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पन्ना: श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह प्रसंग में झूमे भक्त
डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा नि.प्र.। पहाडीखेरा कस्बा में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन आज सम्पन्न हो गया। जिसमें कथा श्रवण को बडी संख्या में श्रद्धालु पहँुचे कथा के अंतिम दिन आज श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह प्रसंग का मनमोहक रूप में कथा वाचक पंडित हरिओम शास्त्री महाराज द्वारा वर्णन किया गया। कथा वाचक ने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन किया। श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह प्रसंग में उन्होंने बताया कि विदर्भ के राजा भीष्मक के घर रूकमणी का जन्म हुआ। बाल्य अवस्था से भगवान श्रीकृष्ण को सच्चे हृदय से पति के रूप में चाहती थी लेकिन उसका भाई रूकमणी का विवाह राजा शिशुपाल के साथ करना चाहता था रूकमणी ने अपनी भाई की इच्छा जानती तो उन्हें बडा दुख हुआ। अत: शुद्धमति के अंतपुर में एक सुदेव नामक ब्राह्मण आता-जाता था रूकमणी ने उस ब्राह्मण से कहा कि वे श्रीकृष्ण से विवाह करना चाहती है।
०७ श्लोकों लिखा हुआ पत्र तुम श्रीकृष्ण तक पहँुचा देना रूकमणी ने स्वयं को प्राप्त करने के लिए उपाय भी बताया पत्र में रूकमणी ने बताया कि वह प्रतिदिन पार्वती की पूजा करने के लिए मंदिर जाती है श्रीकृष्ण आकर मुझे यहां से ले जाओ। रूकमणी का भेजा पत्र जब भगवान श्रीकृष्ण को प्राप्त हुआ इसके बाद पार्वती पूजन के लिए जब रूकमणी आई तो उसी समय प्रभु श्रीकृष्ण रूकमणी का हरण करके ले गए। रूकमणी के पिता ने रीति-रिवाज के साथ दोनों का विवाह कर दिया। श्रीकृष्ण-रूकमणी के विवाह कथा प्रसंग में उत्साहपूर्वक विवाह उत्सव मनाया गया जिसमें बडी संख्या में श्रोता भक्तगण शामिल हुए। श्रीमद्भागवत कथा का इसके साथ ही समापन हो गया इस मौके पर मुख्य रूप से कथा यजमान सेवानिवृत्त शिक्षक अवधेश गर्ग उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रामकली गर्ग, भाई कौशल, रामनिवास, जगप्रसाद, रामफल, भागीरथ पुत्र संजय, भतीजा राघवेन्द्र तथा परिवार के सभी सदस्य तथा पहाडीखेरा क्षेत्र के धर्म प्रेमी आयोजन में शामिल हुए। श्रीमद्भागवत कथा सम्पन्न होने के उपरांत दिनांक २५ नवम्बर को हवन, पूजन के आयोजन के साथ ब्राह्मण भोज भण्डारे का आयोजन सम्पन्न होगा।
Created On :   25 Nov 2023 12:58 PM IST