Panna News: सहकारी बैंक सिमरिया में लाखों का गबन, शासकीय खातों से पैसे निकालकर डारमेट खातों में किए ट्रांसफर, पूर्व शाखा प्रबंधक व स्टॉफ पर संदेह

सहकारी बैंक सिमरिया में लाखों का गबन, शासकीय खातों से पैसे निकालकर डारमेट खातों में किए ट्रांसफर, पूर्व शाखा प्रबंधक व स्टॉफ पर संदेह

Panna News: आम आदमी की बचत और सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुँचाने के लिए स्थापित बैंकों में ही अनियमितताओं का एक बडा मामला सामने आया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सिमरिया में वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान पदस्थ रहे तत्कालीन शाखा प्रबंधक जय नारायण पाठक और स्टाफ पर वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम देने और लाखों रुपये का गबन करने का गंभीर आरोप लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री पाठक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अधीनस्थ स्टाफ के साथ मिलकर बैंक के विभिन्न शासकीय खातों से लाखों रुपये का गबन किया।

संदिग्ध प्रविष्टियाँ और डॉरमेट खाते का उपयोग

अनियमितताओं की जाँच में यह बात सामने आई है कि ओला, पाला, अतिवृष्टि, मुआवजा राशि के लिए शासन से प्राप्त खातों तथा ग्राम पंचायत और सहकारी समितियों के खातों में जमा राशि को कम किया गया है। सत्यापन में पाया गया कि इन खातों से राशि को नामें हस्तांतरित कर सिमरिया शाखा में संचालित एक डॉरमेट निष्क्रिय खाते में ट्रांसफर किया गया। सबसे बडी अनियमितता यह है कि यह राशि इंदर सिंह चौहान पुत्र राम लखन, सिमरिया के नाम से संचालित एक डॉरमेट खाते में कई बार अलग-अलग तारीखों में हस्तांतरित की गई और फिर आहरित कर ली गई। महत्वपूर्ण यह है कि इन लेनदेन की तारीखों पर शाखा में आहरण के वाउचर भी नहीं मिले हैं जिससे ये सभी प्रविष्टियां प्रथम दृष्टया में अत्यंत संदिग्ध प्रतीत होती हैं।

डॉरमेट खाते से एटीएम जारी कर आहरण

वित्तीय अनियमितताओं में एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि इंदर सिंह चौहान के डॉरमेट खाते में दिनांक ०७ फरवरी २०२४ को मात्र 200 रूपए जमा करके एटीएम कार्ड जारी कर दिया गया। शाखा के एटीएम रजिस्टर में जारीकर्ता के हस्ताक्षर भी मौजूद बताए जा रहे हैं। इसके बाद विभिन्न तारीखों और स्थानों के एटीएम मशीनों का उपयोग करके इस खाते से गलत तरीके से राशि का आहरण किया गया। एटीएम जारी करते समय खातेदार की जानकारी में भी संशोधन किया गया था। इन सभी भुगतानों को तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा बैंक में पदस्थ अन्य कर्मचारियों की आईडी के माध्यम से किया गया। जिससे लाखों रुपये के लेनदेन की जानकारी सामने आई है।

तत्कालीन स्टाफ की भूमिका भी संदिग्ध

प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि इस पूरे वित्तीय अनियमितता में तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित उस अवधि में पदस्थ समस्त स्टाफ की भूमिका भी संदिग्ध है और सभी की संलिप्तता की प्रबल संभावना है। यदि भुगतान करने वाले कर्मचारियों की आईडी और संबंधित खातों की सही तरीके से गहन जाँच की जाए तो घोटाले की परतें और भी खुल सकती हैं तथा गबन की वास्तविक राशि का पता चल पाएगा। बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की गई है कि वह ऐसे सभी संदिग्ध खातों और तत्कालीन स्टाफ की कार्यप्रणाली की व्यापक जाँच करें और दोषियों को चिन्हित कर कठोर दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने शाखा प्रबंधक को जारी किया नोटिस

वहीं इस मामले को गंभीरता से लेेते हुए सहाकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक जे.एन. पाठक को नोटिस जारी किया है जिसमें लेख है कि शाखा सिमरिया में पदस्थ रहने के दौरान वर्ष २०२३-२४ एवं २०२४-२५ में डोरमेट खाता की सूची देखने में पाया गया कि शाखा में पूर्व में खुले हुए शासन से प्राप्त ओला, अतिवृष्टि की राशि खातों में कम हुई है। जिसका सत्यापन करने पर पाया गया कि पिछले वर्षों में कुछ राशि का नामें हस्तांतरण की प्रविस्टियों की गईं। प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया शाखा स्तर पर विभिन्न दिनांक में संदिग्ध प्रविष्टियां पाई गई जो ७१३००० रूपए है। नोटिस के माध्यम से शाखा प्रबंधक श्री पाठक को आदेशित किया गया है कि राशि समय पर जमा न करने एवं जबाव संतोषजनक न पाये जाने पर आपके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए सेवानियम के तहत निलंबन की कार्यवाही की जावेगी।

इनका कहना है

आपके द्वारा यह जो मामला संज्ञान में लाया गया है इसकी पूरी जानकारी में सोमवार को अपने अधिकारियों से लूंगा उसके बाद क्या कार्यवाही होना है तभी बता पाऊंगा।

एस.एस. झा, कोर्ट कमिश्नर जिला सहकारी बैंक पन्ना

Created On :   2 Nov 2025 3:21 PM IST

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