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बिजली सब्सिडी पाने वाले वस्त्रोद्योगों की होगी जांच, रियायत को लेकर सख्त हुई सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की वस्त्रोद्योग नीति 2018-23 के तहत बिजली दर रियायत योजना में होने वाले कदाचार को रोकने के लिए महाविकास आघाड़ी सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने इस नीति के तहत बिजली दर में रियायत पाने वाली वस्त्रोद्योग परियोजनाओं की तरफ से स्व-घोषणपत्र जमा न किए जाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। सोमवार को वस्त्रोद्योग विभाग ने इस शासनादेश जारी कर कहा कि बिजली सब्सिडी हासिल करने वाले वस्त्रोद्योगों की जांच होगी। इसके अनुसार वस्त्रोद्योग नीति के तहत बिजली दर में रियायत पाने वाले वस्त्रोद्योग परियोजनाओं की गहराई से जांच की जाएगी। राज्य में 27 हॉर्स पावर से कम क्षमता वाले पावरलूम को छोड़कर बाकी सभी वस्त्रोद्योग यूनिट को बिजली दर में रियायत दी जाती है। प्रदेश में बिजली दर में छूट पा रहे उद्योगों को रियायत संबंधी प्रस्ताव ऑनलाइन वस्त्रोद्योग आयुक्त की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। इसके अलावा जिन उद्योगों की सहूलियत बंद है अथवा रियायत के लिए नए प्रस्ताव दाखिल किए गए हैं उन्हें भी प्रस्ताव देना होगा। इस प्रस्ताव में उद्योगों को पिछले 6 महीने का बिजली बिल भुगतान, बिजली बिल के इस्तेमाल का ब्यौरा देना पड़ेगा। बिजली दर में छूट पाने वाले नियमित वस्त्रोद्योग परियोजनाओं को संबंधित प्रस्ताव देने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया है। यदि इस अवधि में परियोजनाओं का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ तो उनकी बिजली सब्सिडी बंद कर दी जाएगी। जिन परियोजनाओं की तरफ से प्रस्ताव भेजा जाएगा उनकी गहराई से छानबीन के बाद ही सरकार की मंजूरी से बिजली दर में छूट दी जाएगी।
गलत जानकारी देने पर ब्याज सहित होगी वसूली
बिजली दर छूट के लिए सरकार के पास भेजे जाने वाले प्रस्ताव की सच्चाई परखने के लिए वस्त्रोद्योग विभाग का सतर्कता व नियंत्रण दस्ता नियमित जांच करेगा। यदि दस्ते की जांच में पाया गया कि संबंधित परियोजना की ओर से दी गई जानकारी और प्रत्यक्ष जानकारी में अंतर है अथवा परियोजना के बारे में गलत अथवा झूठी जानकारी दी गई है तो उस परियोजना की बिजली सब्सिडी अथवा अन्य प्रकार की रियायत तत्काल बंद कर दी जाएगी। साथ ही पूर्व में दिए गए सभी अनुदान ब्याज सहित वसूल किया जाएगा। जिन परियोजनाओं ने सरकार के पास पहले प्रस्ताव भेजा है उन्हें दोबारा भेजने की आवश्यकता नहीं है। जिन परियोजनाओं को बिजली सहूलियत स्व-घोषणपत्र जमा न कराने के चलते बंद किया गया है उन्हें प्रस्ताव जमा करना होगा। सरकार का कहना है कि वस्त्रोद्योग परियोजनाओं को बिजली दर में सहूलियत के लिए स्व-घोषणापत्र पेश करना आवश्यक होता है। मगर सरकार के बार-बार निर्देशों के बावजूद परियोजनाओं की ओर से स्व-घोषणापत्र जमा नहीं कराया जाता है। सरकार को प्राप्त शिकायतों और सतर्कता व नियंत्रण दस्ते की जांच में अधिकांश परियोजनाओं में अनियमितता पाई गई है। कई वस्त्रोद्योग परियोजनाओं द्वारा कदाचार किए जाने की बात सरकार के संज्ञान में आई है। इसके अलावा राज्य में वस्त्रोद्योगों के नाम पर अन्य उद्योगों के बिजली दर में रियायत का लाभ लेने की शिकायतें मिली हैं। सरकार ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते राज्य के राजस्व की स्थिति बिकट हो गई है। राज्य में चक्रवात, बेमौसम बारिश जैसी अनेक समस्या है। इसके बावजूद वस्त्रोद्योगों का बिजली अनुदान शुरू है। पर शासन के अनुदान का अगर कुछ उद्योग दुरुपयोग कर रहे हैं तो उनके खिलाफ सख्ती बरतना शासन की जिम्मेदारी है।
Created On :   25 Oct 2021 8:12 PM IST