सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या और कन्या संक्रांति का योग कल पितर देवता के साथ ही सूर्यदेव की पूजा और दान-पुण्य करें

Yoga of omnipotent Moksha Amavasya and Kanya Sankranti tomorrow worship of ancestor deity
सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या और कन्या संक्रांति का योग कल पितर देवता के साथ ही सूर्यदेव की पूजा और दान-पुण्य करें
सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या और कन्या संक्रांति का योग कल पितर देवता के साथ ही सूर्यदेव की पूजा और दान-पुण्य करें

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  सर्वपितृ अमावस्या 17 सितंबर गुरुवार को पड़ रही है। इसे आश्विन अमावस्या, बड़मावस और दर्श अमावस्या भी कहा जाता है। इस तिथि पर उन मृत लोगों के पिण्डदान, श्राद्ध और तर्पण कर्म किए जाते हैं, जिनकी मृत्यु तिथि मालूम नहीं है। साथ ही अगर किसी मृत सदस्य का श्राद्ध करना भूल गए हैं तो उनके लिए अमावस्या पर श्राद्ध कर्म किए जा सकते हैं। अमावस्या पर सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों के पिण्डदान आदि शुभ कर्म करने चाहिए। मान्यता है कि पितृ पक्ष में सभी पितर देवता धरती पर अपने-अपने कुल के घरों में आते हैं और धूप-ध्यान, तर्पण आदि ग्रहण करते हैं। अमावस्या पर सभी पितर अपने पितृलोक लौट जाते हैं। चतुर्दशी का श्राद्ध आज 16 सितम्बर को है।  पं. रोहित दुबे ने बताया कि सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर इस वर्ष कई खास योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या, कन्या संक्रांति है। इससे पहले यह संयोग 38 साल पहले 1982 में बना था और अब 19 साल बाद फिर बनेगा। अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने और दान-पुण्य करने की परम्परा है। इस बार कोरोना की वजह से किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर पर ही नदियों और तीर्थों का ध्यान करते हुए स्नान करें। पं. वासुदेव शास्त्री ने बताया कि सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पितृ पक्ष की अंतिम तिथि है। इस अवसर पर पितर देवता के लिए धूप-ध्यान, पिण्डदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म करने की परम्परा है। दोपहर में गाय के गोबर का कंडा जलाएँ और उस पर गुड़-घी डालकर धूप देना चाहिए। नौ ग्रहों का राजा सूर्य 17 सितंबर को सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि परिवर्तन को कन्या संक्रांति कहा जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव की विशेष पूजा करें। ताँबे के लोटे से अघ्र्य अर्पित करें। ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। सूर्य से संबंधित चीजें जैसे गुड़, ताँबे के बर्तन का दान करें।
 

Created On :   16 Sept 2020 2:36 PM IST

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