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पन्ना: ओपीएस के समर्थन में कांग्रेस को वोट करने वाले कर्मचारियों को सता रहा डर
डिजिटल डेस्क, पन्ना। विधानसभा चुनाव २०२३ के नतीजे सामने आ चुके हैं। मध्य प्रदेश में १६३ विधानसभाओं में बम्फर जीत दर्ज करते हुए भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में पुन: सरकार बनाने जा रही है। चुनावी परिणाम आने के साथ ही परिणामों को लेकर समीक्षाओं का दौर भी शुरू हो गया है। प्रत्याशी एवं उनके समर्थक मतदान केन्द्रों मेें मिले मतों के साथ ही डाक मतपत्रों से मिले मतों की समीक्षा कर रहे हैं। प्रदेश में भले ही भाजपा ने प्रचण्ड मतों से जीत हांसिल की किंतु डाक मतपत्रों में २३० विधानसभा क्षेत्रों में से १९० विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस तथा भाजपा के प्रत्याशियों के बीच डाक मतपत्र में कांग्रेस पार्टी ने बढत हांसिल की। ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति यह रही कि कांग्रेस प्रत्याशियों को भाजपा प्रत्याशियों की तुलना में डाक मतपत्र से दो से तीन गुना तो कहीं इससे भी अधिक मत प्राप्त हुए।
इसको लेकर जो बडी वजह रही कर्मचारियों द्वारा ओपीएस को लेकर पिछले कुछ सालों से लगातार आंदोलन चलाया जा रहा है और कांग्रेस पार्टी द्वारा मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम को मध्य प्रदेश में लागू किए जाने की घोषणा की गई थी। जिस पर भरोसा करते हुए ओपीएस समर्थक कर्मचारियों ने कांग्रेस के पक्ष में खुलकर वोटिंग की परंतु चुनावी नतीजों में कर्मचारियों द्वारा डाक मत पत्र के माध्यम से कांग्रेस के समर्थन में वोटिंग करके जो दमखम दिखाया गया था वह सामने आए चुनावी परिणामों में असरहीन साबित हो गया और इसके साथ ही ओपीएस समर्थक कर्मचारियों को इससे गहरा धक्का लगा है। अब सरकार का ओपीएस समर्थक कर्मचारियों को लेकर क्या रूख होगा इसका डर भी ओपीएस समर्थक कर्मचारियों और आगे होकर इसकी खुलकर आवाज बुलंद कर रहे कर्मचारी नेताओं को सताने लगा है।
पन्ना जिले की तीनों विधानसभाओं की भी स्थिति यह रही कि डाक मतपत्र की गणना में जिले की तीनों विधानसभाओं में कांग्रेस प्रत्याशियों को भाजपा प्रत्याशियों से दो से तीन गुने मत प्राप्त हुए हैं। जिले के पन्ना विधानसभा क्षेत्र में जहां भाजपा १७९१० मतों से जीत हांसिल की वहीं डाक मतपत्रों की स्थिति यह रही कि भाजपा प्रत्याशी बृजेन्द्र प्रताप सिंह को महज ३८५ डाक मतपत्र ही प्राप्त हुए जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी भरत मिलन पाण्डेय को पौंने तीन गुना से भी अधिक कुल १०११ डाक मतपत्र प्राप्त हुए। कुछ यही हाल पवई विधानसभा क्षेत्र में रहा जहां भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद लोधी २२०४३ मतों से विजयी हुए हैं जिसमें उन्हें डाक मतपत्र से महज २८५ मत प्राप्त हुए वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश नायक को डाक मतपत्र से लगभग तीन गुना ७५८ डाक मतपत्र प्राप्त हुए। गुनौर विधानसभा क्षेत्र का हाल भी यही रहा जिसमें कांटे के मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा ११६० मतों से विजयी हुए जिसमें उन्हें २८९ डाक मतपत्र प्राप्त हुए जबकि कांग्रेस के इंजीनियर जीवनलाल सिद्धार्थ को राजेश वर्मा की तुलना में लगभग तीन गुना ८५३ डाक मतपत्र प्राप्त हुए।
लोकसभा चुनाव से पहले हो सकती है सर्जरी
विधानसभा चुनाव के नतीजों के प्रशसानिक गलियारों की हो रही चर्चा में यह कहा जा रहा है कि अप्रैल-मई २०२४ लोकसभा चुनाव हो सकता है। पिछली बार लोकसभा चुनाव के लिए ११ मार्च को तिथियों की घोषणा की गई थी जिसकी स्थिति इस बार भी आसपास वही हो सकती है ऐसे में चुनावी साल को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग परीक्षा को लेकर अपनी तैयारियां कर रहा है। इसके पहले प्रदेश सरकार कुछ स्तर पर प्रशसानिक सर्जरी कर सकती है। जिस अधिकारी-कर्मचारी का परफार्मेंस खराब रहा और उसका चुनाव परिणाम भी असर पडा उसे हटाया जा सकता है।
नई सरकार के गठन होने का इंतजार
विधानसभा चुनाव के परिणाम ३ दिसम्बर को आ चुके हैं। अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के चयन हेतु विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। दिनांक ११ दिसम्बर को विधायक दल की बैठक में यह तय जो जायेगा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही रहेंगे या कोई नया चेहरा लोगों को देखने को मिलेगा। अधिकारी-कर्मचारियों के साथ सत्ता पक्ष से जुडे नेताओं की नजर इस पर लगी हुई है। मंत्रीमण्डल को लेकर भी कयासों और अनुमानों का दौर शुरू हो गया है। सरकार के गठन के बाद लोकसभा चुनाव को लेकर भी सत्ता पक्ष अधिकारियों और कर्मचारी तंत्र की अपनी फील्डिंग अपने लिहाज से किस रूप में सेट करेगा इस पर चर्चायें शुरू हो गईं हैं। बहरहाल इन सबके बीच कर्मचारी तबका काफी डरा हुआ है।
Created On :   11 Dec 2023 12:39 PM IST