पन्ना: धन तेरस पर खरीददारी के लिये दिन भर रही दुकानों में भीड़

धन तेरस पर खरीददारी के लिये दिन भर रही दुकानों में भीड़

डिजिटल डेस्क, पन्ना। धार्मिक मान्यता एवं परम्परा के अनुसार खरीददारी के लिये वर्ष के सबसे शुभ दिन माने जाने वाले धनतेरस के पर्व पर आज पन्ना शहर के बाजारों में सुबह से ही चहल पहल शुरू हो गई। दुकानदारों द्वारा धनतेरस पर होने वाली विशेष ग्राहकी के मद्देनजर अपनी दुकानों के साथ ही सामग्री को दुकान के सामनें स्टालों में लगाया गया। वाहनों के शो-रूम, बर्तन एवं ज्वैलरी की दुकानों में खरीददारी करने वाले ग्राहको की संख्या आज कई गुना बढ़ गई। आर्थिक रूप से संपन्न लोगों द्वारा जहां आज वाहन, ज्वैलरी आदि की खरीददारी में दिलचस्पी दिखाई वहीं मध्यमवर्गीय तबका दैनिक घरेलु उपयोग में किये जाने वाले इलेक्ट्रानिक सामान टीवी, फ्रि ज, वाशिंग मशीन सहित अन्य प्रकार की सामग्री को लेकर उत्साहित नजर आया। गरीब तबका भी धन तेरस पर्व को उत्साह पूर्वक मनाने को लेकर बाजार तक पहुंचा और उसके द्वारा दैनिक उपयोग में आने वाली बेहद ही जरूरी सामग्रियों को खरीदा गया।

सबसे ज्यादा भीड़ बर्तनों की दुकानों में धन तेरस के पर्व पर देखी जा रही है, जहां पर ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्र के वाशिंदे धन तेरस पर पूजा के लिये अपनी आवश्यक्तानुसार बर्तनों की खरीददारी के लिये पहुंचे। परम्परागत मान्यता के अनुसार गरीब से गरीब तबका भी कुछ न कुछ खरीदनें के लिये बाजार तक पहुंचा और उसके द्वारा धन तेरस पर पूजने के लिये कुछ न कुछ सामग्री अवश्य खरीदी गई। धन तेरस पर्व के साथ ही पन्ना शहर के बाजारी क्षेत्र में ट्राफिक व्यवस्था को कन्ट्रोल करने के लिये पुलिस बल नगर के सभी प्रमुख मार्गो के साथ ही तैनात रहा। बड़े वाहनों को बाजारी क्षेत्र में प्रवेश बंद कर दिया गया। ट्राफिक को लेकर पुलिस की व्यवस्था से पूर्व के वर्षो में जो धन तेरस के पर्व पर अव्यवस्थाओं की स्थिति निर्मित हो जाती थी उस पर इस बार काफी कन्ट्रोल देखा जा रहा है। ट्रेफिक पुलिस वाहन दिन भर शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिये सक्रिय नजर आया। जहां कहीं ट्राफिक व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती दिखाई दी वहां पर व्यवस्थाओं को शीघ्रता के साथ दुरूस्त किया गया।

आटे के दीपक की रोशनी के साथ हुई दीपोत्सव पर्व की शुरूवात

पौराणिक मान्यातओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय शरद पूर्णिमा को चन्द्रमा, कार्तिक द्वादशी का कामधेनू गाय, त्रियोदशी का भगवान धनवन्तरी, चतुदर्शी को मां काली तथा अमावस्या को लक्ष्मी माता समुद्र से उत्पन्न हुई थी। कार्तिक कृष्णपक्ष त्रियोदशी को भगवान धन्वतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में धनतेरस मनाया जाता है। कहा जाता है कि धनतेरस के समय भगवान धनवन्तरी ने संसार को अमृत प्रदान किया था पुराणों में धनवन्तरी को भगवान विष्णु का अंशावतार भी माना गया है। आमतौर पर लोग धनतेरस की दिन कुबेर की पूजा करते है लेकिन काफी लोग यह जानते है कि इस दिन सिर्फ धन की ही नही अपितु तंदरूस्ती एवं स्वास्थ्य को भी सवांर सकते है। धनतेरस की मान्यताओं के अनुसार लोगो द्वारा अपने-अपने घरों में धन की पूजा की गई इसके साथ ही दीपोत्सव पर्व की शुरूवात हो गई। बुंदेलखण्ड के इस अंचल में आज पहले दिन धनतेरस के पर्व पर आटे के दीपक बनाकर दीप जलाये गये और इसी के साथ ही रोशनी के पर्व दीपावली की शुरूवात हो गई। धन तेरस के दिन घरों में लोग आटे के १३ दीपक जलाकर रोशनी करते है।

Created On :   11 Nov 2023 12:42 PM IST

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