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Pune News: आदेश के बावजूद सरकारी बाबुओं को आई कार्ड से परहेज

भास्कर न्यूज, भोर।
भोर के अधिकांश सरकारी कार्यालयों में यह पाया गया है कि अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यालयों में काम करते समय 'पहचान पत्र' पहनने के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश को नजरअंदाज कर रहे हैं। 10 सितंबर को सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्यालयीन कर्मचारियों को पहचान पत्र लगाने का आदेश दिया था। लेकिन, अधिकांश कार्यालयों में इस आदेश को 'कूड़ेदान' (केराची टोपली) में डाले जाने की स्थिति सामने आई है।
राज्य के नागरिक अपने विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग सरकारी कार्यालयों में आते हैं। ऐसे में नागरिकों को अधिकारी और कर्मचारी का नाम और पदनाम पता होना अपेक्षित है। कार्यालय में जाने पर कर्मचारियों की पहचान तुरंत नहीं हो पाती है, जिससे अनावश्यक वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। नागरिकों द्वारा पहचान पत्र मांगने पर अधिकारी/कर्मचारी उन्हें नहीं दिखाते हैं, ऐसी शिकायतें सरकार के पास आई हैं। इस पर सरकार ने कार्यालयों में पहचान पत्र लगाने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार, सरकार पिछले कई वर्षों से समय-समय पर इससे संबंधित आदेश और परिपत्र जारी करती रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है।
चार बार दिए निर्देश
प्रशासनिक सिस्टम हमेशा प्रक्रिया और नियमों पर चलता है। अधिकांश अधिकारी काम के लिए नियम और विनियमों का सहारा लेते हैं, लेकिन पहचान पत्र के उपयोग के मामले में टालमटोल देखने को मिलती है। सरकार ने 1980 से इस संबंध में सरकारी निर्णय और परिपत्र जारी किए हैं, लेकिन तहसील स्तर पर इसे सक्ती से लागू करने से मुंह मोड़ा जा रहा है और हर जगह उदासीनता दिखाई देती है। अपर मुख्य सचिव ने मई 2014 में एक परिपत्र के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ड्यूटी के दौरान अपने पहचान पत्र को दर्शनीय स्थान पर लगाना अनिवार्य कर दिया था। यह भी स्पष्ट किया गया था कि निर्देशों के कार्यान्वयन में ढिलाई बरतने वाले सरकारी बाबुओं पर वरिष्ठ अधिकारी उचित कार्रवाई करें। इसके बाद 10 अक्टूबर 2023 और 10 सितंबर 2025 को फिर से इस संबंध में निर्देश दिए गए। लेकिन, गिनती के कार्यालयों में मुश्किल से एक या दो अधिकारी व कर्मचारियों के पास ही पहचान पत्र देखने को मिलता है। सरकार के 10 सितंबर के नए परिपत्र के अनुसार, 'कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारी कार्यालय में प्रवेश करते समय और कार्यालय में रहते हुए अपना पहचान पत्र दर्शनीय स्थान पर लगाएं। पहचान पत्र न लगाने वाले सरकारी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इन निर्देशों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित कार्यालय और विभाग प्रमुख की होगी।'
भोर विभिन्न सरकारी कार्यालय
भोर में उपविभागीय अधिकारी, तहसील, कृषि, वन विभाग, सार्वजनिक निर्माण, सिंचाई, भूमि अभिलेख, स्टांप शुल्क, सब रजिस्ट्रार, पंचायत समिति, उप-जिला अस्पताल, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, पशुधन संवर्धन आदि कार्यालय हैं। इनमें कम से कम 300 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन कार्यालय में उपस्थित अधिकांश कर्मचारी पहचान पत्र नहीं लगाते हैं।
गणवेश भी नदारद
सभी कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और वाहन चालकों के लिए गणवेश पहनना अनिवार्य है। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में अधिकांश कार्यालयों के चपरासी और वाहन चालकों के शरीर से गणवेश गायब हो गया है। इस कारण, कार्यालय में प्रवेश करने के बाद यह भी तुरंत पता नहीं चलता कि कौन कर्मचारी है और कौन चपरासी। ब्रिटिश काल से खाकी रंग की वर्दी थी, जिसके बाद वह सफेद रंग की हो गईं। गणवेश का कपड़ा कार्यालयों द्वारा चपरासी और वाहन चालकों को उपलब्ध कराया जाता था और कपड़े सिलने के बाद सिलाई का बिल भी कार्यालय देता था। ठंड में गर्म कपड़े का कोट भी दिया जाता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से चपरासी और वाहन चालक बिना गणवेश के दिखाई देते हैं। बड़े और वरिष्ठ अधिकारियों के दौरे के समय और राष्ट्रीय पर्वों पर ही अपवाद स्वरूप कुछ कार्यालयों में चपरासी और वाहन चालक गणवेश पहने हुए दिखाई देते हैं।
Created On :   12 Nov 2025 4:57 PM IST












