Pune News: अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का भंडाफोड़, 4 राज्यों से दबोचे 7 ठग

अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का भंडाफोड़, 4 राज्यों से दबोचे 7 ठग
  • डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 2.80 करोड़ की ठगी
  • तकनीकी जांच से मिली सफलता

भास्कर न्यूज, पिंपरी चिंचवड़। “डिजिटल अरेस्ट” का झांसा देकर देशभर में हो रही ठगी की एक और बड़ी वारदात का पिंपरी चिंचवड़ साइबर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। वरिष्ठ नागरिकों को ब्ल्यू डार्ट कंपनी और मुंबई पुलिस अधिकारी बताकर लगभग 2 करोड़ 80 लाख रुपए की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। पुलिस ने इस गिरोह के 7 आरोपियों को कर्नाटक, तेलंगाना, केरल और मुंबई से गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने इस कार्रवाई के लिए चार राज्यों में लगभग 5,000 किलोमीटर की दूरी तय की।

- 7.86 करोड़ का लेनदेन, देशभर से 31 शिकायतें

गिरफ्तार आरोपियों में मोहम्मद आमेर अखील मोहम्मद आरीफ (35, हैदराबाद), जिगर जितेश पटेल (23, मुंबई), अजित विजयन (36, केरल), सचिन पी. प्रकाश (26, कर्नाटक), मोहम्मद रिहान मोहम्मद तजमुल (18, मैसूर), सैयद ओवेज अफनान सैयद शौकत (20, मैसूर) और उनका एक साथी शामिल है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों के बैंक खातों से 7.86 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। देशभर में इन खातों से संबंधित 31 शिकायतें दर्ज हैं। मुख्य आरोपी मोहम्मद आमेर पहले भी महाराष्ट्र साइबर विभाग में दर्ज 58 करोड़ रुपए की साइबर ठगी के मामले में शामिल पाया गया है।

- ऐसे फांसते थे बुजुर्गों को

साइबर पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने वरिष्ठ नागरिकों से वॉट्सएप और वीडियो कॉल के ज़रिए संपर्क किया, खुद को ब्ल्यू डार्ट अधिकारी और मुंबई पुलिस अधिकारी बताया और विश्वास दिलाने के लिए फर्जी पहचान पत्र और वीडियो कॉल पर नकली यूनिफॉर्म का उपयोग किया। उन्होंने भय दिखाया कि पीड़ित के नाम पर भेजे गए “पार्सल में ड्रग्स, लैपटॉप और संदिग्ध दस्तावेज़ मिले हैं”, जिससे गिरफ्तारी हो सकती है। इस डर का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने खुद को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बताकर पीड़ितों से विभिन्न बैंक खातों में बड़ी रकम जमा करवाने को मजबूर किया।

- तकनीकी जांच से मिली सफलता

साइबर पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल ट्रैकिंग के आधार पर आरोपियों के ठिकाने का पता लगाया। इसके बाद पुलिस टीम ने चार राज्यों में लगातार छापे मारते हुए सभी आरोपियों को चतुराई से गिरफ्तार किया। आरोपियों ने पूछताछ में अपराध कबूल कर लिया है। इस कार्रवाई को सुलझाने में साइबर थाने के पुलिस निरीक्षक रविकिरण नाले, सहायक निरीक्षक प्रविण स्वामी, उपनिरीक्षक वैभव पाटिल, सागर पोमण और रोहित डोलस की टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। नागरिकों से अपील की गई है कि कोई भी व्यक्ति अगर पुलिस अधिकारी, बैंक प्रतिनिधि या कूरियर कंपनी बनकर संपर्क करे और धमकी देकर ऑनलाइन भुगतान करने को कहे, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।

Created On :   14 Nov 2025 4:31 PM IST

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