीचड़युक्त पानी
डिजिटल डेस्क मंडला। अल्प वर्षा के कारण जिले में भीषण जलसंकट की स्थिति बन गई है। प्रशासन और पीएचई विभाग के द्वारा जल संकट से निपटने के लिए कोई खास कार्ययोजना नहीं बनाई गई है। जिसके कारण ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज है। निवास के समीपी ग्राम कोहका में एक कुंए के भरोसे गांव प्यास बुझा रहा है। यहां जलस्तर कम होने के कारण कीचड़युक्त पानी पीने के लिए ग्रामीण मजबूर है। प्रशासन की नजरअंदाजगी के परेशान होकर ग्रामीणों ने कुंआ की सफाई और मरम्मत का फैसला लिया है। ग्रामीण खुद समस्या के निराकरण मे जुट गए है।
शिवलाल, छिदामी, लल्लू खम्परिया, रामस्वरूप ने बताया सुबह 4 बजे से श्रमदान कर कीचड़युक्त पानी की समस्या के लिए कुंआ की सफाई की जा रही है। सुबह 4 बजे एक ग्रामीण महिला पुरूष एकत्र होकर सफाई श्रमदान से कर रहे है। कई वर्षो से कुआं की सफाई नहीं होने के कारण पत्थर और मलबा निकल रहा है। कुंआ गहरा होने से साफ पानी रिसने लगेगा। ग्रामीण उत्साह के साथ श्रमदान कार्य में जुट जाते है।
जानकारी के मुताबिक ग्राम कोहका में करीब 560 की आबादी है। यहां जलस्तर गिर जाने के कारण जलसंकट की स्थिति बन गई है। यहां ग्राम में हैंडपंप में पानी नहीं निकल रहा है। ग्राम में सौ साल पुराना एक कुंआ है। इससे ग्रामीण प्यास बुझा रहे है। कुंआ का पानी कीचड़युक्त हो गया है। ग्रामीणो को मजबूरन यही गंदा पानी पीना पड़ रहा है। कामता प्रसाद झारिया, झब्बा यादव, लोंगाबाई, रूपलाल यादव, विनोद दुबे, विमल द्विवेदी ने बताया है कि जल संकट को लेकर प्रशासन को दर्जनों शिकायत दी गई है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे ग्रामीणों मे रोष व्याप्त है।
चंदा जुटाकर करेगें मरम्मत
ग्राम के हजारी यादव, अंबिका द्विवेदी, दीपचंद, गिरधारी यादव ने बताया है कि प्रशासन की नजर अंदाजगी से परेशान होकर ग्रामीणों ने शुद्ध पेयजल की व्यवस्था बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। बैठक कर निर्णय लिया गया कि कुंए की मरम्मत ग्रामीण खुद करेगे। इसके लिए चंदा एकत्र किया जाएगा। ग्रामीणों ने प्रत्येक घर से स्वेच्छानुसार चंदा एकत्र करने की योजना बनाई है। इससे कुएं ने नीचे वाले हिस्से को पक्का किया जाएगा। जिससे पेयजल की समस्या का निराकरण किया जा सके।
नलजल योजना का अधूरा काम
मिरखू यादव, मनीष यादव, झुमका, प्रकाश यादव, रजनी द्विवेदी, संध्या यादव, सुशीला यादव, रेखा यादव, रामसखी, मीनाबाई झारिया ने बताया है कि करीब पांच साल पहले नलजल योजना के लिए बोर किया गया था लेकिन इसके बाद कोई काम नहीं किया गया है। जिससे ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों के आरोप है कि पेयजल के इंतजाम करने में प्रशासन लापरवाही बरत रहा है। जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
Created On :   14 May 2018 1:28 PM IST