कर्नाटक पुलिस ने आरोपी का किया ब्रेन मैपिंग

Case of missing minor youth: Karnataka Police did brain mapping of the accused
कर्नाटक पुलिस ने आरोपी का किया ब्रेन मैपिंग
नाबालिग युवक के लापता होने का मामला कर्नाटक पुलिस ने आरोपी का किया ब्रेन मैपिंग
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  • नाबालिग युवक के लापता होने का मामला : कर्नाटक पुलिस ने आरोपी का किया ब्रेन मैपिंग

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक पुलिस 17 वर्षीय लापता युवक के मामले को सुलझाने के लिए दो आरोपियों के ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट के नतीजों का इंतजार कर रही है। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस को संदेह है कि एक वकील सहित आरोपी व्यक्तियों ने युवक का यौन शोषण करने का प्रयास करने के बाद उसकी हत्या की है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपी एक वकील था, इसलिए हत्या को योजना के साथ अंजाम दिया गया और शव को ठिकाने लगा दिया गया।

आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा कि लड़के के साथ क्या हुआ, इस बारे में दोनों कोई सुराग नहीं दे रहे हैं। 17 वर्षीय युवक एक कपड़ा मजदूर का इकलौता बेटा था, जो 19 मई को कनकपुरा तालुक से बाहर गया और फिर कभी नहीं लौटा। तलाश करने के बाद उसकी मां ने कनकपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई।

जांच के बाद, पुलिस ने मामले के संबंध में शंकरगौड़ा और अरुण को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने लापता युवक के बारे में उनसे जानकारी हासिल नहीं कर पाने के कारण उनका ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए अदालत से अनुमति हासिल कर ली। पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपी शंकरगौड़ा शादीशुदा होने के बावजूद समलैंगिक था।

एक अन्य आरोपी अरुण उसका साथी था। आशंका जताई जा रही है कि दोनों आरोपियों ने नाबालिग लड़के को ऑफिस बुलाया था और उसके साथ गाली-गलौज करने की कोशिश की थी। पुलिस को शक था कि जब युवक संबंध बनाने के लिए राजी नहीं हुआ तो आरोपी ने उसकी हत्या कर दी और उसके शव को नदी में फेंक दिया।

रामनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के. संतोष बाबू ने कहा कि जांच के नतीजे पुलिस को युवक के बारे में सुराग जुटाने में मदद करेंगे। पुलिस ने बेंगलुरु की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में जांच कराई। उन्होंने कहा कि ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट के साथ-साथ आरोपियों का ब्रेन इलेक्ट्रिकल ऑसिलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग (बीईओएस) टेस्ट भी किया गया।

बीईओएस एक ईसीजी तकनीक है, जिसके द्वारा इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल आवेगों को प्राप्त करके किसी अपराध में एक संदिग्ध की भागीदारी का पता लगाया जाता है। पुलिस को उम्मीद है कि रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की गुत्थी सुलझ जाएगी।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   23 Dec 2022 4:00 PM IST

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