पहाडीखेरा के श्रीरामजानकी मंदिर में किया जा रहा रामकथा का आयोजन

पहाडीखेरा के श्रीरामजानकी मंदिर में किया जा रहा रामकथा का आयोजन

डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा नि.प्र.। जिले के पहाडीखेरा में बस स्टैण्ड के समीप स्थित श्रीराम जानकी मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में श्रीराम कथा का आयोजन पहाडीखेरा क्षेत्रवासियों के सहयोग से महामण्डलेश्वर मोहनदास जी महाराज चित्रकूट धाम के मुखारबिन्द से श्रीराम कथा का वाचन किया जा रहा है। कथा मेें विस्तार से वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि वशिष्ट की नगरी धन्य है जहां उत्श्रेष्ठी यज्ञ से परमात्मा का अवतरण हुआ। महाराज दशरथ के पास वशिष्ट जैसे समर्थवान गुरू होने के बाद भी वह नि:संतान थे उसका एक मात्र कारण था कि उन्होंने कभी पुत्र प्राप्ति की इच्छा ही प्रकट नहीं की।

जैसे ही महाराज दशरथ ने इच्छा प्रकट की श्रेयंगी ऋषि के द्वारा यज्ञ-अनुष्ठान कराया गया तब धरती पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन का जन्म हुआ। दशरथ के घर साक्षात परम ब्रह्म श्री हरी पैदा हुए और निगुर्ण थे प्रेम के कारण सगुण हो गए। चैत्र मास शुल्क पक्ष की नवमीं तिथि को मध्याहन में श्रीराम ने अवतार लिया तथा जैसे ही श्रीराम का प्रसंग आया तो कथा पण्डाल भये प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी से गूंज उठा और श्रद्धालुओं ने पुष्प की। विप्र, धेनु, सुर, संत हित लीन्ह मनुज अवतार निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार विभिन्न व्याख्यानों के माध्यम से महाराज जी द्वारा कथा का वाचन किया गया। उन्होंने कहा कि श्रीराम का जीवन तो ऐसा पवित्र है कि उनका नाम लेने मात्र से ही जीव मात्र को मुक्ति की प्राप्ति होती है। श्रीराम की मातृ-पितृ भक्ति अलौकिक है उनकी मर्यादा का पालन ही सर्वाेत्तम सेवा हेै। पहाडीखेरा व ग्रामों के कई लोग अमृतमयी श्रीराम कथा सुनकर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।

Created On :   24 May 2023 2:19 PM IST

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