पन्ना के हीरे को मिला जीआई टैग, जीआई टैग मिलने से अंतराष्ट्रीय बाजार में बढेगी वैल्यू

पन्ना के हीरे को मिला जीआई टैग, जीआई टैग मिलने से अंतराष्ट्रीय बाजार में बढेगी वैल्यू

डिजिटल डेस्क, पन्ना। रत्नगर्भा वंसुधरा से निकलने वाले हीरों को अब एक नई पहचान जीआई टैग के रूप में मिली है। इस संबध में जिला खनिज अधिकारी रवि पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए 7 जून २०23 को किया गया आवेदन स्वीकृत हो गया है। जल्दी ही पन्ना की से निकलने वाले हीरों को जीआई टैग मिल जाएगा। श्री पटेल ने कहा कि जीआई टैग यानी भौगोलिक संकेत एक प्रतीक है जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोडने के लिए दिया जाता है। पन्ना के हीरों को जीआई टैग मिले इसके लिए ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी लखनऊ द्वारा चेन्नई स्थित संस्था में आवेदन किया गया था। भारत के वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली यह संस्था काफी छानबीन करने के बाद ही जीआई टैग देती है। जीआई टैग मिलने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रोडक्ट की कीमत बढ जाती है। मालुम हो कि वर्ष 2003 में जीआई टैग की शुरुआत के बाद भारत में पहला जीआई टैग दार्जिलिंग की चाय को साल 2004 में मिला था। इसके बाद देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग क्षेत्रों में पैदा होने वाले उत्पादों को यह टैग मिल चुका है।

Created On :   10 Jun 2023 11:08 AM IST

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