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प्राचीन तालाबों के सूखने के कारण पेयजल संकट उत्पन्न होना चिंताजनक
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना शहर के लोगों को पानी उपलब्ध कराने वाले प्राचीन तालाब जो राजशाही जमाने में बनाए गए थे वह पूरी तरह से सूख चुके हैं और पन्ना में रहने वाले लोगों के सामने पेयजल का बहुत बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है यह अत्यंत चिंतनीय है। उक्त आशय की बात पन्ना ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अक्षय तिवारी ने प्रेस को जारी बयान में कही उन्होंने कहा कि स्टेट टाइम में जो तालाब बनाए गए थे वह उस समय की आबादी के हिसाब से निर्मित किए गए थे। अभी तक पन्ना शहर के लोगों को तीन प्रमुख तालाबों लोकपाल सागर, धरम सागर व निरपत सागर तालाब से पानी की सप्लाई की जा रही थी लेकिन अब लोकपाल सागर और धरम सागर तालाब पूरी तरह से सूखकर खुले मैदान के रूप में तब्दील हो गए हैं थोड़े दिनों के लिए निरपत सागर तालाब में पानी बचा हुआ है। यदि समय रहते मानसून नहीं आया तो वह तालाब भी सूख जाएगा और शहर के अंदर पेयजल के लिए हाहाकार मच जायेगा। श्री तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार, जिला प्रशासन व नगरपालिका ने ध्यान ही नहीं दिया की आबादी बढ़ रही है उसके हिसाब से पेयजल संसाधन बढाये जायें। श्री तिवारी ने कहा कि हर वर्ष ग्रीष्मकाल में करोड़ों रुपए जल संरक्षण हेतु खर्च किए जाते हैं लेकिन पेयजल उपलब्धता की दिशा में कोई काम आज तक नहीं किया गया। यदि वास्तविक रुप से इस समस्या के ऊपर ध्यान दिया होता तो पन्ना के रहवासियों को यह दिन देखना नहीं पड़ता। कांग्रेस नेता ने कहा कि शहर के मोहल्लों व गलियों में पानी के लिए संघर्ष की स्थिति देखने को मिल रही है लेकिन प्रशासनिक स्तर पर जो काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है श्री तिवारी ने जिले के जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि इस दिशा में वह गंभीर होकर प्रयास करें जिससे आने वाले समय में पेयजल के लिए लोगों को परेशान ना होना पड़े।
Created On :   17 Jun 2022 3:47 PM IST