Pune City News: चिड़ियाघर की आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया

चिड़ियाघर की आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया
टिकट दर दोगुना करने पर आज स्थायी समिति लेगी फैसला

भास्कर न्यूज, पुणे।कात्रज स्थित मनपा के राजीव गांधी चिड़ियाघर के हाल आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया जैसे हो गए हैं। सालाना आय से दोगुना खर्च चिड़ियाघर के रखरखाव, जानवरों के भोजन, कर्मियों के वेतन और विकास योजना पर हो रहा है। स्थिति यह है कि मनपा भी आय और व्यय की खाई पाटते-पाटते हांफ गई है। यही वजह है कि हर श्रेणी की टिकट दर दोगुना करने का प्रस्ताव शुक्रवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में रखा जा रहा है और उम्मीद है कि समिति प्रस्ताव को हां कर देगी।

करीब सात साल बाद दर वृद्धि का प्रस्ताव लाया जा रहा है। अफसरों ने बताया कि प्राणी संग्रहालय में पर्यटकों की बढ़ती संख्या, रखरखाव और विकास के बढ़ते खर्च के कारण दर वृद्धि जरूरी हो गई है। इसे ध्यान रखते हुए टिकट दरों में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पुरानी दरों में लगभग 50 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है।

कात्रज चिड़ियाघर पुणेवासियों के लिए प्रमुख पर्यटन स्थल है। लगभग 130 एकड़ क्षेत्र में फैले चिड़ियाघर को देखने हर साल हजारों पर्यटक और स्कूली बच्चे आते हैं। प्रस्ताव के अनुसार चिड़ियाघर की वर्तमान प्रवेश शुल्क दरों में कई साल से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, जबकि रखरखाव, पशुओं की देखरेख, खाद्य सामग्री, सफाई, बिजली, सुरक्षा आदि पर होने वाला खर्च लगातार बढ़ रहा है।

नवंबर-18 में हुई थी बढ़ोतरी

प्रस्ताव में कहा गया है कि चिड़ियाघर के विकास कार्यों, नई सेवाओं, आधुनिक सुविधाओं और पर्यटकों को बेहतर अनुभव देने के लिए अतिरिक्त निधि की आवश्यकता है। इन परिस्थितियों में टिकट दरों में वाजिब बढ़ोतरी करना आवश्यक हो गया है। चिड़ियाघर में टिकट की कीमतों में आखिरी बार नवंबर-18 में बढ़ोतरी हुई थी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दर वृद्धि संतुलित रहेगी और अन्य शहरों के प्राणी संग्रहालयों की तुलना में राजीव गांधी चिड़ियाघर का प्रवेश शुल्क उचित रहेगा। टिकट मूल्य में वृद्धि चिड़ियाघर को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।

प्रस्तावित नई दरें

श्रेणी वर्तमान दर प्रस्तावित दर (रुपए में)

सामान्य नागरिक 40 60

छोटे बच्चे 10 20

विदेशी पर्यटक 100 150

विद्यार्थी 10 20

आय सात करोड़, खर्च 15 करोड़

हर साल लोग आते हैं- 16 से 18 लाख

चिड़ियाघर पर सालाना खर्च – 14 से 15 करोड़

सालाना आय- 6 से 7 करोड़

आने वाले हैं नए जानवर

राजीव गांधी प्राणी संग्रहालय में आने वाले महीनों में जेब्रा, पिसोरी हिरण और लॉयन टेल्ड मकाक आदि प्राणी आने वाले हैं। वहां सर्प उद्यान के पुनर्विकास, नए स्थान और आधुनिक पिंजरे बनाने का काम हो रहा है। नए जानवरों के आने से उद्यान का आकर्षण बढ़ेगा, लेकिन उनकी साज-संभाल की लागत भी बढ़ जाएगी। प्लान के तहत संग्रहालय में नए प्रोजेक्ट पर काम किए जाना हैं। प्रशासन का दावा है कि ऐसे में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए टिकट शुल्क में वृद्धि करना लाभदायक सिद्ध होगा।

Created On :   14 Nov 2025 2:31 PM IST

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