Pune City News: शीतल तेजवानी पिंपरी-चिंचवड पुलिस की गिरफ्त में

शीतल तेजवानी पिंपरी-चिंचवड पुलिस की गिरफ्त में
  • सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा
  • 2015 से दर्ज हैं धोखाधडी के छह मामले

भास्कर न्यूज, पिंपरी-चिंचवड। मुंढवा स्थित 40 हेक्टेयर जमीन की खरीद घोटाले की आरोपी शीतल तेजवानी को पिंपरी चिंचवड़ की बावधन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तेजवानी पर जाली दस्तावेज बनाने, विश्वासघात और धोखाधडी के गंभीर आरोप हैं। पुलिस के अनुसार, वह ऐसे अपराधों की अभ्यस्त अपराधी है और उसके खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज हैं। पुलिस ने अंदेशा जताया है कि तेजवानी और अन्य आरोपियों के बीच बडे पैमाने पर वित्तीय लेन-देन हुआ है और इसके पीछे एक बडा रैकेट काम कर रहा है। पौड कोर्ट ने शीतल तेजवानी को सात दिनों की पुलिस हिरासत (23 दिसंबर तक) में रखने का आदेश दिया है।

शीतल किशनचंद तेजवानी (45) इस मामले की मुख्य आरोपियों में से एक है। इस घोटाले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार की भागीदारी वाली कंपनी 'अमेडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी' के भागीदार दिग्विजय अमरसिंह पाटील, जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी रखने वाली शीतल तेजवानी और दस्तावेज पंजीकृत करने वाले सह-द्वितीय निबंधक रवींद्र तारू के खिलाफ 6 नवंबर को बावधन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। सह-द्वितीय निबंधक रवींद्र तारू फिलहाल 19 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में है। वहीं, तीसरे आरोपी दिग्विजय पाटील से भी पुलिस ने सोमवार को दिनभर कडी पूछताछ की।

शीतल तेजवानी को पहले पुणे शहर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे यरवडा जेल भेज दिया गया था। बावधन पुलिस ने मंगलवार को अदालत से 'प्रोड्यूस वारंट' लेकर उसे जेल से हिरासत में लिया। बावधन पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल विभुते ने अदालत को बताया कि तेजवानी के खिलाफ 2015 से अब तक पिंपरी में चार, खडक और शिवाजीनगर में एक-एक यानी कुल छह धोखाधडी के मामले दर्ज हैं। जांच में आरोपी रवींद्र तारू ने बताया है कि जब तेजवानी ने दस्तावेज जांच के लिए दिए थे, तब जो कागज संलग्न थे, उन्हें ऑनलाइन पंजीकरण के समय बदलकर दूसरे कागज लगा दिए गए। तेजवानी ने दस्तावेजों में जो पता दिया है, वह झूठा है और उस पते पर उसका कोई मालिकाना हक नहीं है। पुलिस को संदेह है कि वह जमीनों के अवैध सौदों के लिए इस पते का दुरुपयोग कर रही है।

जांच में यह भी सामने आया है कि अमेडिया कंपनी के दिग्विजय पाटील ने उद्योग विभाग से आशय पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन के साथ एक टर्मशीट जोडी थी, जिसमें जमीन को 5 साल के लिए उपयोग करने का उल्लेख था। हालांकि, तेजवानी के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं था, फिर भी उसने धोखाधडी के उद्देश्य से यह जानकारी दी। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर सरकार को यह आभास कराया कि अमेडिया एंटरप्राइजेज को मुद्रांक शुल्क में छूट मिली है, जबकि जिला उद्योग केंद्र ने ऐसी कोई माफी नहीं दी थी। इस तरह दस्तावेजों का पंजीकरण कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस अब तेजवानी और तारू को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी ताकि इस बडे आर्थिक घोटाले की जड तक पहुंचा जा सके।

Created On :   17 Dec 2025 6:52 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story