पन्ना: भगवान सूर्य को अघ्र्य देकर की छठ पूजा, उतरांचल के मूल वांशिदों ने धूमधाम से मनाया पर्व

भगवान सूर्य को अघ्र्य देकर की छठ पूजा, उतरांचल के मूल वांशिदों ने धूमधाम से मनाया पर्व

डिजिटल डेस्क, पन्ना। उत्तरप्रदेश एवं बिहार में धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाये जाने वाले पर्व की निराली छठा के दर्शन पन्ना शहर के धरम सागर तालाब में देखने को मिल गई। पन्ना शहर में रह रहे सैकड़ों की संख्या में उत्तरप्रदेश, बिहार और उत्तराखण्ड के परिवारों द्वारा अपनी परम्परा एवं श्रृद्धा के साथ छठ का पर्व मनाया गया। पति एवं पुत्र की दीघार्यु की कामना के साथ महिलाओं द्वारा निर्जला व्रत रखा गया। इस कठिन साधना भरे व्रत की शुरूआत महिलाओं ने चौथ तिथि से शुरूआत की है। पहले दिन चौथ तिथि को व्रत रखने वाली महिलाओं ने स्नान किया और व्रत-भोजन प्रसाद ग्रहण करते हुए व्रत साधना ली।

अगले दिन पंचमी तिथि को सुबह से शाम तक व्रत रखा और रात्रि में पूजा-अर्चना करते हुए नये चावल की गुड़ से बनीं मीठी खीर का प्रसाद ग्रहण किया और इसके साथ ही छठ का व्र्रत पंचमी की रात से अन्न, जल यहां तक की पीक को अंदर नहीं जाने के साथ ही छठी का व्रत शुरू हुआ। आज छठी के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं ने उत्साह के साथ सुबह से पूजा-अर्चना की तैयारी शुरू की।

पूजा-अर्चना की सामग्री, फल, पुआ, गन्ना इत्यादि लेकर पन्ना स्थित धरम सागर तालाब पहुंचे जहां सामूहिक रूप से गन्ने का मण्डप बनाकर भक्तिभाव एवं गीत गायनों के साथ छठ उत्सव का पर्व मनाया गया। इस दौरान उत्साहित बच्चों एवं पुरूषों के द्वारा दीवाली की तरह आतिशबाजी करते हुए इस उत्सव के लिए अपनी खुशियों का इजहार किया गया। छठ उत्सव के तहत भगवान को सूर्यास्त के समय अघ्र्य देने का व्रत में सबसे बड़ा महत्व है और इसी महत्व के साथ ही डूबते सूरज का इंतजार करते हुए भगवान सूर्य जब अस्त होने लगे तो व्रत रखने वाली महिलायें धरम सागर तालाब के जल में खड़ी होकर थाली सजाकर भगवान सूर्योदय की आराधना एवं पूजा के लिए पहुंची। दीपक की लौ के साथ सूर्यास्त के समय भगवान सूर्य की आरती उतारी गई और पूजन सामग्री प्रसाद के साथ डूबते सूरज को व्रत रखने वाली महिलाओं द्वारा अघ्र्य देते हुए अपने परिवार, बच्चों तथा पति की खुशहाली एवं लंबी उम्र की प्रार्थना की गई और भक्तिभाव के साथ अपने घर लौट गये।

उगते सूरज को अघ्र्य देने के बाद पूरा होगा व्रत

छठ का व्रत महिलाओं के लिए कठोर साधना का व्रत है। इस व्रत को रखने वाली महिलाओं को लगभग ३६ घण्टे तक निर्जला रहते हुए इस व्रत को पूर्ण करना होता है। छठ के दिन सरोवर अथवा जलीय स्थलों में भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है और इसके बाद घर लौटकर महिलायें साधना पूर्वक रातभर निर्जला रहते हुए भक्तिभाव के साथ व्रत साधना करतीं हैं। आज उगते हुए सूरज को पन्ना शहर में रह रही व्रती महिलाओं द्वारा अघ्र्य दिया गया और घर लौट गईं। महिलाओं ने बतााय कि रात्रि में छठ व्रत में तीजा की तरह भक्ति आरधना होगी और सप्तमीं के दिन सूर्योदय के समय सभी लोग फिर से धर्मसागर तालाब में आयेेंगे और जिस तरह से आज डूबते हुए सूरज को अघ्र्य दिया गया उसी तरह सप्तमीं के सूर्योदय के वक्त उग रहे सूरज की पूजा-अर्चना कर अघ्र्य दिया जायेगा और इसके बाद घर लौटकर सभी लोग व्रत-उपवास करते हुए भोजन प्रसाद प्राप्त करेंगे।

छठ पूजा देखने पहुंचे नगरवासी

आज छठ पूजा के दिन पन्ना के धर्म सागर में उत्तरांचलवासी श्रृद्धालुओं का बड़ी संख्या में जमावाड़ा रहा। छठ उत्सव में पन्ना के ऐतिहासिक धर्म सागर तालाब की शोभा में चार चांद लग गये। छठ उत्सव की पूजा-अर्चना और रीति-रिवाज देखने के लिए बड़ी संख्या में नगरवासी भी धर्मसागर पहुंचे जहां पर लोगों द्वारा पन्ना शहर में रह रहे उत्तरांचलवासियों को इस पर्व की शुभकामनायें दी गईं और उत्साह के साथ छठ पूजा के महत्व एवं पूजा-अर्चना तथा इस व्रत से होने वाले लाभों की जानकारी ली।

Created On :   20 Nov 2023 11:11 AM IST

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