पन्ना: विद्युत की पर्याप्त सप्लाई न मिलने से धान को हो रहा नुकसान

विद्युत की पर्याप्त सप्लाई न मिलने से धान को हो रहा नुकसान

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले के अजयगढ़ तहसील अंतर्गत धरमपुर व खोरा क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है। पहले जहां अघोषित बिजली कटौती और लो वोल्टेज के कारण धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। वहीं अब गेहूं की बुवाई में भी किसानों को समस्या से जूझना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि 24 घंटे में कुछ देर के लिए ही बिजली आती है उस दौरान वोल्टेज इतना काम रहता है कि मोटर नहीं चलती जिससे किसान ना ही पहले धान की सिंचाई कर पाए और ना ही अब गेहूं की फसल की बुवाई के लिए पलेवा लगा पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वर्तमान में गेहूं, चना, मसूर, बटरी इत्यादि की बुवाई का काम चल रहा है। ऐसे में गेहूं बुवाई से पहले खेतों को नमी देने के लिए सिंचाई करना पलेवा लगाना आवश्यक है जिससे गेहूं के बीज आसानी से अंकुरित हो सके लेकिन चना, मसूर और बटरी के लिए पलावा लगाना आवश्यक नहीं है पर अधिकांश किसान गेहूं की फसल अधिक उगाते हैं जिन्हें खेतों को नमी देने के लिए बुवाई से पहले पलेवा लगाना आवश्यक है लेकिन अघोषित बिजली कटौती और लो वोल्टेज के कारण वह पलेवा नहीं लग पा रहे हैं। बिजली के इंतजार में वह फसल की बुवाई में भी लेट हो रहे हैं।

जिसमें क्षेत्रांच के ग्राम सिद्धपुर, माखनपुर, बहिरवारा, दुर्गापुर, गुलाबीपुर, बालूपुर, लामी, परनियापुर, नयागांव, पंचमपुर, नईदुनिया, मडरका, मझगवां रमजूपुर, पैकनपुर, कुडरा, अमिलिहा, देबिहा, धरमपुर, कीरतपुर, निजामपुर, सरवंशी, कल्याणपुर, खोरा, मकरी, भखरी, सुहवा सहित सैकड़ों ग्रामों के किसान परेशान हैं। किसानों ने बताया कि अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, अल्पवर्षा एवं पाला जैसी प्राकृतिक आपदाओं से पहले ही उन्हें काफी नुकसान हो चुका है। हाल ही में बिजली की बेतहाशा कटौती और लो वोल्टेज के कारण धान की फसल भी चौपट हुई है और अब गेहूं की बुवाई के लिए भी बिजली नहीं मिल रही बिजली विभाग के अधिकारियों से बात करने पर वह कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे रहे हैं। धरमपुर के सेवानिवृत शिक्षक शिव गोपाल सिंह बैस ने बताया कि उनकी धान की फसल पहले ही चौपट हो चुकी है अब गेहूं की बुवाई के लिए वह बिजली का इंतजार कर रहे हैं लेकिन बिजली की उम्मीद टूटने लगी है क्योंकि विद्युत विभाग के अधिकारी भी सही जवाब देने को तैयार नहीं है।

इसी प्रकार इंद्रपाल सिंह ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं की वजह से पहले ही कर्ज सहित अनगिनत समस्याओं में दबे किसान अब बिजली की समस्या से परेशान है धान की फसल सिंचाई के अभाव में प्रभावित हुई है अब गेहूं के लिए बिजली का इंतजार करना पड़ रहा है लेकिन बिजली किसानों के लिए दुर्लभ हो चुकी है कुछ समय तक बिजली रहती है लेकिन वोल्टेज नहीं रहता। जिससे किसानों की उम्मीद टूटने लगी है फसलों को नुकसान होने की वजह से कर्ज में डूब चुके किसान खून के आंसू रोने को मजबूर है और कर्ज चुकाने के लिए वह अपने खेत बेचने को मजबूर हैं यदि समय पर क्षेत्र की बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी तो किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पाएंगे ऐसे में आगामी दिनों में अन्नदाता को दाने-दाने को मोहताज होना पड़ेगा।

Created On :   17 Oct 2023 1:58 PM IST

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