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श्रीमद् भागवत कथा: धैर्य और दृढ़ता से काँटों को सुलझाना चाहिए: सचिन शास्त्री
- पन्ना शहर के श्री जुगल किशोर जी मंदिर में
- धैर्य और दृढ़ता से काँटों को सुलझाना चाहिए: सचिन शास्त्री
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना शहर के श्री जुगल किशोर जी मंदिर में जगदगुरू वेदांती जी महाराज के शिष्य कथा व्यास सचिन शास्त्री ने कथा के चौथे दिन भक्तों को धुव्र चरित्र, प्रहलाद व भगवान वामन की कथा का श्रवणपान कराया। कथा का आयोजन शहर के सेवानिवृत लेखपाल वीरेंद्र कुमार रिछारिया व उनके परिजनों द्वारा कराया जा रहा है। महाराज जी ने कहा कि हृदय की क्षुद्र दौर्बल्यता एवं वैचारिक संकीर्णता हमारे दिव्य जीवन व कीर्ति के विस्तार की सम्भावनाओं को संकुचित कर देती हैं। व्यक्तित्व के सम्पूर्ण परिष्करण निमित्त सेवा, औदार्य और वैचारिक सम्पन्नता आरम्भिक साधन है हमारे पुरुषार्थ को जागृत रखता है। यह गुण कठिन क्षणों में ऊर्जा का स्रोत सिद्ध होता है। आत्मबल हमें हर बुराई और विघ्न-बाधाओं से बचाता है।
उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास और अहंकार के बीच की महीन रेखा को पार करना व्यक्तिगत विकास और व्यावसायिक सफलता दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। यह आत्म विश्वास केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों के बारे में नहीं है। इसमें किसी के मूल्य और क्षमता की व्यापक समझ सम्मिलित है। आध्यात्मिक मार्ग ऊबड़-खाबड, कंटीला और कठिन है। श्रुति घोषणा करती है कि क्षुरस्य धारा निसीता दुरत्यय दुर्गम पथस्तत् कवयो वदन्ति वह मार्ग उस्तरे की धार के समान तीव्र और अगम्य है बुद्धिमान लोग कहते हैं कि उस मार्ग पर चलना कठिन है। धैर्य और दृढ़ता से काँटों को सुलझाना चाहिए। मन पर दृष्टि केन्द्रित रखें और देखें कि वह क्या कर रहा है। मन को नियंत्रित करने के लिए ये दो विधियाँ पर्याप्त हैं। कथा के मुख्य यजमान वीरेन्द्र कुमार रिछारिया व रिछारिया परिवार के लोगों ने नगर के धर्मप्रेमी जनता से कथा में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर कथा का श्रवणपान कर धर्मलाभ उठाने की अपील की है।
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Created On :   8 May 2024 1:20 PM IST