Pune City News: 500 से ज्यादा तेंदुओं को वनतारा भेजने की तैयारी

500 से ज्यादा तेंदुओं को वनतारा भेजने की तैयारी
  • माणिकडोह तेंदुआ निवारण केंद्र पहुंची वनतारा की टीम
  • 11 तेंदुए पहले भी भेजे गए
  • महीनेभर में पकड़े 17 तेंदुए

भास्कर न्यूज, पुणे। जिले में बढ़ते मानव-तेंदुआ संघर्ष को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़े स्तर पर रणनीति तैयार की है। इसी क्रम में वनतारा टीम ने मंगलवार को जुन्नर के माणिकडोह तेंदुआ निवारण केंद्र का निरीक्षण किया। टीम ने वहां तेंदुओं के रखरखाव, भोजन, वातावरण और सुरक्षा प्रक्रिया का जायजा लिया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी पुणे और जुन्नर से कुल 11 तेंदुए वनतारा भेजे गए थे, जो अब वहां के माहौल में पूरी तरह से ढल गए हैं। वनतारा का क्षेत्र विस्तृत और प्राकृतिक रूप से उपयुक्त होने के कारण वहां तेंदुओं को बसाने का निर्णय लिया गया है।

राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार 500 से ज्यादा तेंदुओं को वनतारा में भेजने की योजना है। पुणे और जुन्नर क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मानव-तेंदुआ संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं। संघर्ष कम करने के उद्देश्य से तेंदुओं को सुरक्षित वातावरण वाले वनतारा में स्थानांतरित किया जा रहा है।

वन विभाग सूत्रों के मुताबिक अन्य जिलों ने पुणे के तेंदुओं को अपने क्षेत्र में शिफ्ट करने में रुचि नहीं दिखाई, जिस कारण वनतारा को ही मुख्य विकल्प के रूप में चुना गया है। इसीलिए वनतारा की तकनीकी टीम ने माणिकडोह केंद्र में वहां के पर्यावरणीय मानकों और सुरक्षा आवश्यकताओं का अध्ययन किया। अब निरीक्षण के आधार पर टीम प्रस्ताव तैयार करेगी, जिसके बाद तेंदुओं की देखरेख की आधिकारिक जिम्मेदारी उसे सौंपी जाएगी।

महीनेभर में पकड़े 17 तेंदुए

मानव-तेंदुआ संघर्ष पर नियंत्रण के उपायों की जिला अधिकारी ने की समीक्षा

इससे पहले जिला अधिकारी जितेंद्र डूडी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें जिले के तेंदुआ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि 12 अक्टूबर-25 से अब तक शिरूर और आंबेगांव तहसील में 17 तेंदुए पकड़े गए हैं, जिन्हें माणिकडोह केंद्र में रखा गया है। तेंदुए के हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिले में 24x7 काम करने वाला कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका टोल-फ्री नंबर 1800-3033 जारी किया गया है। एआई-आधारित निगरानी, सोलर नाइट सर्विलांस ड्रोन, कैमरा ट्रैप्स और साउंड अलर्ट सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकें तेंदुआ प्रभावित गांवों में सक्रिय की जा रही हैं। फिलहाल जुन्नर वन विभाग के पास 262 पिंजरे हैं, जबकि बाकी पिंजरों के निर्माण का कार्य जारी है। जिला अधिकारी डुडी ने बाहरी जिलों और राज्यों से 700 अतिरिक्त पिंजरे तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं ताकि संवेदनशील क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

जुन्नर, मंचर और शिरूर में भी नए तेंदुआ आवास केंद्र प्रस्तावित

पुणे जिला प्रशासन ने तेंदुआ निवारण की दिशा में दीर्घकालिक योजना बनाना शुरू कर दिया है। जुन्नर-मंचर में एक-एक और शिरूर में दो स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां नए तेंदुआ आवास केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में माणिकडोह तेंदुआ निवारण केंद्र में 50 तेंदुओं की क्षमता है, लेकिन अभी वहां 67 तेंदुए रखे गए हैं। बढ़ती संख्या देखते हुए जिला अधिकारी ने निर्देश दिए कि जुन्नर वन विभाग क्षेत्र में 1000 तेंदुए और पुणे वन विभाग क्षेत्र में 500 तेंदुओं का क्षमता वाले नए केंद्र स्थापित किए जाएं।

ग्राम स्तर पर बनेंगी निगरानी समितियां

बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि हर ग्राम सभा में नागरिकों को घटनाओं और उपायों की जानकारी दी जाए। गांव स्तर पर समन्वय समितियां गठित की जाएंगी, जिनमें वन आपदा मित्र, स्वयंसेवी संस्थाएं और अनुभवी नागरिक शामिल होंगे। समितियां ड्रोन सर्वे, जनजागरूकता अभियान और तेंदुआ हमलों से निपटने के लिए मानक कार्यप्रणाली (एसओपी) तैयार करेंगी। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक स्तर पर ‘टाइगर सेल’ की बैठक रखकर वन विभाग और पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाने का निर्णय भी लिया गया है।

Created On :   12 Nov 2025 4:13 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story