नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को शेष प्राकृत जीवनकाल तक का कारावास

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को शेष प्राकृत जीवनकाल तक का कारावास

डिजिटल डेस्क, पन्ना। नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगा ले जाने और फिर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में जिला न्यायालय की पास्को कोर्ट में विशेष न्यायाधीश इन्द्रजीत रघुवंशी द्वारा आरोपी दिनेश उर्फ गनेश अहिरवार को पास्को एक्ट की धारा ५(एल)/६ के आरोप में आजीवन कारावास शेष प्राकृत जीवनकाल तक की सजा एवं ०५ हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है। आरोपी को अन्य धाराओ में दोषी पाते हुए क्रमश: आईपीसी की धारा ३६३ के आरोप में ०३ वर्ष की सजा १००० रूपए का अर्थदण्ड, धारा ३६६ के आरोप में ०५ वर्ष की सजा २००० रूपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।

यह था मामला

पीडिता के पिता नेे गुनौर थाने में रिपोर्ट लेख कराई थी कि दिनांक २४ फरवरी २०२१ को शाम ०४ बजे उसकी पुत्री खेत की तरफ जा रही है कहकर चली गई थी जो वापिस नहीं लौटी। उसके बारे में ग्राम एवं रिश्तेदारी में पता किया गया परंतु वह कहीं नहीं मिली।

उसने कहा कि उसकी पुत्री को कोई बहला फुसलाकर भगा ले गया है। पिता की सूचना रिपोर्ट पर थाने में गुम इंसान तथा गुमशुदा के नाबालिग होने पर आईपीसी की धारा ३६३ के तहत प्रकरण पंजीबद्ध हुआ। दिनांक १४ जनवरी २०२२ को पीडिता एवं आरोपी को गुरूग्राम गुडगांव हरियाणा से दस्तयाब किया गया। पीडिता नाबालिग ने अपने कथन में आरोपी द्वारा शादी करने का वादा कर मोटर साइकिल में बैठाकर छतरपुर और छतरपुर से ट्रेन में बैठाकर गुडगांव ले जाने तथा किराये के कमरे में रखकर गलत काम करने की जानकारी दी। जिस पर आरोपी के विरूद्ध धाराओं में इजाफा किया गया तथा प्रकरण की विवेचना पूरी कर न्यायालय में पुलिस द्वारा चालान पेश किया गया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में बिन्दुवार साक्ष्य प्रस्तुत कर साक्षियों के कथन करवाये गये। जिला लोक अभियोजन अधिकारी संदीप कुमार पाण्डेय के मार्ग दर्शन में विशेष लोक अभियोजक दिनेश खरे द्वारा पैरवी की गई।

Created On :   21 July 2023 1:01 PM IST

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