प्रभु भक्ति से होते हैं चमत्कार: गणाचार्य विराग सागर जी

प्रभु भक्ति से होते हैं चमत्कार: गणाचार्य विराग सागर जी
  • गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज
  • चातुर्मास में शामिल श्रृद्धालुगण

डिजिटल डेस्क, देवेन्द्रनगर नि.प्र.। सलेहा के समीपवर्ती अति प्राचीन जैन तीर्थ श्रेयांश गिरी की पावन धरा पर राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महा मुनिराज 30 साधुओं विशाल संघ सहित चातुर्मासरत् हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रतिदिन की शांति धारा गुरु नाम गुरुओं के चित्रानावरण से किया गया। इसके पश्चात देवेंद्रनगर की पाठशाला के बच्चे द्वारा गुरु पूजन, भक्ति नृत्य व मंगलाचरण कर धर्म सभा में आकर्षण बढा दिया जाता है। इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव के दर्शनार्थ इटवां, सलेहा, देवेंद्रनगर, गुनौर, पन्ना, कटनी, शाहनगर, अजयगढ, पवई, सतना आदि स्थानों से श्रृद्धालुगण आ रहे हैं। मीडिया प्रभारी भरत सेठ घुवारा ने जानकारी देते हुए बतलाया की पूज्य गुरुदेव के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य संदीप, सुधीर कटनी व शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य सदन पवई को प्राप्त किया।

इसी श्रृंखला में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि जिंदगी के वह क्षण सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं जब देव शास्त्र गुरु के पादमूल में बैठने का सुअवसर मिलता है। श्रेयांशगिरी अतिशय क्षेत्र मेंं चमत्कारी बड़े बाबा 1600 वर्ष प्राचीन आदिनाथ भगवान के जो दर्शन करता है वह अपने जीवन में असीम पुण्य का संचय कर लेता है क्योंकि प्रभु दर्शन प्राणियों के पाप कर्म का नाश करने वाले हैं। प्रभु व गुरु दर्शन हमारे जीवन व परिवार में सुख शांति लाते हैं व जीवन को आनंद मय बना देते हैं। आगे गणाचार्य श्री ने कहा कि प्रभु भक्ति की अचिंत्य महिमा है ये ही पुण्य संचय के क्षण ऐसा ही पुण्य जगा श्रमणी आयिका विमोहिता श्री एवं आयिका विचार श्री माताजी का रहा जिन्होंने अपने जीवन में साधु-संतों की सेवा कर आहार दान देकर अंत में गुरु चरणों में सल्लेखना पूर्वक समाधि कर अपना जीवन धन्य कर लिया।

Created On :   27 July 2023 11:55 AM IST

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