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जिप अपनाएगी कुपोषण मुक्ति का गड़चिरोली पैटर्न
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला परिषद महिला व बाल कल्याण समिति सभापति अवंतिका लेकुरवाले ने ग्रामीण क्षेत्र में कुपोषण मुक्ति का "गड़चिरोली पैटर्न" अपनाने बात कही है। कुपोषण मुक्ति के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन जिले का ग्रामीण क्षेत्र कुपोषण मुक्त होने का नाम नहीं ले रहा है। सितंबर महीने में मध्यम तीव्र कुपोषित 776, अतितीव्र कुपोषित 143 बालक पाए गए। इस समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए उन्होंने कदम आगे बढ़ाए हैं। जिले में गड़चिरोली पैटर्न पर अमल करने सरकार से विशेष आहार के लिए अतिरिक्त निधि देने की मांग की है।
विशेष आहार के सकारात्मक परिणाम : गड़चिरोली जिले में 10 हजार बच्चों को विशेष आहार देने पर पांच महीने में 3 हजार से ज्यादा बच्चों का वजन, ऊंचाई और स्वास्थ्य जांच में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। आंगनवाड़ियों में नियमित आहार के अतिरिक्त दिन में एक बार विशेष आहार का यह सकारात्मक परिणाम बताया जाता है। कुपोषण का प्रमाण कम करने के लिए नौ प्रकार की पाककृति बनाकर आंगनवाड़ी केंद्रों में बालकों को दी जा रही है। 2 अक्टूबर 2021 से विशेष आहार योजना पर अमल किया जा रहा है।
ठोस उपाययोजना के लिए निधि की गुहार : नागपुर जिला पर की ग्रामीण क्षेत्र में 2423 आंगनवाड़ियां हैं। आंगनवाड़ियों के माध्यम से शून्य से 6 वर्ष आयुवर्ग के बालक, किशोरी, गर्भवती और स्तनदा माताओं को नियमित पोषण आहार दिया जाता है। करोड़ों रुपए खर्च करने पर भी जिले में सैकड़ों कुपोषित बालक पाए जाने से सरकार की योजना धरी की धरी रह गई है। कुपोषण मुक्ति के लिए जिप महिला व बाल कल्याण समिति सभापति ने ठोस उपाययोजना करने के लिए सरकार से निधि देने की गुहार लगाई है।
कुपोषित बालकों की होगी संपूर्ण स्वास्थ्य जांच
अवंतिका लेकुरवाले, सभापति, महिला व बाल कल्याण समिति, जिप के मुताबिक कुपोषित बालकों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए एनर्जी डेन्स न्यूट्रीशन फूड दिया जाता है। अनेक बादक उसे सेवन नहीं करते। कुछ बालकों को वह हजम नहीं होने की शिकायते हैं। समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए सबसे पहले सरकार की मदद से सभी बच्चों की मेयो, मेडिकल, लता मंगेशकर अस्पताल में जांच कराई जाएगी। आहार विशेषज्ञ, बाल रोग विशेष, पैथॉलोजिस्ट से उनकी संपूर्ण जांच के बाद डॉक्टर की सलाह से उन्हें आवश्यक तैयार करने का ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पर आने वाला खर्च पूरा करने जिला नियोजन समिति तथा सरकार से निधि के लिए पत्र व्यवहार किया जाएगा।
Created On :   13 Nov 2022 7:59 PM IST