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युवा स्वाभिमान योजना - नहीं हुआ प्लेसमेंट , सिर्फ ट्रेनिंग सेंटर को हुआ लाभ
डिजिटल डेस्क कटनी । शहरी क्षेत्र के युवाओं को सौ दिनों का अस्थाई रोजगार खटाई में पड़ते नजर आ रही है। एक तरफ नए युवाओं का पंजीयन नहीं हो रहा है, तो दूसरी तरफ 6494 पंजीयन में से 1178 युवाओं के हाथों में ही रोजगार मिल सका। इसमें भी अभी तक सिर्फ 300 युवाओं को ही काम के बदले मानदेय नसीब हुआ है। प्रशिक्षण केन्द्रों में युवाओं का पंजीयन बंद करने की प्रमुख वहज प्लेसमेंट की अनिवार्यता बताई जा रही है। योजना के शुरुआती दौर में जब प्रशिक्षण सेंटरों को अपना फायदा दिखाई दिया, तब तो वे थोकबंद पंजीयन कर लिए, लेकिन जब बाद में उनसे अस्थाई रोजगार की गारंटी शासन ने मांगी तो उन्होंने हाथ ही खड़े कर दिए।
ट्रेनिंग सेंटरों का भरा खजाना
युवाओं को भले ही इससे बहुत कुछ हासिल न हुआ हो, लेकिन प्रशिक्षण केन्द्रों का खजाना भर गया। युवा स्वाभिमान में तो दस से बारह तरह के ट्रेड शामिल रहे। इसके बावजूद जिले में तीन ट्रेडों में ही प्रशिक्षण का काम शुरु हो सका। जिसमें कम्प्यूटर ऑपरेटर, आफिस डयूटी और रिटेल मार्केटिंग का काम ही सिखाया गया। तीन तरह के ट्रेनिंग देने के लिए जिले के पांच प्रशिक्षण केन्द्रों को चिन्हित किया गया।
अब तक 12 लाख खर्च
इस योजना मेें अब तक महज 12 लाख रुपए की खर्च हुए हैं। जिसमें मानदेय कम और ट्रेनिंग सेंटरों को प्रशिक्षण का अधिक भुगतान किया गया है। दस दिन पहले तक जिले के विजयराघवगढ़, कैमोर, बरही और कटनी नगर निगम से इस योजना के तहत करीब 6 हजार युवाओं ने काम के तलाश में पंजीयन कराया। इसमें करीब 11 सौ युवाओं को ही रोजगार का ऑफर दिया गया। जिसमें अब तक 300 लोग ही ऐसे रहे। जिन्हें अस्थाई काम के बदले मानदेय मिल सका। 200 युवाओं को ट्रेनिंग दिलाया जा रहा है, तो 200 युवा ऐसे हैं। जिनसे काम लिया जा रहा है।
प्लेसमेंट कहा तो निकला दम
ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लेने के बाद युवा अस्थाई रोजगार से जुडकऱ अपना जीविकोपार्जन कर सकें। जिसके लिए बाद में प्लेसमेंट की भी शर्त जोड़ दी गई। इस शर्त का पालन करने में प्रशिक्षण केन्द्रों का दम निकल गया। युवा प्रशिक्षण केन्द्रों में पंजीयन कराने के लिए जा रहे हैं, लेकिन वहां से उन्हें बैरंग लौटा दिया जा रहा है।
इनका कहना है
इस योजना के संबंध में मुझे अधिक जानकारी नहीं है। शहरी विकास अभिकरण के अधिकारियों से जानकारी लेकर ही इसमें और अधिक बताया जा सकता है।
- आर.पी.सिंह, नगर निगम कमिश्रर
Created On :   26 Dec 2019 3:11 PM IST