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डेंटिस्ट ने प्रेमिका की हत्या कर गड्ढे में दबा दी लाश - शव के साथ में दफना दी कुत्ते की लाश , 68 दिन से लापता थी
डिजिटल डेस्क सतना। अपनी ही अटेंडेंट भानू केवट की हत्या के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार डेंटल सर्जन डा.आशुतोष त्रिपाठी ने जोश में भी होश नहीं खोए थे। उसने बेहद ही शातिराना अंदाज में रात को साढ़े 4 फिट गहरे गड्ढे में लाश को जूट के बोरे में भर कर दफनाया। नमक के साथ 3 फीट मिट्टी भरी । इसके बाद उसने ऊपर से मरे हुए कुत्ते को भी साथ में दफना कर फिर से मिट्टी डाल दी और भारी भरकम पत्थरों से दबा दिया। आरोपी आशुतोष त्रिपाठी ने ऐसा इसलिए किया कि अगर शव की बदबू बढऩे पर पुलिस गड्ढे को खुदवाती भी है तो पहले कुत्ते की लाश मिलेगी । सड़ाध की वजह कुत्ता मानकर बात आगे नहीं बढ़ेगी, और इस तरह से उसके गुनाहों पर हमेशा के लिए मिट्टी पड़ जाएगी।
शादी का दबाव बनाने की सजा
अपनी ही अटेंडेंट की हत्या के आरोपी डेंटल सर्जन आशुतोष त्रिपाठी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने 14 दिसंबर को शाम 7 बजे धवारी स्थित क्लीनिक में ही भानू की उसी के डुपट्टे से गला घोट कर हत्या कर दी थी। अगले दिन 15 फरवरी को सुबह वह लालता चौक गया और वहां से एक मजदूर यह कह कर लाया कि गंदे पानी के जमाव के लिए साढ़े 4 फिट गहरा गड्ढा खुदवाना है। यह गड्ढा उसने क्लीनिक और सुलभ कॉम्पलेक्स के बीच लगभग 8 फिट चौड़ी उस गली में खुदवाया जहां कोई आता-जाता नहीं है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि भानू ने उसे परेशान कर रखा था। वह शादी के लिए लगातार दबाव बना रही थी। बात-बात में मारपीट पर उतर आती थी।
2 साल से थी संपर्क में :-----
उधर, 24 वर्षीया भानू केवट की मां रुकमिनिया केवट पत्नी रामनरेश (42) निवासी मल्लाहट टोला (धवारी) ने पुलिस को बताया कि भानू एलएलबी की पढ़ाई करने के साथ-साथ पिछले 2 साल से आशुतोष त्रिपाठी की क्लीनिक में नौकरी करने भी जाती थी। वह हर दिन सुबह 8 बजे घर से निकल जाती थी और रात 9 बजे घर आती थी। डॉक्टर ही उसे घर छोडऩे आता था। मां के मुताबिक 4 बहनों में दूसरे नंबर की बेटी भानू अपनी बड़ी बहन से अक्सर कहा करती थी कि वह पढ़ी-लिखी है, डॉक्टर साहब ने उसके साथ शादी करने का वायदा किया है।
और, फिर नई कहानी
मां ने बताया कि पिछले साल 14 दिसंबर को वह रोज की तरह घर से क्लीनिक के लिए निकली, मगर जब रात 10 बजे तक घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने पूछताछ शुुुरु की। भानू का मोबाइल भी बंद था। परिजनों ने आशुतोष से संपर्क किया तो उसने अनभिज्ञता जताई। अगले दिन भी उसने टाल दिया, लेकिन जब परिजनों ने बार-बार उससे पूछताछ शुरु कर दी तो आरोपी आशुतोष ने परिजनों को नई कहानी सुना दी। आरोपी ने भानू के माता-पिता से कहा कि वह कहीं और नौकरी करने लगी है। उसने अपना मोबाइल नंबर भी बदल लिया है। वह घरवालों के साथ नहीं रहना चाहती है। कहीं और किराए का मकान लेकर रह रही है। आशुतोष ने कहा कि भानू उसके भी संपर्क में नहीं है। पुलिस से शिकायत करने की बात पर शातिर किस्म के आरोपियों ने उन्हें यह कह कर घुमा दिया कि लड़की की जात है, मामला पुलिस में जाएगा तो समाज में परिवार की बदनामी होगी।
अंतत: ऐसे आया पकड़ में
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि आरोपी की बातों में उलझे परिजन अंतत: 51 दिन बाद पहली फरवरी को सिटी कोतवाली पहुंचे। मां रुकमिनिया की शिकायत पर लापता बेटी भानू गुम इंसान दर्ज की गई। पुलिस ने जांच शुरु की तो डेंटल सर्जन आशुतोष त्रिपाठी साइबर सेल के राडार पर आ गया। असल में भानू केवट की मोबाइल पर आखिरी बात डॉक्टर से ही हुई थी। कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) की पड़ताल से शक के दायरे में आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया। उसी की निशानदेही पर भानू की लाश भी बरामद कर ली गई। सीएसपी विजय प्रताप सिंह और दो नायब तहसीलदार अनुराधा ङ्क्षसह तथा हिमांशु भलावी की मौजूदगी में नगर निगम की टीम ने गड्ढे को खोद कर शव का बाहर निकाला। पोस्टमार्टम 21 फरवरी को जिला अस्पताल में कराया जाएगा।
मोबाइल की तलाश
पुलिस को अब भानू के मोबाइल की तलाश है। आरोपी डेंटल सर्जन आशुतोष त्रिपाठी को युवती की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के आरोप में आईपीसी की दफा 302 और 201 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। 32 वर्षीय आरोपी मूलत: सिंहपुर थाना अंतर्गत शिवराजपुर का रहने वाला है। यहां धवारी में मंगल भवन के पास भी उसका घर है। परिजनों की मानें तो आरोपी ने भानू से मंदिर में चोरी छिपे शादी की थी। भानू उससे विधिवत विवाह करना चाहती थी।
Created On :   21 Feb 2021 1:10 PM GMT