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जूम एप प्राइवेसी के लिए खतरा, दूसरे एप्लिकेशन से हुई हाइकोर्ट में सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गृह मंत्रालय द्वारा जूम वीडियो कांफ्रेंसिंग एप को लेकर अलर्ट जारी करने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसके उपयोग करके सुनवाई करने का फैसला बदल दिया है। हाईकोर्ट प्रबंधन ने प्रधान खंडपीठ, नागपुर और औरंगाबाद खंडपीठ में "वीडियो" नामक एप के जरिए सुनवाई करने का फैसला लिया है। इसके मुताबिक सोमवार को नागपुर खंडपीठ ने कामकाज शुरू किया। न्यायमूर्ति जहां कोर्ट रूम में बैठे, तो वकीलों ने अपने घरों-दफ्तरों से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग पर युक्तिवाद किया। दोपहर 12 से 2 बजे तक सुनवाई की गई। उल्लेखनीय है कि देश के सरकारी विभागों और संस्थाओं द्वारा जूम एप का उपयोग खासा बढ़ गया है, लेकिन साइबर एक्सपर्ट्स ने इस एप को प्राइवेसी के लिए खतरनाक बताया था। एप द्वारा यूजर्स का डेटा इकट्ठा करके उसे बेचने के भी आरोप लगे हैं।
हो रहा फ्री वर्जन का इस्तेमाल
नागपुर और देशभर में जूम एप का फ्री वर्जन इस्तेमाल िकया जा रहा है, जिसमें डेटा सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध नहीं हैं। डार्क नेट और हैकर्स के बीच जूम से लीक हुए डेटा की बिक्री की सूचनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं। हर व्यक्ति के डेटा को कई तरह से मिसयूज किया जा सकता है। ब्लैकमेलिंग बढ़ सकती है। जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप का उपयोग निजी तौर पर भी कर रहे हैं। यह उनकी निजता को संकट मंे डाल सकता है। शहर के फौजदारी वकील एड. राजेंद्र डागा ने बताया कि गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करके यूजर्स को सतर्क किया था। सरकारी संस्थाओं को इसके उपयोग से परहेज करने को कहा गया था, जिसके बाद नागपुर खंडपीठ ने यह नए एप के उपयोग से जुड़ा सर्कुलर जारी किया। इसके अनुसार सोमवार को सुनवाई की गई। सुनवाई बगैर किसी व्यवधान के पूरी हुई।
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Created On :   21 April 2020 3:28 PM IST