ढाका पुलिस स्टेशन विस्फोट : तीन आरोपी 14 दिनों की रिमांड में
- ढाका पुलिस स्टेशन विस्फोट : तीन आरोपी 14 दिनों की रिमांड में
ढाका, 31 जुलाई (आईएएनएस)। ढाका की एक अदालत ने गुरुवार को यहां पल्लबी पुलिस स्टेशन में हुए बम विस्फोट से जुड़े दो मामलों में तीन लोगों को 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया। बुधवार सुबह हुए इस घटना में चार पुलिसकर्मियों समेत कुल पांच लोग घायल हो गए थे।
तीन आरोपी रफिकुल इस्लाम(40), शाहिदुल इस्लाम(24), मुशर्रफ हुसैन(26) हैं।
हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मामले में किसी भी आतंकवादी संलिप्तता से इनकार किया है। मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, बुधवार सुबह 6 बजे पल्लबी पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट में पांच लोग घायल हो गए। घटना के समय पुलिस स्टेशन के प्रभारी तीन आतंकवादियों से पूछताछ कर रहे थे। विस्फोट वजन तौलने की मशीन में हुआ।
ढाका महानगरीय पुलिस के उपायुक्त(मीडिया) वालिद हुसैन ने आईएएनएस से कहा, पुलिस को सूचना मिली थी कि वे लोग एक राजनेता की हत्या की साजिश रच रहे थे।
इसके बाद बम निस्तारण दस्ते ने और बमों को निष्क्रिय कर दिया।
तीन दिन पहले, अन्य ईकाईयों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को अलर्ट किया गया था। पुलिस को राजधानी के पालटन क्षेत्र में कट्टरपंथी ताकतों द्वारा विस्फोट करने की आशंका थी।
काउंटर टेरिरिज्म एंड ट्रांजेशनल क्राइम यूनिट के प्रमुख मनिरूल इस्लाम ने कहा कि यह घटना केवल एक घटना है और इसका आंतवाद से कोई संबंध नहीं है।
ढाका महानगर के अतिरिक्त पुलिस अयुक्त कृष्णा पड़ा राय ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों से दो पिस्तौल, चार गोली और एक तौलने वाली मशीन जैसे उपकरण बरामद किए है।
पूछताछ के दौरान, आरोपी ने खुलासा किया कि उपकरण के अंदर बम रखे हुए थे।
पुलिस ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसी ने बुधवार सुबह छापे के दौरान तीन व्यक्तियों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया।
महानगर दंडाधिकारी मैन्युल इस्लाम के समक्ष पल्लबी पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर ने तीनों को पेश किया और 20 दिन की रिमांड की मांग की।
जांच से जुड़े एक और अधिकारी ने कहा कि आरोपी सीधे अपने पास हथियार और विस्फोटक सामग्री रखने के दोषी थे। इसलिए मामले में संलिप्त अन्य लोगों की जानकारी के लिए उन्हें रिमांड में रखना जरूरी है।
बचाव पक्ष ने हालांकि अन्य याचिका दायर कर रिमांड को रद्द करने की मांग की।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दंडाधिकारी ने याचिकाओं को खारिज कर दिया और आरोपियों को 14 दिन के रिमांड में भेज दिया दिया। उन्होंने कहा कि यह घटना किसी आतंकवादी द्वारा अंजाम नहीं दिया गया है बल्कि आपराधिक इरादे से किया गया कार्य है।
Created On :   31 July 2020 2:00 PM IST