शासकीय माध्यमिक शाला जमुनिहा, एक कमरे में संचालित हो रहीं हैं कक्षा १ से ८वीं तक की कक्षायें

शासकीय माध्यमिक शाला जमुनिहा, एक कमरे में संचालित हो रहीं हैं कक्षा १ से ८वीं तक की कक्षायें

डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा नि.प्र.। एक ओर जहां प्रदेश के साथ जिले में विकास पर्व मनाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिले में शिक्षा के क्षेत्र में विकास की दयनीय स्थिति लगातार सामने आ रही है। जिससे विकास को लेकर किए जा रहे सरकारी दावों की कलई खुल रही है। जिले के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर स्थिति में है। विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए जो बुनियादी सुविधायें मिलनी चाहिए उसकी स्थिति यह है कि जर्जर हो चुके विद्यालयों के चलते खुले में पडों के नीचे बैठकर बच्चों को पढाये जाने की तस्वीरें सामने आ रहीं हैं तो कहीं हालत यह है कि छात्रों लिए बैठक व्यवस्था नहीं होने से एक साथ एक ही कमरे में कई कक्षायें संचालित हो रहीं हैं। पन्ना जिला मुख्यालय से लगभग ४० किमी दूर स्थित पहाडीखेरा क्षेत्रांचल स्थित ग्राम पंचायत दिया की माध्यमिक शाला जमुनिहा में पठन-पाठन की स्थिति अजीबोगरीब रूप से सामने आई है। शासकीय माध्यमिक शाला जमुनिहा जिसमें कक्षा १ से ८वीं तक के कुल ९८ विद्यार्थी दर्ज हैं।

जिसमें प्राथमिक खण्ड में ४९ तथा माध्यमिक खण्ड में पढने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी ४९ है। कक्षा १ से ८वीं तक की सभी कक्षायें वर्षों पूर्व निर्मित हुए प्राथमिक शाला भवन के उपलब्ध एक कक्ष में एक साथ संचालित हो रहीं हैं। कक्षा १ से ८वीं तक एक कमरे में सभी कक्षाओं को साथ में शिक्षक किस तरह से पढा रहे हैं और बच्चे इस तरह एक साथ बैठकर स्कूल में क्या सीख पा रहे हैं यही अपने आप में विद्यालय की बदहाल शिक्षा व्यव्स्था को लेकर बडा सवाल खडा कर रहा है। विद्यालय के पुराने प्राथमिक खण्ड में कुल दो कमरे तथा बरामदे हैं जिसमें एक कक्ष का कार्यालय के रूप में तथा दूसरे कक्ष का उपयोग कक्षा १ से ८वीं तक एक साथ बच्चों को बैठाकर उनकी पढाई कराने के लिए किया जा रहा है। एक ही उपलब्ध कक्ष में एक साथ १ से ८वीं तक विद्यार्थियों के पठन-पाठन का कार्य सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित है।

प्राथमिक खण्ड के लिए बना नया भवन बुरी तरह से हुआ क्षतिग्रस्त

सर्वशिक्षा अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष २००४-०५ में प्राथमिक खण्ड के लिए तीन कमरा तथा हाल युक्त विद्यालय भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था। जिसके लिए निर्माण एजेन्सी विद्यालय में गठित पालक-शिक्षक संघ को बनाया गया और इसकी मानीटरिंग की जिम्मेदारी सर्वशिक्षा अभियान के इंजीनियरों को दी थी किंतु लाखों रूपए की लागत से विद्यालय भवन के लिए जो निर्माण कार्य किया गया उसकी गुणवत्ता बेहद खराब होने और सामग्री का उचित मात्रा में उपयोग नहीं करने के चलते कुछ साल के बाद ही विद्यालय भवन क्षतिग्रस्त होने लगा और धीरे-धीरे भवन की स्थिति इस रूप में पहुंच गई है कि जो दो कमरे व एक बरामदे का निर्माण किया गया था उसकी छत पूरी तरह से खराब हो चुकी है। छत के ऊपरी हिस्से से सरिया निकलकर ऊपर आ चुके हैं तथा छत की छाप लगातार गिर रही है। जो नया भवन बना था उसमें बरसात होने पर छत से पानी रिस रहा है और कभी भी भवन गिरकर धराशायी हो सकता है। इसके चलते बच्चों को वहां बैठाकर पढाई कराना संभव नहीं हैं और इसी के चलते कक्षा १ से ८वीं तक सभी ९८ बच्चों को विद्यालय के शिक्षक प्राथमिक खण्ड के पुराने भवन में उपलब्ध एक कमरे में एक साथ बैठाकर पढाने के लिए मजबूर हैं।

माध्यमिक खण्ड के लिए नहीं बना भवन

ग्राम जमुनिहा में प्राथमिक शाला के साथ ही कक्षा ६ से ८वीं तक के बच्चों की सुविधा के लिए माध्यमिक शाला की स्वीकृति प्रदान कर कक्षा ६ से लेकर ८वीं तक की पढाई का कार्य प्राथमिक शाला के लिए बनें भवन में शुरू किया गया था किंतु जहां कक्षा ६ से लेकर ८वीं तक की कक्षायें संाचलित होती रहीं किंतु माध्यमिक शााला के लिए भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किया गया था और जब अब प्राथमिक शाला के लिए नया भवन इस लायक नहीं रह गया है कि बच्चों को उसके नीचे पढाकर पठन-पाठन का कार्य कराया जाये। इसके लिए चलते कक्षा ६वीं से ८वीं तक के बच्चे प्राथमिक शाला के बच्चों के साथ एक कक्ष में बैठकर पढाई करने के लिए मजबूर हैं।

विद्यालय में पदस्थ हैं दो नियमित तथा दो अतिथि शिक्षक

प्राथमिक तथा माध्यमिक खण्ड की कक्षायें एक साथ एक कमरे में संचालित हो रहीं हैं। विद्यालय के प्राथमिक तथा माध्यमिक खण्ड में एक-एक नियमित शिक्षक एवं माध्यमिक खण्ड में दो अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। बरसात के मौसम के अलावा जब मौसम सामान्य रहता है तो स्कूल के बाहर खुले क्षेत्र में शिक्षक बच्चों का पठन-पाठन कार्य करवाते हैं।

खेत से होकर जाते हैं बच्चे स्कूल, विद्यालय में लाइट भी नहीं

माध्यमिक शाला जमुनिहा जो कि कक्षा १ से ८वीं तक संचालित है। इस विद्यालय की स्थिति यह है कि गांव से लगभग आधा किमी दूर स्थित स्कूल पहुंचने के लिए कोई रास्ता तक नहीं हैं। बच्चों को खेतों से होकर अपने विद्यालय तक पहुंचना पड रहा है। इसके चलते कई बार छोटे-छोटे बच्चे स्कूल पहुंचने के दौरान रास्ते में कीचड में गिर जाते हैं साथ ही साथ उनकी सुरक्षा को लेकर भी खतरा बना रहता है। माध्यमिक शाला की स्थिति यह है कि भवन ही नहीं बल्कि दूसरी जरूरी सुविधायें भी बच्चों को यहां के उपलब्ध नहीं हैं। स्कूल में बिजली तक की व्यवस्था नहीं हैं साथ ही साथ जो शौंचालय बनाये गए थे वह भी अनुपयोगी और खराब हो चुके हैं। विद्यालय में बच्चों को स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है।

बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी

माध्यमिक शाला जमुनिहा की जर्जर शैक्षणिक व्यवस्था बच्चों के बैठने के लिए कक्षों के नहीं होने तथा बुनियादी सुविधायें नहीं होने के चलते ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीणों द्वारा गत वर्ष विद्यालय में ताला लगाकर अपना विरोध जताया गया तथा कहा कि इससे अच्छा तो यह है कि विद्यालय संचालित ही न हो। ग्रामीणों विकास पाण्डेय, हरिशंकर सिंगरौल, धीरज द्विवेदी, आशीष पाण्डेय व पी.एस. लोधी आदि ने बताया कि यदि विद्यालय में पढने वाले बच्चों के लिए भवन निर्माण का कार्य शीघ्र स्वीकृत नहीं होता तो ग्रामीण विद्यालय का ताला लगाकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

इनका कहना है

हमारे द्वारा ग्राम पंचायत अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला जमुनिहा के भवन सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की स्थिति को लेकर कई बार सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों, उपयंत्रियों के साथ ही जिला व जनपद पंचायत और उच्च स्तरीय अधिकारियों को जानकारी दी गई है परंतु बच्चों की शिक्षा एवं सुरक्षा को लेकर कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है।

रामशिरोमणि लोधी

रपंच ग्राम पंचायत दिया

विद्यालय में अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो इसके लिए नवीन भवन निर्माण को लेकर प्रस्ताव तैयार कर भेजा जायेगा। विद्युत आदि व्यवस्था को लेकर भी कार्यवाही की जायेगी।

श्रीमती कविता त्रिवेदी

बीआरसी पन्ना

Created On :   28 July 2023 1:40 PM IST

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