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पन्ना: पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा ग्रीष्म ऋतु में पशुओं को लू से बचाव के संबंध में सलाह
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा ग्रीष्म ऋतु में
- पशुओं को लू से बचाव के संबंध में सलाह
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा ग्रीष्म ऋतु में पशुओं को लू से बचाव के संबंध में जिले के पशुपालकों और गौशाला संचालकों से जरूरी उपाय अपनाने की अपील की गई है। बताया गया है कि सूरज की तेज गर्मी के कारण गर्म हवाएं चलने से पशुओं को लू लगने और बीमार होने की संभावना अधिक बनी रहती है। गर्मी के मौसम में बढते तापमान से जानवरों को लू लगने की संभावना रहती है। शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है जिससे पशुओं को तेज बुखार होने के कारण नाक से श्राव का बहाव, आंखों से आंसू गिरना, तेज सांस लेना तथा सुस्त होकर खाना पानी बंद करने जैसे लक्षण दिखते हैं।
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विभाग के उप संचालक डॉ. डी.पी. तिवारी ने बताया कि पशुओं को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुला नहीं रखना चाहिए बल्कि गौशाला व ठण्डे एवं छायादार आवास में रखकर गौशाला व पशुओं के आवास की नियमित साफ.-सफाई करना चाहिए। गौशालाओं में विद्युत व्यवस्था भी दुरूस्त रखना जरूरी हैए जिससे इलेक्ट्रिक दुर्घटनाएं न हो सकें। गर्म दिनों में दिन में ठंडे पानी से नहलाने के साथ ही ठंडा एवं स्वच्छ पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाने के अलावा पशुओं को ठोस आहार न देकर तरलयुक्त नरम आहार खिलाना चाहिए। पशुओं के लू लगने एवं बीमार होने पर तत्काल निकट के पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक से संपर्क कर तत्काल उपचार कराना चाहिए।
Created On :   23 May 2024 4:10 PM IST