पन्ना: ऐसा मंदिर जहां भगवान भी करते हैं पूर्वजों का तर्पण

ऐसा मंदिर जहां भगवान भी करते हैं पूर्वजों का तर्पण

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पितृपक्ष में पूर्णिमा के दिन से लगातार 15 दिनों अमावस्या तक जलाशयों व अपने-अपने घरों में लोग पितरों को पानी दे रहे हैं। बुंदेलखण्ड की आस्था के प्रतीक भगवान श्री जुगल मंदिर में भगवान भी पूरे 15 दिनों तक तर्पण करते हैं सुबह लगभग 6 बजे पूरे विधि-विधान के साथ यह तर्पण की प्रक्रिया संपन्न कराई जाती है। उसके बाद भगवान श्री जुगल किशोर जी का पुजारी द्वारा श्रृंगार किया जाता है। पितृ पक्ष के इन दिनों में श्रद्धालुओं के द्वारा अपने पितरों की स्मृति में भगवान को पोशाक भी चढ़ाई जा रही है जिस तिथि के दिन उनके पितरों की तिथि होती है उसके एक दिन पूर्व मंदिर में जाकर पोशाक जमा कर दी जाती है और दूसरे दिन वही वस्त्र भगवान श्री जुगल किशोर जी पहनकर भक्तों को दर्शन देते हैं।

पितृपक्ष के इन 15 दिनों में भगवान जुगल किशोर सफेद वस्त्र धारण करते हैं उनको इस दौरान रंगीन वस्त्रों से युक्त पोशाक नहीं पहनाई जाती है। बुंदेलखंड में भगवान श्री जुगल किशोर जी श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र हैं और पितृपक्ष में लोग पहुंचकर उन्हें अपने पूर्वजों की स्मृति में पोशाक चढ़ाते हैं। मंदिर के पुजारी मुक्कू महाराज बतलाते हैं कि यह परंपरा सैकड़ो वर्ष पुरानी है जो आज भी चली जा रही है। मान्यता के अनुसार भगवान जुगल किशोर जी भी अपने पितरों को पानी देते हुए तर्पण करते हैं सुबह तर्पण की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद भगवान का पूरा शृंगार किया जाता है और उसके बाद सुबह के दर्शन श्रद्धालुओं को दिए जाते हैं। पुजारी जी ने बताया कि पितृपक्ष में भी भक्तगण पोशाक चढाते हैं।

Created On :   4 Oct 2023 1:00 PM IST

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