पन्ना: श्रेयांश गिरी महोत्सव तृतीय दिवस, निमित्र पाकर प्रभु ने धारण किया वैराग्य

श्रेयांश गिरी महोत्सव तृतीय दिवस, निमित्र पाकर प्रभु ने धारण किया वैराग्य

डिजिटल डेस्क, पन्ना। विगत तीन दिवस से चल रहे श्री मज्जिनेन्द पंचकल्याणक महामहोत्सव के दीक्षा तप कल्याणक महामहोत्सव के पावन दिवस प्रभु शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ के पावनमयी जीवनवृत्त के आधार पर तीनों चक्रवर्तियों की भव्य दिग्विजय यात्राए राज्याभिषेक, 6 खंडो के अधिपतित्व इत्यादि पावन द्रव्यों का मंचन किया गया। अपरांत निमित्र पाकर षट्खण्डाधिपति त्रय चक्रवर्ती वैराग्य को प्राप्त हुए जिसकी अनुमोदना करने के लिए वृज नामक पांचवें स्वर्ग से लौकान्तिक देवों ने आकर प्रभु के सुंदर मनोभावों को प्रोत्साहन दिया। ज्ञात हो कि जैन धर्म के 16, 17 व 18 वें तीर्थंकर शांतिनाथ, कुन्थुनाथ, अरहनाथ पूर्व पुण्योदय से चक्रवर्ती, कामदेव और तीर्थंकर इन तीन पद के धारी होने से तीनों राजकुमारों की 96 हजार रानियों, 9 निधियों, 14 रत्न के अधिपति थे किंतु संसार की असारता जानकर उन्होंने इस महावैभव को तिनके के समान त्याग कर जैनेश्वरी दीक्षा को ग्रहण किया। प्रभु की दीक्षा के पावन अवसर पर संपूर्ण नचनेवासियों के लिए थाली एवं मिष्ठान वितरण किया गया।

इस अवसर पर देशभर के विभिन्न प्रांतो से आए हजारों श्रद्धालुओं ने पुण्य प्रदायी पंचकल्याणक महामहोत्सव को देखकर जीवन को धन्य किया तथा भगवा नगर में चातुर्मासरत् श्रमणी विप्रा श्री माताजी ने पिच्छी आदि गणाचार्य श्री के कर कमलों में समाज के द्वारा भेंट स्वरूप भेजी। दीक्षा कल्याणक के पावन अवसर पर पूज्य भारत गौरव, राष्ट्रसंत, गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महामुनिराज ने कहा धन्य है वह प्राणी जिन्होंने समय के रहते समय अर्थात अपनी आत्मा का भानकर जीवन को आत्म कल्याण में लगा प्रभु शांतिनाथ ने संपूर्ण सुख वैभव को प्राप्त कर भी आसक्त नहीं बल्कि विरक्त धारण की। यह जीवन वृत्त हमें संकेत दे रहा है कि हे भव्य आत्माओं संसार में पुण्य से सब कुछ संभव है लेकिन जो असारता को जान जैनेश्वरी दीक्षा धारण करते हैं उनके पुण्य का तो कहना ही क्या अर्थात वही परम पुण्यशाली है। दिनांक 22 नवंबर को संपन्न होने वाली आहारचार्य के अवसर पर संपूर्ण समाज में खीर का वितरण किया जाएगा। मीडिया प्रभारी भरत सेठ घुवारा ने जानकारी देते हुए बतलाया कि महोत्सव में रोजाना देश भर के ख्याति प्राप्त अनेक विद्वानों से लेकर दार्शनिक, मनीषी, चिंतक, विचारक, पत्रकारगण, अधिकारी, राजनेता, कवि व गायक भी शामिल हो रहे हैं।

Created On :   22 Nov 2023 4:37 PM IST

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