पन्ना: श्रृद्धालु सुंदरसाथ ने उत्साह के साथ की पृथ्वी परिक्रमा

श्रृद्धालु सुंदरसाथ ने उत्साह के साथ की पृथ्वी परिक्रमा

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना धाम में आज सोमवार को देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु सुंदर ने एक साथ नगर के बाहरी हिस्से में जंगल होते हुए परिक्रमा लगाकर अपने आप को धन्य महसूस किया। प्रणामी संप्रदाय के अनुयाई और श्रद्धालु शरद पूर्णिमा के ठीक एक माह बाद कार्तिक पूर्णिमा को देश के कोने-कोने से यहां पहुंचते हैं। यहाँ किलकिला नदी के किनारे व पहाडियों के बीचोंबीच बसे समूचे पन्ना नगर के चारों तरफ परिक्रमा लगाकर भगवान श्री कृष्ण के उस स्वरूप को खोजते हैं जो कि शरद पूर्णिमा की रासलीला में उन्होंने देखा और अनुभव किया है। अंतध्र्यान हो चुके प्रियतम श्री प्राणनाथ को उनके प्रेमी सुन्दरसाथ भाव विभोर होकर नदीं, नालों, पहाडों तथा घने जंगल में हर कहीं खोजते हैं। सदियों से चली आ रही इस परम्परा को प्रणामी धर्मावलम्बी पृथ्वी परिक्रमा कहते हैं।

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पन्ना धाम में लगभग चार सौ वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है। प्राचीन भव्य मंदिरों के इस शहर पन्ना में प्रणामी धर्मावलम्बियों की आस्था का केंद्र श्री प्राणनाथ जी का मंदिर स्थित है जो प्रणामी धर्म का सबसे बडा तीर्थ स्थल माना जाता है। मंदिरों की नगरी पन्ना में सोमवार 27 नवंबर को पृथ्वी परिक्रमा में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुन्दरसाथ पन्ना पहुँचे जिससे आज पूरे दिन मंदिरों के शहर पन्ना में पृथ्वी परिक्रमा की धूम रही। पूरे भक्ति भाव और उत्साह के साथ पन्ना पहुंचे इन श्रद्धालुओं ने परम्परानुसार पृथ्वी परिक्रमा में भाग लिया। यहां के जंगल, पहाड़ आज श्री प्राणनाथ प्यारे के जयकारों से गूंज उठे।

विश्व कल्याण व साम्प्रदायिक सद्भाव की सीख भी देती है यह अनूठी परंपरा

मालुम हो कि प्रकृति के निकट रहने तथा विश्व कल्याण व साम्प्रदायिक सद्भाव की सीख देने वाली इस अनूठी परम्परा को प्रणामी संप्रदाय के प्रणेता महामति श्री प्राणनाथ जी ने आज से लगभग 398 साल पहले शुरू किया था जो आज भी अनवरत् जारी है। इस परम्परा का अनुकरण करने वालों का मानना है कि पृथ्वी परिक्रमा से उनको सुखद अनुभूति तथा शान्ति मिलती है। महामति श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना के पुजारी देवकरण त्रिपाठी ने बताया कि पवित्र नगरी पन्ना में कार्तिक पूर्णिमा को हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से आये सुंदरसाथ व स्थानीय जनों द्वारा पृथ्वी परिक्रमा करने की परंपरा है जिसका निर्वहन आज भी हो रहा है। चारों ंतरफ फैली हरीतिमा तथा जल प्रपात का कर्णप्रिय संगीत और जहाँ-तहाँ चट्टानों पर बैठकर विश्राम करती श्रद्धालुओं की टोली, सब कुछ बहुत ही मनभावन लगता है। जानकारों के मुताबिक इस परिक्रमा की दूरी करीब 20 किलोमीटर के आसपास होती है। पहाडी को पार करते हुये मदार साहब, धरमसागर व अघोर होकर यह विशाल कारवां खेजडा मंदिर पहुंचता है। यात्रा में रंग बिरंगे कपडे पहने मुस्कुराते बच्चे, सुन्दर परिधानों से सुसज्जित महिलायें, युवक-युवतियाँ व वृद्धजन अपने-अपने विशिष्ट अंदाज में दिखते हैं। खेजडा मंदिर पहुंचने पर वहां महाआरती व प्रसाद वितरण होता है। इसके बाद सभी सुन्दरसाथ उसी स्थान पर पहुंचते हैं जहां से परिक्रमा शुरू की गई थी।

अद्भुत है कौवा सेहा का सौंदर्य

पन्ना शहर से बमुश्किल तीन-चार किलोमीटर दूर स्थित कौवा सेहा का अप्रतिम सौंदर्य देखने जैसा है। यदि इस प्राकृतिक सेहा तक सुगम मार्ग व यहां सुरक्षा के जरूरी इंतजाम करा दिए जाएं तो मानसून सीजन के अलावा भी पूरे वर्ष भर यह स्थल पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है। राकेश शर्मा 58 वर्ष निवासी पन्ना बताते हैं कि सामान्य दिनों में यहां सन्नाटा पसरा रहता है और झरने के सुुुमधुर संगीत के बीच वृक्षों में कुल्हाडी चलने की आवाजें गूंजती हैं जिससे यहां का माहौल बेहद डरावना प्रतीत होने लगता है। यदि यह स्थल विकसित हो जाए तो अवैध कटाई सहित अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर जहां रोक लग सकती है।

पृथ्वी परिक्रमा के सुखद अनुभव

पिछले 12 वर्षो से प्रतिवर्ष की भांति सभी सुंदरसाथ के बीच बडे ही हर्षउल्लास के साथ पृथ्वी परिक्रमा का आंनद लेते है जो समूचे पन्ना नगर के चारों तरफ परिक्रमा लगाकर भगवान श्री कृष्ण के उस स्वरूप को खोजते हैं जो कि शरद पूर्णिमा की रासलीला में उन्होंने देखा और अनुभव किया है।

अमित रावल वासिया, भिवानी हरियाणा

पिछले दो वर्षो से पृथ्वी परिक्रमा पर पन्ना धाम की भूमि में कण-कण का जो आनंद मिलता है शायद पूरे विश्व में कहीं हो।

अनिरूद्व भंडारी, मेरठ राजस्थान

परमहंस पीठ श्री राधिका धाम भिवानी से प्रथम बार पृथ्वी परिक्रमा का आनंद लेने के लिये पन्ना धाम आया हंू। यहां पर आकर साक्षात परम धाम की अनुभूति हो रही है कहने के लिये तो यहां अनुभूति के लिये तो सैकङो शब्द भी कम है।

श्याम शरण महाराज, भिवानी

पृथ्वी परिक्रमा करने पहुंचे श्रद्धालुओं का किया गया स्वागत

शहर के इंद्रपुरी कॉलोनी स्थित पार्क में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित राम लखन त्रिपाठी ने अपने सभी सहयोगियों के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे श्रद्धालु सुंदरसाथ का स्वागत किया। गौरतलब हो कि अधिवक्ता श्री त्रिपाठी सुबह से लेकर शाम तक परिक्रमा मार्ग से निकलने वाले सभी श्रद्धालुओं का चाय पिलाकर एवं बिस्कुट खिलाकर स्वागत करते हैं। इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती शारदा पाठक, मनीष मिश्रा, सुनील अवस्थी, श्रीमती सुशील त्रिपाठी, श्रीमती निशा जैन, एडवोकेट अजय पटेरिया, चंद्रपाल प्रजापति, राजकुमार सेन, चंद्रभूषण जुनेजा, गौरीशंकर गुप्ता, रमन दीक्षित, अनुपम त्रिपाठी, हीरालाल विश्वकर्मा, सुरेश पटेरिया, महेश जैन, अजय श्रीवास्तव, राजू सिंगरौल, वीरेंद्र चौरसिया, कृष्ण कुमार तिवारी, गिरीश शर्मा, संतोष कुमार द्विवेदी, रामलाल त्रिपाठी व राहुल खरे सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

Created On :   28 Nov 2023 11:15 AM IST

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