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पन्ना: प्रतिबंध के बाद भी चुपके से बिक रही है सल्फास, आए दिन सल्फास खाकर आत्महत्या किए जाने के सामने आ रहे मामले
डिजिटल डेस्क, पन्ना। गेहूं में लगने वाले कीडों को नष्ट करने के लिए के कार्य में उपयोग होने वाली सल्फास नाम कीटनाशक गोलियों की बिक्री पर सरकार द्वारा सालों-साल पहले प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद कीटनाशक विक्रेताओं द्वारा धडल्ले से सल्फास की बिक्री की जा रही है। सल्फास की अवैधानिक रूप से बिक्री के चलते यह किसानों को आसानी से उपलब्ध हो रही है और इसके चलते अवसाद से ग्रस्त लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के उद्देश्य से इसका उपयोग किया जा रहा है। कीटनाशक पदार्थ से आत्महत्या किए जाने की ज्यादातर मामलों में सल्फास का उपयोग किया जाना सामने आ रहा है।
प्रतिबंध के बावजूद सल्फास की बिक्री रोकने के लिए और जो कीटनाशक व उर्वरक विक्रेता हैं उनके विरूद्ध जांच कार्यवाही भी नहीं की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि यदि कीटनाशक दवा विक्रेताओं की दुकानों व प्रतिष्ठानों पर आकस्मिक रूप से जांच कर छापामार कार्यवाही की जाये तो इन दुकानदारों के पास काफी मात्रा में सल्फास की डिब्बियां छिपीं हुईं मिलेगीं किंतु कृषि विभाग जिसके माध्यम से विक्रेताओं को लाईसेंस प्रदान किए जाते हैं उसके द्वारा दुकानों की जांच कार्यवाही नहीं की जाती है जिसके चलते सल्फास की चोरी-छिपे हो रही बिक्री पर कोई रोक नहीं हैं और इसका उपयोग आत्महत्या जैसे मामलों में भी लोगों द्वारा किया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों द्वारा गेहूं को सुरक्षित करने के लिए ज्यादातर भण्डारित गेहूं के साथ सल्फास रखकर उसका उपयोग किया जाता है। जिसके लिए निर्धारित प्रक्रिया की भी किसानों को जानकारी नहीं होती। वह भी उनके लिए काफी घातक साबित हो सकता है। सर्वाधिक चिंता सल्फास के सेवन से सामने आ रहे आत्महत्या के मामलों को लेकर है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति यह है कि आत्महत्या के ज्यादातर मामले सल्फास को खा लिए जाने की वजह से हो रहे हैं, कारण यह है कि सल्फास की दवा इतनी जहरीली है कि खाने के कुछ समय अंतराल बाद ही शरीर के तमाम तंत्रों को कुछ ही समय में डैमेज कर देती है और सल्फास खाने के बाद बचने वाले व्यक्तियों की संख्या भी न के बराबर होती है। जिला प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि सल्फास की बिक्री को रोकने के लिए कडाई के साथ कदम उठायें जायें और इस मामले में पुलिस को भी चाहिए कि सल्फास खाने की वजह से जो मामले उनके सामने संज्ञान में आते हैं वह सल्फास उन्हें किन दुकानदारों अथवा विक्रेताओं से प्राप्त हुई इसकी भी जांच की जाये और संबधितों के विरूद्ध कार्यवाही हो।
Created On :   4 Oct 2023 3:24 PM IST